कुरीतियों के उन्मूलन की ओर देश ?
प्रमोद भार्गव मुस्लिम समुदाय में पिछले 1400 वर्ष से प्रचलित तीन तलाक की कुरीति से…
प्रमोद भार्गव मुस्लिम समुदाय में पिछले 1400 वर्ष से प्रचलित तीन तलाक की कुरीति से…
जो भावना मानवता के प्रति अपना फर्ज निभाने से रोकती हो क्या वो धार्मिक भावना…
मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का अभूतपूर्व निर्णय मुस्लिम समाज में तीन तलाक…
तीन तलाक, निकाह हलाला, बहुपत्नीवाद, पशु-बलि, बुर्का, मांसाहार, ताबीज, आदि ये सब बातें किसी भी धर्म के शाश्वत और सार्वदेशिक लक्षण नहीं हो सकते। इन्हें देश-काल के मुताबिक बदलते रहना चाहिए। यही बात शरिया, रोमन और ग्रीक लॉ पर भी लागू होती है। आज स्त्री-पुरुष समानता का युग है। इसमें यदि आदमी तीन बार बोलकर औरत को तलाक दे सकता है तो औरत भी तीन बार बोलकर आदमी को
बरुण कुमार सिंह हमारे समाज में एक सोच बहुत ज्यादा प्रभावशाली है और वो है…