धर्म-अध्यात्म “अंग्रेज सरकार की गुरुकुल कांगड़ी पर तिरछी नजर का प्रामाणिक विवरण” December 5, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द जी के प्रमुख शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द, पूर्व नाम महात्मा मुंशीराम जी, की एक जीवनी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के ही एक वरिष्ठ स्नातक, यशस्वी पत्रकार एवं स्वतन्त्रता सेनानी पं. सत्यदेव विद्यालंकार ने लिखी है। इस पुस्तक का पहला संस्करण स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान के 7 वर्ष बाद सन् 1933 में […] Read more » गुरुकुल तपस्या और भक्तिभाव त्याग पं. सत्यदेव विद्यालंकार स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ September 5, 2018 by मनमोहन सिंह | 1 Comment on ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […] Read more » ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ Featured अवतार ईश्वर-पुत्र ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द दान दीन-दुखियों परोपकार महापुरुष यज्ञ सत्यार्थप्रकाश संदेशवाहक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म “वेदों का यथार्थ ज्ञान वेदांगों के अध्ययन से ही सम्भव” August 18, 2018 / August 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सभी विद्याओं का विस्तार वेदों के आधार व ज्ञान से ही सम्भव हो सका है। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से उत्पन्न हुए। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि की थी। इस अमैथुनी सृष्टि में सभी स्त्री व […] Read more » Featured अग्नि अध्ययन से ही सम्भव आदित्य ऋग्वेद ऋषि दयानन्द ब्रह्मा यजुर्वेद वायु वेदों का यथार्थ ज्ञान शिक्षक सामवेद और अथर्ववेद स्वामी दयानन्द स्वामी विरजानन्द जी
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का नर्मदा के स्रोत की ओर प्रस्थान की घटना उन्हीं के शब्दों में” July 16, 2018 / July 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, रामलाल कपूर ट्रस्ट, बहालगढ़ (सोनीपत-हरयाणा) ने पं. भगवद्दत्त जी, रिसर्च स्कालर लिखित एक लघु पुस्तक ‘‘ऋषि दयानन्द स्वरचित जन्म चरित्र (लिखित व कथित)’’ सन् 1986 में प्रकाशित की है। यह इस पुस्तक का दसवां संस्करण है। यह जन्म चरित्र पूना कथ्य सहित उनके द्वारा थ्योसोफिकल सोसायटी को लिखकर प्रेषित जन्म चरित्र विषयक […] Read more » “ऋषि दयानन्द का नर्मदा के स्रोत Featured ईश्वर प्रस्थान की घटना उन्हीं के शब्दों में” बहालगढ़ रामलाल कपूर ट्रस्ट स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘जिस स्थान पर यज्ञ होता है वहां की भूमि पवित्र हो जाती हैः स्वामी आनन्दवेश’ July 9, 2018 / July 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय गुरुकुल महासम्मेलन का आज 8 जुलाई, 2018 को समापन दिवस था। हम देहरादून से प्रातः चलकर लगभग 9.00 बजे गुरुकुल पहुंचे। यज्ञ चल रहा था। यज्ञ की पूर्णाहुति पर हम वहां उपस्थित थे। डा. प्रियंवदा वेदभारती जी के ब्रह्मत्व में यज्ञ हुआ। यज्ञ की पूर्णाहुति पर […] Read more » Featured तीन दिवसीय गुरुकुल दर्शन कुमार अग्निहोत्री स्वामी दयानन्द स्वामी श्रद्धानन्द हरिद्वार
धर्म-अध्यात्म “यदि स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द न होते तो स्वामी रामदेव भी न होते : स्वामी रामदेव” July 7, 2018 / July 7, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “यदि स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द न होते तो स्वामी रामदेव भी न होते : स्वामी रामदेव” मनमोहन कुमार आर्य, तीन दिवसीय गुरुकुल सम्मेलन, गुरुकुल कांगड़ी परिसर में 6 जुलाई, 2018 को आरम्भ हुआ। अपरान्ह 4 बजे से सम्मेलन का उद्घाटन समारोह हुआ जिसे पतंजलि योगपीठ के विश्व विख्यात योगाचार्य स्वामी रामदेव जी, मेघालय के राज्यपाल ऋषिभक्त श्री गंगा प्रसाद जी एवं कई आर्य संन्यासी एवं नेताओं ने सम्बोधित किया। स्वामी […] Read more » Featured अन्धविश्वास आर्यसमाज नशाखोरी पाखण्ड मांसाहार राष्ट्र स्वामी दयानन्द स्वामी रामदेव स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में देश को आजादी दिलाने की भावना व प्रेरणा विद्यमान है” July 4, 2018 / July 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, पांच हजार से कुछ अधिक वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद से देश का तेजी से राजनैतिक, शैक्षिक व सामाजिक पतन होना आरम्भ हो गया था। महाभारत के बाद देश छोटे छोटे राज्यों में विभक्त होता गया। आचार्य चाणक्य और सम्राट विक्रमादित्य के काल में देश में छोटे राज्यों को मिलाकर […] Read more » Featured अंग्रेजों ऋषि दयानन्द गांधी जी गोपाल कृष्ण धर्म शास्त्रों फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा सामाजिक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘वेदों का प्रवेश-द्वार ऋषिदयानन्दकृत ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश April 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ‘वेदों का प्रवेश–द्वार ऋषिदयानन्दकृत ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश’ –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सत्यार्थप्रकाश धार्मिक वं सामाजिक शिक्षाओं का एक विश्व विख्यात ग्रन्थ है। यह ऐसा ग्रन्थ है कि जिसमें ऋषि दयानन्द के जीवन में देश व विश्व में प्रचलित सभी मत-मतान्तरों की अवैदिक, असत्य व अज्ञानयुक्त मान्यताओं पर प्रकाश डाला गया है। इस ग्रन्थ ने भारत […] Read more » Featured ईश्वर जयकृष्ण दास परमात्मा मनुष्य वेदों शान्ति सत्यार्थप्रकाश समाज सुख स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म स्त्री व शूद्र शिक्षा के सन्दर्भ में सत्यार्थप्रकाश का मत April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य स्वामी दयानन्द सरस्वती जी अनिवार्य शिक्षा का समर्थन करते हैं और इसके लिए स्वामी जी यह दायित्व माता-पिता को सौंपते हैं। वे चाणक्य के उस प्रसिद्ध श्लोक – ‘माता शत्रुः पिता वैरी…’ को उद्धृत कर यह स्पष्ट कर देते हैं कि जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को प्रशिक्षित नहीं किया उन्होंने अपने सन्तानों […] Read more » Featured अग्नि अपाला काक्षीवती घोषा चन्द्र जल पृथिवी रोमशा लोपामुद्रा वायु सूर्य स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द जी की गान विद्या में मर्मज्ञता के कुछ उदाहरण September 28, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य गान वा संगीत विद्या का आरम्भ सामवेद से माना जाता है। स्वामी दयानन्द जी चार वेदों के शीर्षस्थ विद्वान थे। वह वेदों को समग्रता से जानते थे। उनके जीवन की कुछ घटनायें उपलब्ध होती हैं जो उन्हें साम-गान एवं गान विद्या का मर्मज्ञ विद्वान सिद्ध करती हैं। आर्यजगत के विद्वान आचार्य विपाश […] Read more » स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति के पुनरुद्धार में स्वामी दयानन्द और आर्यसमाज का योगदान April 4, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वामी दयानन्द और आर्यसमाज का योगदानभारतीय धर्म व संस्कृति विश्व की प्राचीनतम, आदिकालीन, सर्वोत्कृष्ट, ईश्वरीय ज्ञान वेद और सत्य मान्यताओं व सिद्धान्तों पर आधारित है। सारे विश्व में यही संस्कृति महाभारत काल व उसकी कई शताब्दियों बाद तक भी प्रवृत्त रहने सहित सर्वत्र फलती-फूलती रही है। इस संस्कृति की विशेषता का प्रमुख कारण यह […] Read more » आर्यसमाज का योगदान सनातन वैदिक धर्म संस्कृति के पुनरुद्धार में स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द को वेदों की प्रथम प्राप्ति धौलपुर से हुई थी March 31, 2016 / March 31, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दयानन्द मथुरा में अपने विद्या गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी से अपनी शिक्षा पूर्ण कर सन् 1863 में आगरा पधारे थे और यहां लगभग डेढ़ वर्ष प्रवास किया था। गुरु जी से विदाई के अवसर पर गुरु दक्षिणा प्रकरण के अन्तर्गत स्वामी दयानन्द जी के जीवनी लेखक पं. लेखराम जी ने […] Read more » वेदों की प्रथम प्राप्ति वेदों की प्रथम प्राप्ति धौलपुर स्वामी दयानन्द