धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज ने देशवासियों में स्वाभिमान जगाया है : आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ” October 8, 2018 / October 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम तपोवन-देहरादून के शरदुत्सव के तीसरे दिन की रात्रि सभा में विद्वानों ने राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में वेद और आर्यसमाज का योगदान विषय पर विद्वानों के प्रवचन एवं भजन हुए। मुख्य व्याख्यान आर्यजगत् के उच्च कोटि के विद्वान आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ जी का हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान में […] Read more » अलगाववाद आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ आतंकवाद आर्यसमाज क्षेत्रवाद जातिवाद पं. नरेशदत्त आर्य भाषावाद
समाज राष्ट्रीय—एकता एक चिंतन September 19, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on राष्ट्रीय—एकता एक चिंतन शिवदेव आर्य, किसी भी राष्ट्र के लिये राष्ट्रीय एक ता का होना अत्यन्त आवश्यक है। राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सशक्त व संगठित बनाये रखने की अनन्य साधिका है। राष्ट्रीय एकता विभिन्नताओं में एकता स्थापित करने की व्यवस्थापिका है। प्रायः कहा जाता है कि वर्तमान में भारत की राष्ट्रीयएकता सर्वमत समभाव पर आश्रित है। […] Read more » क्षेत्रवाद जातिवाद भाषावाद राष्ट्रिय—एकता एक चिंतन साम्प्रदायिकता
परिचर्चा विविधा परिचर्चा : राज ठाकरे की राजनीति के बारे में आप क्या कहते हैं? February 8, 2010 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 31 Comments on परिचर्चा : राज ठाकरे की राजनीति के बारे में आप क्या कहते हैं? स्वस्थ बहस ही लोकतंत्र का प्राण होती है। ‘प्रवक्ता डॉट कॉम‘ पर हुए विचार-विमर्शों में हमने हमेशा आम आदमी की आवाजों को प्रमुख स्थान दिया है। हमने कहा है, ‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ का मतलब ‘आवाज आपकी’। ‘प्रवक्ता’ पर हम एक नया स्तंभ ‘परिचर्चा‘ प्रारंभ कर रहे हैं। यहां आप समसामयिक प्रश्नों पर अपने विचार व्यक्त […] Read more » Raj Thakre क्षेत्रवाद परिचर्चा राज ठाकरे
राजनीति बता दीजिए किसकी है मुंबई February 3, 2010 / December 25, 2011 by संजय द्विवेदी | 9 Comments on बता दीजिए किसकी है मुंबई मुंबई देश का सबसे बड़ा शहर ही नहीं है, वह देश की आर्थिक धड़कनों का भी गवाह है। यहां लहराता हुआ समुद्र, अपने अनंत होने की और आपके अनंत हो सकने की संभावना का प्रतीक है। यह चुनौती देता हुआ दिखता है। समुद्र के किनारे घूमते हुए बिंदास युवा एक नई तरह की दुनिया से […] Read more » Mumbai क्षेत्रवाद मराठी मानुष मुंबई
राजनीति राष्ट्रवाद बनाम महा-राष्ट्रद्रोह October 25, 2008 / December 22, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on राष्ट्रवाद बनाम महा-राष्ट्रद्रोह लेखक- जयराम दास देश के छ: राज्यों में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। चुंकि मुख्यधारा के चार राज्यों में मोटे तौर पर भाजपा बनाम कांग्रेस का ही विकल्प है, तो यह सवाल मौजूद है कि आखिर मतदाता किसका समर्थन करें, इस लेखक के नजर में चुनाव के तीन मुख्य मुद्दे इस बार चर्चा में रहना […] Read more » casteism अलगाववाद क्षेत्रवाद जातिवाद राष्ट्रवाद