समाज लचर सिस्टम की भेंट चढ़ते देश के शिल्पकार मजदूर May 12, 2020 / May 12, 2020 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 3 का समय चल रहा है, देश में हर तरफ जान बचाने के लिए अजीब खामोशी व्याप्त है। लेकिन यही खामोशी लगातार देश के मजदूर वर्ग की अनमोल जिंदगियों पर भारी पड़ रही है। लॉकडाउन के चलते अपनी रोजीरोटी व जमा पूंजी गंवा चुके देश के […] Read more » problem of migrant labourers मजदूर
राजनीति समाज किसान ऋण माफ़ी योजनाएँ एवं उनके सामाजिक सरोकार December 7, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment डॉ. जीतेंद्र प्रताप भारत सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है। विगत वर्षों में या यूँ कहें आजादी के बाद से ही विविध सरकारों ने अपने-अपने तरीकों से किसानों का उपयोग ही किया है। लेकिन जिस तरह से आजकल किसान या उनके मुद्दे चर्चा में रह रहे हैं, वह खासकर एक किसान के लिए, थोड़ा […] Read more » आंध्र प्रदेश किसान ऋण माफ़ी योजनाएँ एवं उनके सामाजिक सरोकार कृषि लोन गरीब बिचौलियों बैंकों मजदूर मध्य प्रदेश महाजनों महाराष्ट्र
राजनीति समाज स्वतंत्रता के बाद स्वावलंबन का प्रश्न August 14, 2018 / August 14, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव 15 अगस्त 1947 की आधी रात को खंडित स्वतंत्रता स्वीकारने के बाद बड़ा सवाल आर्थिक विकास और स्वाबलंबन का था। स्वावलंबन ही वह आधार है, जो नागरिक और उसके पारिवारिक सदस्यों की आजीविका और रोजागार के संसाधनों को उपलब्ध कराने का काम आसान करता है। यह इसलिए जरूरी था, क्योंकि ब्रिटिश हुक्मरानों ने […] Read more » Featured आदिवासी महिलाएं वरिष्ठ आभूषण कृषि चंद्रशेखर प्रधानमंत्री दलित धातु पीवी नरसिंह पूर्व गर्वनर मनमोहन सिंह मजदूर मिट्टी के बर्तन वस्त्र विश्व बैंक
विविधा उदारीकरण के दौर में मजदूर May 7, 2016 by जावेद अनीस | 1 Comment on उदारीकरण के दौर में मजदूर जावेद अनीस 1991 से शुरू हुए आर्थिक सुधारों के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं , इन 25 सालों के दौरान देश की जीडीपी तो खूब बढ़ी हैं और भारत दुनिया के दस बड़े अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है, आज जब “महाबली” चीन सहित दुनिया भर की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थायें मंदी की गिरफ्त में […] Read more » Featured उदारीकरण उदारीकरण के दौर में मजदूर मजदूर
कविता मजदूर की व्यथा May 2, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -मनीष सिंह- करता हूँ मेहनत जीतोड़ , सब कहते मुझको मजदूर। धनी हूँ मैं परिश्रम का , पर हालत से हूँ मजबूर। बसाए मैंने शहर कई , कितनी ही बनाई मीनारें। किस्मत ही अपनी बना न सका , मिलीं राह में दीवारें। नेता के भाषण में रहता , सरकारी कागज़ में रहता। क़ानून […] Read more » Featured मजदूर मजदूर की व्यथा
कविता मजदूर May 1, 2015 by लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर पत्रकार | Leave a Comment 1 मई मजदूर दिवस पर विशेष भले ही तन पर कपडे कम हैं नगे पैर, न भूख की चिंता ,न प्यास की फिर भी कमर ताने खडे हैं सुबह से शाम कर रहे काम इन्हे कहाॅ चैन है , ये तो मस्त हैं काम में ब्यस्त हैं दो -जून की रोटी के लिए बचपन से […] Read more » मजदूर मजदूर दिवस पर मजदूर दिवस पर विशेष
जन-जागरण जरूर पढ़ें उम्मीद के मजदूर April 29, 2015 / April 29, 2015 by मनोज कुमार | Leave a Comment -मनोज कुमार- एक मई की तारीख कितने लोगों को याद है? बस, उन चंद लोगों के स्मरण में एक मई शेष रह गया है जो आज भी इस उम्मीद में जी रहे हैं कि एक दिन तो हमारा भी आएगा। वे यह भी जानते हैं कि वह दिन कभी नहीं आएगा लेकिन उम्मीद का क्या […] Read more » Featured उम्मीद के मजदूर मजदूर मजदूर दिवस
जन-जागरण जरूर पढ़ें आज भी मजबूर हैं मजदूर April 29, 2015 / April 29, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment -बीआर कौंडल- अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस प्रथम मई को प्रतिवर्ष विश्व भर में मनाया जाता है | इस दिन को मनाने का उद्देश्य 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में हुए मजदूरों के संहार को श्रदांजलि देना व मजदूर एकता को उजागर करना है | 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में बड़ी संख्या […] Read more » Featured आज भी मजबूर हैं मजदूर मजदूर मजदूर दिवस
विविधा आज भी मजबूर है मजदूर April 29, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस प्रथम मई को प्रतिवर्ष विश्व भर में मनाया जाता है | इस दिन को मनाने का उद्देश्य 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में हुए मजदूरों के संहार को श्रदांजलि देना व मजदूर एकता को उजागर करना है | 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में बड़ी संख्या में मजदूर […] Read more » Featured अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मजदूर मजबूर है मजदूर
विविधा आदिवासी क्षेत्रों में कार्य योजना की आवश्यकता June 6, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment राजगोपाल पीवी यह बात शत प्रतिशत सच है कि छत्तीसगढ़ को कुदरत ने अनगिनत संपदा से नवाजा है। जिसका उपयोग यदि सही ढ़ंग से किया जाए तो क्षेत्र के विकास में काफी सहायक सिद्ध होगा। परंतु यहां परिस्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में विकास नाममात्र हो पा रहा है। मौजूदा हालात […] Read more » आदिवासी छत्तीसगढ़ मजदूर
विविधा मजदूरों के एकीकरण से विस्थापन तक May 1, 2012 / May 1, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment मई दिवस के अवसर पर प्रमोद भार्गव जो मई दिवस दुनिया के मजदूरों के एक हो जाने के पर्याय से जुड़ा था, भूमण्डलीकरण और आर्थिक उदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद वह किसान और मजदूर के शोषण और विस्थापन से जुड़ता चला गया। मई दिवस का मुख्य उद्देश्य मजदूरों का सामंती और पूंजी के […] Read more » मई दिवस मजदूर
विविधा मजदूर बनने को मजबूर हैं आदिवासी छात्र November 11, 2011 / December 3, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कुमार सिंह टोप्पो धान का कटोरा नाम से प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ को आदिवासी बहुल राज्यों की श्रेणी में रखा जाता है। समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जाती रही हैं। आदिवासी छात्रों के लिए 2004 में विशेष शासकीय छात्रावास बनाए गए हैं। ताकि उन्हें शिक्षा के स्वस्थ वातावरण उपलब्ध हो […] Read more » Daily wages Workers ST Students आदिवासी छात्र मजदूर