राजनीति लेख सत्य, न्याय एवं सदाचार के प्रतीक श्रीराम August 5, 2020 / August 5, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment अनुकरणीय हैं श्रीराम के आदर्श – योगेश कुमार गोयल अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन हो गया है और बहुत लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का करोड़ों देशवासियों का सपना साकार होने जा रहा है। अयोध्या में राममंदिर को लेकर कुछ […] Read more » justice and virtue Shriram is the symbol of truth न्याय एवं सदाचार के प्रतीक श्रीराम सत्य
राजनीति नए नजरिए से गांधी October 2, 2018 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। वे भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत भी हैं और सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य भी। सत्यशोधक संत भी और शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी और मानववादी विश्व […] Read more » अपरिग्रह अभय अस्तेय अहिंसा आस्वाद ब्रहमचर्य महात्मा गांधी शरीर श्रम सत्य सर्वधर्म समानता स्वदेशी
धर्म-अध्यात्म “मनुष्य वही है जो सदा सत्य का आचरण करता है” September 26, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य क्या वास्तव में मनुष्य है? यह प्रश्न इसलिये करना पड़ रहा है कि किसी देश व समाज के जो नियम होते हैं, उनका वर्तमान समय में पालन देखने को नहीं मिल रहा है। वैदिक शिक्षा है कि मनुष्य को सत्य बोलना चाहिये तथा असत्य नहीं बोलना चाहिये। सत्य बोलना धर्म के […] Read more » ईश्वर देश मनुष्य सत्य समाज व न्यायालय
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द और उनके सत्य व सर्वहितकारी मन्तव्य June 3, 2015 / June 3, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द संसार में सम्भवतः ऐसे पहले धार्मिक महापुरूष हुए हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों का प्रचार करने के साथ अपने मन्तव्यों तथा अमन्तव्यों का भी सार्वजनिक रूप से पुस्तक लिखकर प्रचार किया है। धार्मिक महापुरूष प्रायः अपनी मान्यताओं के विस्तृत व्याख्यात्मक ग्रन्थ लिख दिया करते हैं। उन्हीं ग्रन्थों को उनके शिष्य […] Read more » Featured मन्तव्य महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द और उनके सत्य व सर्वहितकारी मन्तव्य सत्य
विविधा यथार्थ, वास्तव और सत्य के फर्क August 30, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on यथार्थ, वास्तव और सत्य के फर्क – हृदयनारायण दीक्षित सच क्या है? सत्य का सत्य आधुनिक विज्ञान की बड़ी चुनौती है। पंथिक पुस्तकों के अनेक तथ्य विज्ञान की खोजों में सत्य नहीं निकले। लेकिन वैज्ञानिक खोजें भी अंतिम सत्य नहीं होती। भौतिक विज्ञान प्रत्यक्ष को सत्य मानता है। प्रत्यक्ष का साधारण अर्थ प्रति-अक्ष यानी आंख के सामने होता है। वैदिक साहित्य […] Read more » True सत्य सत्य