अविनाश ब्यौहार
![](https://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2019/07/images-6-1.jpg)
रोई आँगन
में बरसात।
भीगी बिल्ली सी
रात डरी।
पावस की बातें
हरी हरी।।
अंदेशों मे
जागी प्रात।
बारिश का
कहर हुआ
तड़के।
मेघा गरजे
बिजली कड़के।।
बूंदों की
बाँटे खैरात।
अविनाश ब्यौहार
रायल एस्टेट कटंगी रोड
जबलपुर
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रहा है। ऐसे में मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। प्रवक्ता डॉट कॉम इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।