लेख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष को याद करने का दिन है स्वतंत्रता दिवस August 15, 2021 / August 16, 2021 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दुस्तान में जगह -जगह हवा में लहराता झंडा हमें स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास कराता है। इस साल 75वां स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से इस दिन की महत्वता और बढ जाती है। आजादी से लेकर आज तक भारत देश ने कई उतार-चढाव देखे है और हर प्रकार की परिस्थिति […] Read more » 75वें स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता दिवस
समाज हिंद स्वराज स्वतंत्रता दिवस और देश की आधी आबादी August 16, 2020 / August 16, 2020 by सोनम लववंशी | Leave a Comment देश की आजादी को 73 सावन बीत गए है और हम 74 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहें लेकिन इस आजाद देश में आज भी आधी आबादी गुलामी की जंजीरों में जकड़ी हुई है। हम कहने को 21वीं सदी में जी रहे है। जहां समता और स्वतंत्रता की बात भी बहुतायत में होती है। हमारे […] Read more » भ्रूणहत्या महिला सशक्तिकरण और फेमिनिज्म स्वतंत्रता दिवस
लेख हिंद स्वराज अपनी जान पर जोखिम, ताकि बची रहे आपकी जान August 13, 2020 / August 13, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment शालू अग्रवालमेरठ इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस पिछले तमाम वर्षों से अलग तरह से मनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना काल की काली छाया के बावजूद जश्ने आज़ादी की धूम फीकी नहीं पड़ रही है। आज़ादी के इस जश्न में एक तरफ जहां स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है वहीं कोरोना योद्धाओं का भी […] Read more » महिला पुलिसकर्मियों स्वतंत्रता दिवस
परिचर्चा बचपन की आजादी का सवाल August 16, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -रामकुमार विद्यार्थी- भारतीय आजादी की 67 वीं वर्षगांठ मनाते हुए हमें यह भी देखना होगा कि देश में बच्चों की सुरक्षा और विकास के संदर्भ में हम कहां तक पहुंचे हैं ? खासकर शहरी गरीब बस्तियों में रहने वाले बच्चों को बढ़ते शहरीकरण के बीच सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण मिलना एक बड़ी चुनौती है। बच्चों […] Read more » 15 अगस्त बचपन की आजादी का सवाल स्वतंत्रता दिवस
जरूर पढ़ें आजादी के 67 वर्ष और चुनौतियां August 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment (भारतीय स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त के उपलक्ष्य में) -निर्भय कुमार कर्ण- आजादी के 67 वर्षों के गहरे उतार- चढ़ाव में भारत ने कई सफलताओं को अर्जित करते हुए विश्व पटल पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। भारत ने अपनेआपको इतना महत्वपूर्ण साबित करा दिया है कि कोई भी देश इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। यही कारण है कि दुनिया के लगभग सभी देश भारत से दोस्तानारिश्ता कायम करने के लिए लालायित रहता है। आजादी हमने किस परिस्थिति में हासिल किया और किन परेशानियों को देशवासियों ने झेलते हुए आजादी कासुनहरा मुकाम हासिल किया, कभी भुलाया नहीं जा सकता। तब से लेकर अब तक हमने सभी क्षेत्र में तरक्की की चाहे कृषि, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, तकनीकीया अन्य लेकिन दूसरी ओर हमें कई मोर्चेे पर कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। साल दर साल रक्षा बजटों में लगातार इजाफा होता रहा है। हमारी सेना और भी दिन प्रति दिन सशक्त होती जा रही है। हम भी परमाणु बम से लैस हो गएहैं जिसके कारण कोई भी देश भारत को आंख दिखाने से पहले दस बार सोचता है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी छदम हरकतों से बाज नहीं आ रहा और अपनेधरती से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। दूसरी ओर चीन की नियति एवं नीति में भी खोट नजर आती है। जहां चीन एकतरफ भारत से दोस्ताना रिश्ता कायमरखना चाहता है तो दूसरी ओर चारों ओर से हमें घेरने की नीति पर भी लगाताार काम कर रहा है। कभी अरूणाचल प्रदेश पर दावा करता है तो कभी अन्य क्षेत्रों पर।इसलिए हमें विदेश नीति को दुरूस्त कर फूंक-फूंक कर कदम उठाने होंगे। आजादी के समय की तुलना में आज कृषि उपज साढ़े तीन गुना बढ़ी है लेकिन राष्ट्रीय आय में इसका हिस्सा निरंतर घटता चला गया। जहां आजादी केसमय 1947 में राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 65 प्रतिशत था वही 2007 में घटकर 17 प्रतिशत रह गया और इसके 2022 तक घटकर 6 प्रतिशत पर आ जानेकी संभावना है। देखा जाए तो, कृषि प्रधान भारत के विकास की जिम्मेदारी औद्योगिक क्षेत्र को सौंप दी गई जिसके कारण भारतीय कृषि को इस उदासीनता का दंशझेलना पड़ रहा है। वहीं आजादी के बाद से अब तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गाें की लंबाई तिगुनी हो गई है। इनकी लंबाई 1947 में 23,000 किमी थी, जो अब बढ़कर70,000 किमी से ज्यादा हो चुकी है। अतीत का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 15 अगस्त, 1947 को भारत न सिर्फ विदेशी कर्जों से मुक्त था, बल्कि उल्टे ब्रिटेन पर भारत का 16.62करोड़ रूपए का कर्ज था। लेकिन आज देश पर 390 अरब डाॅलर से भी ज्यादा का विदेशी ऋण है। दूसरी ओर भारत इतना सक्षम भी हो गया कि प्रत्येक वर्ष दूसरे देशोंके विकास के लिए अरबों रूपए कर्ज भी देता है। आजादी के समय जहां एक रूपए के बराबर एक डाॅलर होता था वहीं अब एक डाॅलर की कीमत 60 रूपए के इर्द-गिर्दरहता है। जिसके कारण महंगाई पर से सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहा और समय-समय पर सत्ता हस्तांतरित भी होता रहा जिसका ताजा उदाहरण नरेंद्र मोदी केनेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का सरकार में आना है। भ्रष्टाचार, गरीबी, आतंकवाद, उग्रवाद, सांप्रदायिक दंगे, घोटाले, जातिवादी और कट्टरपंथी धार्मिक राजनीतिक हथकंडे, दलित उत्पीड़न, महिलाओं केखिलाफ हिंसा, आदि देश को चारों ओर से पीछे धकेलने का काम कर रहा है। एक तरफ तो हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन ये दूसरे मोर्चा हमें अंदर ही अंदर खोखला भीकर रहा है। भ्रष्टाचार इस तरह से हर विभाग में कब्जा कर रखा है कि चाहकर भी इससे निजात नहीं मिल रहा। बिना पैसे का कोई काम हो पाना मुश्किल है। गरीबऔर गरीब होते जा रहे हैं और धनी और धनी। देखा जाए तो, एक हद तक हमें राजनीतिक आजादी तो मिली लेकिन आत्मनिर्भरता के लिए सफल प्रयास नहीं होनेके कारण हम आर्थिक रूप से गुलाम होते जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी आजादी की तुलना में हमने काफी सफलता अर्जित की है। जहां 1951 में साक्षरता दर 18.33 प्रतिशत था जो धीरे-धीरे बढ़कर 2011 में 74.04 प्रतिशत हो गया। इसके बावजूद हमारे युवा शिक्षित होने के बाद भी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इन युवाओंका सही इस्तेमाल देश के विकास के लिए नहीं हो पा रहा है जिसके कारण युवाओं में हताशा जैसी भावनाओं का समावेश होना स्वाभाविक है। भारत में नित नएघोटाला होना आम बात हो गयी है। अगर भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाए तो देश का एक भी युवक बेरोजगार नहीं रह सकेगा। 15 अगस्त, 1947 को हमने राजनीतिकआजादी प्राप्त की थी, लेकिन भय, भूख और भ्रष्टाचार से आजाद होना शेष है। इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने की जिम्मेदारी अब मोदी सरकार के कंधों पर है। अब देखा जाना शेष है कि जिस उम्मीद और आशा पर भाजपा सरकार रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज कर सत्ता में आयी है, उन उम्मीदों को पूरा कर पाती है या नहीं? Read more » आजादी आजादी के 67 वर्ष और चुनौतियां स्वतंत्रता दिवस
हिंद स्वराज जहाँ स्वतंत्रता दिवस का मायने बदल जाता है ! August 15, 2012 / August 16, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment राजीव पाठक आज 15 अगस्त है.लालकिला फिर से सजा है …..दिल्ली में पतंगे उड़ रही हैं …देश भर में जस्न है …प्रधानमंत्री लालकिला से भारत के बुलंदी के कसीदे पढ़ें हैं …..लेकिन एक और भारत है जो कहीं कराह रहा होगा..दुबका होगा….डरा और सहमा भी होगा….क्यों कि 15 अगस्त उसके लिए मुसीबत लेकर आता है […] Read more » स्वतंत्रता दिवस
हिंद स्वराज स्वतंत्रता के सच्चे सबक! August 14, 2012 / August 14, 2012 by राजेश कश्यप | 1 Comment on स्वतंत्रता के सच्चे सबक! स्वतंत्रता दिवस विशेष -राजेश कश्यप हम गौरवमयी स्वतंत्रता के साढ़े छह दशक पार कर चुके हैं। आज हम जिस आजादी का सुख भोग रहे हैं, वह शहीदे-आजम सरदार भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपतराय, खुदीराम बोस, उधम सिंह, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, राजगुरू, सुखदेव जैसे असंख्य जाने-अनजाने देशभक्त शूरवीरों, […] Read more » Independence Day स्वतंत्रता स्वतंत्रता दिवस
विविधा भाषण, जो लाल किले से पढ़ा नहीं गया! August 15, 2011 / December 7, 2011 by सुनील अमर | 1 Comment on भाषण, जो लाल किले से पढ़ा नहीं गया! सुनील अमर मेरे प्यारे देशवासियों …… आज आजादी को याद करने का दिन है। आजादी की कीमत वही समझ सकता है जो गुलाम हो। वैसे ही, जैसे खाने की कीमत वही समझ सकता है जो भूखा हो। यह अच्छी बात है कि हम आप न तो गुलाम हैं और न ही भूखे। यह हमारे देश […] Read more » Independence Day आजादी स्वतंत्रता दिवस
लेख स्वतंत्रता जयन्ती पर विशेष:पुनर्निमाण के पहले ज़रूरी है विध्वंश July 5, 2011 / December 9, 2011 by राम कृष्ण | Leave a Comment रामकृष्ण स्वतंत्रता दिवस नये विचारों, नयी धारणाओं के प्रतिपादन और प्रकाशन का पर्व माना जाता है. इससे इस अवसर पर सामान्यतः हमें अपने देश की प्रगति, उसके विकास, उसके निर्माण की चर्चा ही अभीष्ट होनी चाहिए थी, विभिन्न विधाओं में वह कितना आगे बढ़ है और तकनीकी और वैज्ञानिक शोध की दिशा में उसने कितनी […] Read more » Independence Day पुनर्निमाण विध्वंश स्वतंत्रता जयन्ती स्वतंत्रता दिवस