राजनीति जातिवाद के दलदल में फंसी हमारी राजनीति September 8, 2018 by डॉ. विवेकानंद उपाध्याय | 1 Comment on जातिवाद के दलदल में फंसी हमारी राजनीति डॉ. वेदप्रताप वैदिक अजा जजा अत्याचार निवारण कानून को लेकर कभी अनुसूचित जाति-जनजाति द्वारा और कभी सवर्णों द्वारा बार-बार भारत बंद का जो नारा दिया जा रहा है, वह आखिर किस बात का सूचक है? वह प्रमुख राजनीतिक दलों के दिवालिएपन का सूचक है। जो दल शुद्ध जातिवादी राजनीति करते हैं और जिनका वर्चस्व सिर्फ […] Read more » अदालत अस्पताल जातिवाद दलदल पुलिस में प्रशासन बस रेल स्कूल में हमारी राजनीति
विधि-कानून विविधा बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय May 5, 2017 / May 5, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आप किसी भी भारतीय भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते। हिंदी का भी नहीं। हिंदी राजभाषा है। यह हिंदी और राज दोनों का मजाक है। यदि आप संसद में भारतीय भाषाओं का प्रयोग कर सकते हैं तो सबसे बड़ी अदालत में क्यों नहीं? सबसे बड़ी अदालत में सबसे बड़ा अन्याय है, यह ! देश के सिर्फ चार उच्च न्यायालयों में हिंदी का प्रयोग हो सकता है- राजस्थान, उप्र, मप्र और बिहार! छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी स्वभाषा के प्रयोग की मांग कर रखी है। Read more » bihar Constitution High Courts hindi Narendra Modi Regional Language Supreme Court अदालत छत्तीसगढ़ राजस्थान
विधि-कानून अदालतों में अंग्रेज़ी की अनिवार्यता : हमारी ग़ुलाम मानसिकता का प्रमाण May 13, 2013 / May 13, 2013 by अम्बा चरण वशिष्ठ | Leave a Comment अम्बा चरण वशिष्ठ अंग्रेज़ तो हमें 65 साल पूर्व आज़ाद कर चले गये पर हमारी ग़ुलामी वाली मानसिकता हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। यह स्थिति एक नहीं भारतीय जीवन व प्रशासन के अनेक पहलुओं में उजागर होती है। लार्ड मैकाले ने लगभग 8 वर्ष में ही भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की रचना कर दी […] Read more » अंग्रेजी अदालत न्यायालय