परिचय:- नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को हुआ था. मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जो आजादी के बाद पैदा हुए हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उनकी कुंडली काफी हद तक बाल गंगाधर तिलक से मिलती हैं.1958 में दिवाली के दिन गुजरात में कुछ बच्चों ने बाल स्वयंसेवक की शपथ ली थी. उनमें से एक बच्चा 8 साल का नरेन्द्र मोदी भी था. मोदी बचपन में एक्टिंग और नाटकों में भाग लेते थे. मोदी एन सी सी में भी शामिल थे. मोदी 1965 में भारत.पाकिस्तान युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाते थे. मोदी बचपन में साधु संतो से प्रभावित होकर हमेशा के लिए सन्यासी बनना चाहते थे. बचपन में मोदी पास के तालाब से मगरमच्छ पकड़कर घर ले आए थे. बाद में माँ के कहने पर वापिस छोड़ कर आए. मोदी का विवाह 18 वर्ष की उम्र में ही कर दिया गया था. लेकिन शादी के 2 साल बाद ही उन्होनें घर छोड़कर सन्यासी बनने का फैसला किया . मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित 3 महीने का कोर्स किया था . मोदी कोई भी नया काम करने से पहले अपनी माँ का आशीर्वाद लेते हैं. मोदी शाकाहारी है और सिगरेट, शराब को कभी हाथ नही लगाते. जब मोदी 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तब उनकी माँ ने कहा था कि बेटा कभी रिश्वत मत लेना. गुजरात के 13 साल के शासन में मोदी ने एक भी छुट्टी नही ली. मोदी जब अहमदाबाद संघ मुख्यालय में रहते थे तो वहां सारे छोटे काम करते जैसे साफ.सफाई चाय बनाए और बुर्जुग नेताओं के कपड़े धोना शामिल हैं.
दुनियादारी से अलग :- मोदीजी का चरित्र आम नेताओं जैसा नहीं था . वह दुनियादारी के सभी पचड़ों से बिल्कुल अलग थे. उनमें ईमानदारी और कर्तब्यनिष्ठा की पराकाष्ठा भरी पड़ी थी. उन्होने अपने परिवार और अपने भाइयों को अपनी कैबिनेट में या राजनीति में लाने का जरा भी प्रयास नहीं किया. उनके भाई साधारण नागरिक का जीवन जी रहे हैं और उनकी भतीजी गरीबी में मर गई. उन्हें शासन चलाने की कला मुलायम सिंह से सीखनी चाहिए थी. जहाँ सैफई में उनके परिवार के करीब 36 सदस्य आज उत्तर प्रदेश में एम पी या एम एल ए से लेकर ब्लाक प्रमुख के पदों पर सुशोभित हैं. वही मुलायम सिंह जिन्हें दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती थी, आज करोडपति ही नहीं अरबपति हैं. 30 वर्ष पहले बहन मायावती का पूरा परिवार दिल्ली में एक कमरे में रहा करता था. आज मायावती के भाई का बंगला सुन्दरता में ताज महल को भी मात दे रहा है. मोदी जी ने मायावती से भी कोई सीख ग्रहण नहीं किया. एक ही समानता है कि दोनों एकाकी जीवन यापन कर रहे हैं. दोनों के पास यद्यपि कोई पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं है. एक फकीर है तो दूसरा दौलत की देवी .
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री देवगोडा अपने पोते को 100 करोड़ की बहु भाषाई फिल्म में बतौर सुपर हीरो उतार रहे हैं. कर्नाटक के हासन जिले में आधी से ज्यादा खेती की जमीन देवगोडा परिवार की है. मोदी जी देवगौडा के प्रभाव से भी मुक्त हैं और उसे ग्रहण करने में विफल रहे हैं. कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बेटा जो सरकारी अस्पताल में मुख्य चिकित्सक है और छोटा पुत्र जिसका अभी हाल में निधन हुआ है. उसका ब्रूसेल्स में बड़ा कारोबार है. और उसके बच्चे जर्मनी में पढ़ रहे हैं. इस कला को मोदी जी अपनाने में विफल रहे हैं.
सोनिया का दामाद जो मुरादाबाद में पुराने पीतल के आइटम बेचा करता था .आज पांच सितारा होटल का मालिक है. उसका शिमला में एक महल है और लक्जरी कारों का मालिक है. हरियाण के पूर्वमुख्यमंत्री खट्टर ने उनके लिए कौन सा नियम विरुद्ध कार्य नहीं किया है. पूर्ववर्ती एनडीए के सारे मंत्री जिनके आगे पीछे लगे रहते थे. मोदी जी इनसे भी कोई सीख नहीं ग्रहण कर सके.इतना ही नहीं मोदीजी अपने परिवार के लिए कुछ भी नहीं कर सके. उनकी माँ आज भी ऑटोरिक्शा में चलती है उनका भाई ब्लू कालर जॉब यानि मेंहनत मजदूरी कर रहे हैं और आप की एक भतीजी शिक्षामित्र है ;आप उसे टीचर की नौकरी भी नहीं दिलवा पाए .द्ध जो कि दूसरो के कपडे सिलती है तथा ट्यूशन पढ़ा कर अपनी जीविका चला रही है .
मोदी जी आप प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने भाइयों को एम पी या एम एल ए का टिकट नहीं दिलवा पाए . वे चाहते तो अपनी बहनों को राज्य सभामें एम पी बनवा सकते थे और उनके जीजा जिला स्तर के चुनाव लड़ कर ब्लाक प्रमुख तो बन ही सकते थे. मोदीजी सीखने में बहुत सुस्त हैं. 15 वर्ष तक गुजरात में और प्रधानमंत्री का आधा कार्यकाल दिल्ली में बिताने के बाद भी आप लालू, मुलायम, केजरीवाल , सोनिया गाँधी, बहन मायावती से कुछ भी नहीं सीख सके हैं . वे अपनी रसोई का खर्च भी खुद वहन कर रहे हैं. उनका कपड़ा भारत में ही बनता है. जबकि नेहरुजी के कपड़े पेरिस में धुलने के लिए जाते थे .
उपरोक्त बातो से प्रभावित होकर 2014 में जनता ने बहुत बड़ी गलती करके परम्परा से हटकर एक बहुत ही ईमानदार और देशभक्त इंसान को वोट दिया . जो खुद गलत नहीं होगा वह किसी को गलत तरीके से फायदा ही क्या दिलवा सकता है. हम सभी को अपने चुनाव के लिए गर्व तो है परन्तु वह किसी को गलत रास्ते से लाभ दिलवाने में विल्कुल असफल रहे हैं.इस देशभक्त का मार्गदर्शन लेकर सच में ईमानदारी और कर्तब्यनिष्ठ की पराकाष्ठा से किसे लाभ मिल पायेगा ?
सर्वाधिक पापुलर नेता:- बराक ओबामा के व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले राजनेता बन गए . पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब और गूगल प्लस में मौजूद नेताओं में से सबसे ज्यादा फॉलोअर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं. मोदी के ट्विटर, फेसबुक, गूगल प्लस, लिंक्डइन, इनस्टाग्राम, यूट्यूबइट पर क्रमश 2.65 करोड़, 3.92 करोड़,32 लाख, 19 लाख, 58 लाख, 59 लाख फॉलोअर्स हैं। उनके मोबाइल एप के एक करोड़ डाउनलोड हैं। राजनीतिक नेताओं के जितने भी एप हैं. उनमें यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया है.
बीजेपी के नेताओं और पत्रकारो से भी पंगा :- मोदी ने शायद बीजेपी के कुछ नेताओं और पत्रकारो से भी पंगा ले लिया है जो काले धन में गढे है . शीर्ष पर ये आदमी बहुत अकेला है. उनके गोआ वाले भाषण में ये बात बहुत उभर कर सामने आई हैं ये वयक्ति बहुत जिद्दी भी है. भले ये बर्बाद हो जायेगा लेकिन अब यहॉं से ये लौटेगा नहीं . अब मोदी आरपार की लड़ाई में है . अब इनको सिर्फ देशवासियों का ही सहारा है. जमीनी नेता होने की वजह से इनमें एक खास किस्म का साहस भी है. जो कभी.कभी दुस्साहस की सीमा को भी छू आता है. अगर मोदी इन 50 दिनों की नोटबन्दी में फेल होते हैं तो ये खुद तो खत्म हो ही जायेंगे लेकिन देश भी मुसीबत में फँस जायेगा . देशवासियों को अगला 50 दिन भी इस आदमी का साथ देना ही पड़ेगा. मोदी जी के आम जनता की जिम्मेदारी बढ़ी. आम जनता को ही मीडिया बनना पड़ेगा। उपरोक्त विशिष्ट पहचान वाले राजनेता मोदी जी को मनमाना निरुदेश्य काम करने नहीं देंगे . उन्हें असुविधा तो हो ही रही होगी. वे साधारण लोगों को मोदी के खिलाफ करने की कोशिश जरुर करेंगे. उनके इस प्रकार के घिनौनी कृत्य से मोदी जी को आम जनता ही बचा सकती है .मोदी तो आज भारत की सबसे बड़ी धरोहर है. इसको संजोये रखना हम सब की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है .
आमजनता से अपील :- आमजनता से अपील है कि इस युगांतरकारी कार्य में देश आप सबके धैर्य सहयोग और समर्पण की आवश्यकता महसूस कर रहा है. अगर आपने कभी माँ भारती की जय बोली है. भगतसिंह राजगुरु सुखदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित किये है. जय हिन्द के नारे लगाये हैं. नेताजी सुभाष चन्द को आपना आदर्श पुरुष माना है. तो आज आपकी आवश्यकता ये देश महसूस कर रहा है. आज वक्त आ गया है कि जिस व्यक्ति ने अपनी मातृभूमि के लिए अपना घर परिवार भाई बान्धव और यहाँ तक की जीवन संगनी को छोड़ कर सब कुछ देश के उत्थान को ही जीवन का लक्ष्य बनाया है ,उसे आज हम भी अहसास करा दें कि उनका निर्णय किसी भी तरह गलत नही था .आज कविवर नीरज की पंक्तिया जीवंत हो रही है –
मेरे हिमालय के पासबानो। गुलिस्तां के बागबानों।
उठो सदियों की नींद तजके तुम्हे वतन फिर पुकारता है।
लिखो बहारों के नाम खत ऐसा की फूल बन जाये ये खार सारे।
लगा दो रौशनी की कलमें कि जमीं पर उगने लगें सितारे।
पलट दो पिछले हिसाब ऐसे , उल्ट दो गम के नकाब ऐसे।
जैसे सोई हुई कली का घूंघट भंवरा उघाड़ता है।
उठो सदियों की नींद ताज के की तुम्हे वतन फिर पुकारता है।।
अमेरिका के सेवा निवर्त्त राष्ट्रपति अपने लिए किराय पर मकान ढून्ढ रहे हैं – वे आठ साल तक रष्ट्रपति रहें हैं – अपने लिए एक नाकान भी नहीं बना सके. उन्हें चाहिए की भारत की निवर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल से कुछ सीख लेते.
…और इन्हीं कारणों से श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी आज युग-पुरुष बने भारत के भाग्य जगाने आये हुए हैं| हमें उनका स्वागत कर भारत पुनर्निर्माण में लग जाना चाहिए|
आलेख, हर भारतीय को पढना चाहिए, और सभीको पढाना चाहिए।
अभी नहीं, तो कभी भी, भारत उठ नहीं पाएगा ।
अवसर चूका ना जाए।
मोदी जी को हरेक देशभक्त साथ दे।
लेखक को हृदयतल से अनेकानेक धन्यवाद।