साहित्य हिन्दी की अस्मिता का प्रश्न September 13, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on हिन्दी की अस्मिता का प्रश्न लोकेन्द्र सिंह सर्वसमावेशी भाषा होना हिन्दी का सबसे बड़ा सौन्दर्य है। हिन्दी ने बड़ी सहजता और सरलता से, समय के साथ चलते हुए कई बाहरी भाषाओं के शब्दों को भी अपने आंचल में समेट लिया है। पहले से ही समृद्ध हिन्दी का शब्द भण्डार और अधिक समृद्ध हो गया है। हिन्दी को कभी भी अन्य भाषाओं […] Read more » इंजन इंजेक्शन एम्बुलेंस कन्नड़ कम्पनी कोंकणी गुजराती डीजल नर्स बांग्ला मणिपुरी मलयालम स्टेशन असमिया कश्मीरी कार चैनल टेलीविजन ट्रेन डॉक्टर तमिल नेपाली पेट्रोल बस मराठी संस्कृत हिन्दी की अस्मिता का प्रश्न
राजनीति टेलीविजन और वामपंथी बचकानापन April 27, 2011 / December 13, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन में बड़बोलापन महंगा पड़ता है। यहां जो ज्यादा बोलता है टीवी उसी को पीटता है। विधानसभा कवरेज पर आने वाली खबरों और टॉक शो में राज्य के ठोस राजनीतिक मसलों पर बहसें हो रही हैं। टेलीविजन कवरेज ने इसबार के चुनाव को पूरी तरह अ-राजनीतिक बना दिया है। पहलीबार ऐसा हो […] Read more » TV टेलीविजन वामपंथ
प्रवक्ता न्यूज़ टेलीविजन संस्थाएं समाज का बेड़ा गर्क कर रही हैं January 19, 2011 / December 16, 2011 by अनिकेत प्रियदर्शी | 1 Comment on टेलीविजन संस्थाएं समाज का बेड़ा गर्क कर रही हैं अनिकेत प्रियदर्शी पहले बुद्धू बक्से के नाम से सुशोभित और आज लफड़ा बक्सा का पर्याय बन चुका हमारा टेलीविजन इस कदर पगला गया है कि अब वो किसी भी हद को पार करने में संकोच नहीं करता। कभी ज्ञान का एक सशक्त माध्यम रहा टेलीविजन अब एक हंगामेदार वेश्यालय का स्वरूप लगने लगा है। ज्ञान […] Read more » TV टीवी टेलीविजन
प्रवक्ता न्यूज़ टेलीविजन का तालिबानी मुक्तराज्य November 21, 2010 / December 19, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on टेलीविजन का तालिबानी मुक्तराज्य -जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन में तालिबानी तांडव चल रहा है। भारत के विभिन्न समाचार चैनल टीवी समाचारों के सभी किस्म के एथिक्स और कानूनों को त्यागकर तालिबानी हथकंड़ों पर उतर आए हैं। वे सरकारी रिपोर्ट और पुलिस की चार्जशीट को खोजी खबर बनाकर पेश कर रहे हैं । और सनसनीखेज टीवी पत्रकारिता कर रहे हैं। हिन्दू […] Read more » talibanism of television इलेक्ट्रॉनिक मीडिया टेलीविजन
प्रवक्ता न्यूज़ टेलीविजन में स्त्री-मर्द का नया आख्यान March 9, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment टेलीविजन ने समाज का मिजाज बदला है। सूचना और मनोरंजन की धारणा बदली है। किंतु इसके वैचारिक सरोकार नहीं बदले हैं।कार्यक्रम बदले हैं। चरित्र बदले हैं। तकनीकी प्रोन्नति हुई है। इसकी आमदनी बढ़ी है। चैनल बढ़े हैं। कलाकार, प्रस्तोता,एंकर,निर्देशक आदि सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है किंतु टेलीविजन का दकियानूसी स्वभाव नहीं बदला […] Read more » TV टेलीविजन
मीडिया टेलीविजन का सफर…. January 10, 2010 / December 25, 2011 by केशव आचार्य | Leave a Comment भारत में टीवी की शुरूआत शिक्षा के प्रसार के साथ ही हुई। बदलते समय के साथ ही इसने शिक्षा के साथ-साथ सामाचार, मंनोरंजन, ज्ञान-विज्ञान, हेल्थ और लाइफ स्टाइल तक के पहलुओं को अपने में समेट लिया। बुद्धु बक्से के बदलते इस परिवेश पर पेश है एक ख़ास रिपोर्ट.. 21 वीं सदी की शुरूआत में बुद्धु […] Read more » TV टीवी टेलीविजन