राकेश कुमार पटेल
एक दिन तो मुस्कुरा ले
कब तक याद रखेगा।
इस गम को, कभी तो भुला ले
एक दिन तो मुस्कुरा ले।
देखी है ,कभी तूने दुनिया
कितनी खुबसूरत है।
कभी तो अपने आखों को जगा ले
एक दिन तो मुस्कुरा ले।
भटकता रहता है प्यार की चाह में
तेरे अंदर ही प्यार बसा है।
कभी तो खुद को आजमा ले
एक दिन तो मुस्कुरा ले।
इस कठोर चट्टनों में कब तक फिरता रहेंगा
कभी तो प्यार भरे समंदर में गोते लगाा ले।
एक दिन तो मुस्कुरा ले।
कब तक होठों पे सिसकियों की बौछार लगायेगा
कभी तो इन पर सादगी ही बहार लगा ले
एक दिन तो मुस्कुरा ले।