पर्यावरण लेख प्राकृतिक आपदा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं February 12, 2021 / February 12, 2021 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलकउत्तराखंड के चमोली जिले के नीती घाटी स्थित रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में व्यापक स्तर पर जन-धन का नुकसान रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर तनिक भी चिंतित नहीं हैं। इस हादसे में तकरीबन दो सैकड़ा से अधिक लोग लापता हुए हैं और […] Read more » We ourselves are responsible for the natural disaster प्राकृतिक आपदा प्राकृतिक आपदा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं
पर्यावरण विविधा क्या आप कल्पना कर सकते हैं May 29, 2016 / May 29, 2016 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment अभिषेक कांत पाण्डेय मई की तपती गरमी में पानी की किल्लत आम बात है। वायुमंडल में आग का गोला बरस रहा है। उत्तर भारत के साथ देश के पहाड़ी क्षेत्र भी भीषण गरमी के चपेट में है। पिछले पचास सालों में पर्यावरण को जबरजस्त नुकसान पहुंचा है। आज भी हम क्रंकीट के शहर में खुद […] Read more » प्राकृतिक आपदा
विविधा आस्था के सिंहस्थ में प्राकृतिक आपदा May 9, 2016 / May 9, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment उज्जैन सिंहस्थ में हादसा- प्रमोद भार्गव अभी केरल के पुत्तिंगल मंदिर दुर्घटना की स्मृति घूमिल भी नहीं पड़ पाई थी कि उज्जैन के महाकुंभ मेले में अचानक आई प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपा दिया। पुत्तिंगल में 11 अप्रैल 2016 को मंदिर में आतिशबाजी के प्रदर्शनके दौरान लगी आग से 110 लोगों की मौत हो गई […] Read more » Featured आस्था के सिंहस्थ में प्राकृतिक आपदा प्राकृतिक आपदा सिंहस्थ
पर्यावरण यहां प्राकृतिक आपदा ने निपटने की फिक्र किसे है ? July 3, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान भारत की राजनीति में गहमा गहमी मची हुई है. किसी को आने वाले मौसम की मार से निपटने की चिंता नहीं है. प्राकृतिक आपदाओं में हर वर्ष हजारों जानें चली जाती हैं लेकिन हमारे नेताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बाढ़, तूफ़ान, गर्मी, सुनामी, भूकंप, फ्लू, डेंगू और बुखार से हर वर्ष […] Read more » natural disaster प्राकृतिक आपदा प्राकृतिक आपदा ने निपटने की फिक्र
आर्थिकी खेत-खलिहान राजनीति अन्नदाताओं से नीरस संवाद March 24, 2015 / March 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अन्नदाताओं से नीरस संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के बहाने रेडियो के माध्यम से देश के अन्नदाताओं से जो इकतरफा व एकपक्षीय संवाद किया, उसने साफ है कि केंद्र सरकार के लिए किसान एवं कृषि हित से कहीं ज्यादा औद्योगिक हित महत्वपूर्ण हैं। जबकि मोदी ने तूफानी चुनावी दौरों में किसानों को भरोसा जताया था […] Read more » mann ki bat अन्नदताओं से नीरस संवाद किसान अत्महात्या कृषि मजदूर प्रमोद भार्गव प्राकृतिक आपदा भूमि अधिग्रहण
टॉप स्टोरी प्राकृतिक आपदा,स्वार्थपरक विकास और लुप्त मानवता June 24, 2013 / June 24, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र केदारनाथ में घटित अकल्पनीय प्राकृतिक त्रासदी के दंश सदियों तक इतिहास की तिथियों में याद किये जायेंगे। इस हादसे ने लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया । जिनमें से हजारों लोग अब तक अपने प्राण गंवा चुके हैं । इतिहास गवाह है कि ऐसे प्राकृतिक तांडव के मूल में कहीं […] Read more » प्राकृतिक आपदा स्वार्थपरक विकास और लुप्त मानवता