कला-संस्कृति विधि-कानून वेद, महर्षि दयानंद और भारतीय संविधान September 1, 2012 / September 1, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य और वेद का राष्ट्र संगठन वेद मानवजाति के लिए सृष्टि के आदि में ईश्वरप्रदत्त संविधान हैं। अत: ऐसा नही हो सकता कि हमारा आज का मानव कृत संविधान तो नागरिकों के मूल कत्र्तव्यों का निरूपण करे और वेद इस विषय पर चुप रहे। वेदों में मानव और […] Read more » भारतीय संविधान महर्षि दयानंद वेद
धर्म-अध्यात्म बीसवी शती में वेदों का प्रकटीकरण? December 26, 2010 / December 18, 2011 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on बीसवी शती में वेदों का प्रकटीकरण? डॉ. मधुसूदन मेरा एक मित्र भारत जा रहा था। उस के द्वारा मैंने एक ”छंदो दर्शन” नामक पुस्तक, यूं सोच कर, कि कविता के छंदों की पुस्तक होगी, जो भारतीय विद्या भवन ने प्रकाशित की थी, मंगाई। पर मेरे आश्चर्य का पार न रहा, जब मैं ने उसे खोला, तो, वह आधुनिक समय में प्रकट […] Read more » Ved ऋग्वेद वेद
धर्म-अध्यात्म ज्ञान सर्वोच्च लब्धि है – हृदयनारायण दीक्षित April 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विश्व तनावग्रस्त है, सब तरफ अशांति है। अशांति और तनाव आधुनिक विश्व मानवता की समस्या है। इसके उपचार भारतीय अध्यात्म व दर्शन में हैं। भारतीय अध्यात्म ईश्वर आस्था नहीं है। यह किसी ईश्वर प्रतिनिधि या ईश्वर पुत्र की घोषणा नहीं है। सिर्फ ज्ञान और श्रद्धा की प्रीति है। श्रद्धा और ज्ञान का मिथुन है। यह […] Read more » geeta उपनिषद गीता ज्ञान वेद
पर्यावरण वेदों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण February 4, 2010 / December 25, 2011 by डॉ. पुनीत बिसारिया | 3 Comments on वेदों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर्यावरण का स्वच्छ एवं सन्तुलित होना मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। पाश्चात्य सभ्यता को यह तथ्य बीसवीं शती के उत्तारार्ध्द में समझ में आया है, जबकि भारतीय मनीषा ने इसे वैदिक काल में ही अनुभूत कर लिया था। हमारे ऋषि-मुनि जानते थे कि पृथ्वी, जल, अग्नि, अन्तरिक्ष तथा वायु इन पंचतत्वों से […] Read more » Water Conservation जल संरक्षण पर्यावरण वेद
धर्म-अध्यात्म प्रथम भारतीय नवजागरणकाल में वेद धर्म और विचारधाराएं January 6, 2010 / December 25, 2011 by केशव आचार्य | 5 Comments on प्रथम भारतीय नवजागरणकाल में वेद धर्म और विचारधाराएं प्राचीन भारतीय सभ्यता औऱ संस्कृतियों के विकास का इतिहास, धर्मों के विकास औऱ उनके स्वरूपों के प्रत्यक्ष में आने की एक गहरी परंपरा का ही इतिहास है। प्रत्येक युग या आने वाले समय में धार्मिक बदलाव आये जिनका समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ता गया। प्रत्येक नये धर्म के साथ पुराने धर्मों की छाप वैसे […] Read more » Religion धर्म नवजागरण वेद