समाज जीवन की राह: शांति की चाह September 29, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – आज हर व्यक्ति चाहता है – हर दिन मेरे लिये शुभ, शांतिपूर्ण एवं मंगलकारी हो। संसार में सात अरब मनुष्यों में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं होगा जो शांति न चाहता हो। मनुष्य ही क्यों पशु-पक्षी, कीट-पंतगें आदि छोटे-से-छोटा प्राणी भी शांति की चाह में बेचैन रहता है। यह ढ़ाई अक्षर का […] Read more » अशांति कुंठा घुटन जीवन की राह: शांति की चाह तनाव नाम रूप शब्द शास्त्र संत्रास संस्कार संस्कृति सिद्धांत
समाज योग: कर्मसु कौशलम् June 25, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक इकाई का वृहद ढांचा इस राष्ट्र के संस्कार और सचेतक समाज से हैं | विस्तृत धर्म ग्रन्थ और उपनिषद जो जीवन जीने की कलाओं के साथ संस्कारों के संरक्षण की गाथा कहते है। योग,जीवन जीने की इन्ही कलाओं में एक है। योग भारत में […] Read more » Featured चीन जापान जैन धर्म और हिंदू धर्म तिब्बत दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म योग योग: कर्मसु कौशलम् शब्द श्रीकृष्ण स्वामी रामदेव
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हमें क्या-क्या दिया है? May 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर है या नहीं? यदि है तो उसने हमें क्या-क्या दिया है? यह प्रश्न पर स्वाभाविक रूप से मनुष्य के मन में विचार आ सकते हैं। प्रथम प्रश्न पर विचार करें तो हमें अपनी व अन्य मनुष्य की शक्तियों पर विचार करना पड़ता है। मैं मनुष्य हूं परन्तु मेरी शक्तियां सीमित हैं। […] Read more » Featured आकाश ईश्वर ने उत्तर चन्द्र ऋषिकृत ग्रन्थों जल ज्ञान दिया है? पर्वत पृथिवी मनुष्य व अन्य प्राणियों सहित अग्नि वन वनस्पतियों वायु शब्द सद्प्रेरणा समुद्र सुख व शान्ति हमें क्या-क्या
धर्म-अध्यात्म तीन चेतन देवता माता, पिता और आचार्य April 13, 2018 / May 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेदों में देव और देवता शब्द का प्रयोग हुआ है। देव दिव्य गुणों से युक्त मनुष्यों व जड़ पदार्थों को कहते हैं। परमात्मा अर्थात् ईश्वर परमदेव कहलाता है। देव शब्द से ही देवता शब्द बना है। देवता का अर्थ होता है जिसके पास कोई दिव्य गुण हो और वह उसे दूसरों को […] Read more » Featured आचरण आदरणीय गुरुकुलों पिता भाषा मनुष्य माता वैदिक साहित्य शब्द सम्मानीय सामाजिक व राजनैतिक
लेख साहित्य यकीऩ मानिए, आपके शब्द आपको महान बना देंगे March 22, 2017 by शालिनी तिवारी | 1 Comment on यकीऩ मानिए, आपके शब्द आपको महान बना देंगे यकीनन् यह हमें मानना ही होगा कि हम सब कुछ विशेष कार्य के निमित्त जन्में हैं. जीवन को व्यसनों, कुविचारों और अन्धकार में बिताने से तो ठीक ही है कि अपने मनो-मस्तिष्क एवं शब्दों को पवित्र रखें. हाँ कुछ लोग आज यह जरूर बोलते हैं कि अब इमानदारी का जमाना नहीं रहा. वह शायद आज यह भूल चुके हैं कि दुनियाँ को चलाने वाला सर्वशक्तिमान पहले भी वही था और आज भी वही है. Read more » Featured शब्द शब्द आपको महान बना देंगे
कविता साहित्य शब्द January 26, 2016 by बीनू भटनागर | Leave a Comment ध्वनि चिन्हित करने को, अक्षर थे बने, दो अक्षर मिले और शब्द बने, वाक्यों की माला में गुंथकर, शब्दो को पूरे अर्थ मिले। शब्दों से खेल खेल में ही, लिपियों ने थे जब जन्म लिये, वाणी काग़ज पर उतरी थी, ज्ञान- विज्ञान-कला और साहित्य, पुस्तक में थे बंधने लगे। इन शब्दों से चित्र बनाऊं […] Read more » शब्द