व्यंग्य साहित्य होली और बुरा ना मानो महोत्सव March 1, 2018 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment होली, भारत का प्रमुख त्यौहार है, क्योंकि इस दिन पूरे भारत मे बैंक होली-डे रहता है अर्थात अवकाश रहता है जिसकी वजह से बैंक में घोटाले होने की संभावना नही रहती है, मतलब होली के दिन केवल आप रंग लगा सकते है, चूना लगाना मुश्किल होता है। इसी कारण से होली देश की समरसता के […] Read more » बुरा ना मानो महोत्सव होली
धर्म-अध्यात्म प्रेम, आनंद, मस्ती और ठिठोली का त्योहार होली March 1, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment होली उमंग, उल्लास, मस्ती, रोमांच और प्रेम आह्वान का त्योहार है। कलुषित भावनाओं का होलिका दहन कर नेह की ज्योति जलाने और सभी को एक रंग में रंगकर बंधुत्व को बढ़ाने वाला होली का त्योहार आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे जोश के साथ जोरों-शोरों से मनाया जाता है। भले विदेशों में […] Read more » festival Holi होली
वर्त-त्यौहार समाज होली कोरा पर्व ही नहीं, संस्कृति भी है February 27, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत जैसे धर्मप्रधान और तीज-त्योहारों वाले देश में होली अनूठा एवं अलौकिक त्योहार है, यह लोक पर्व है, मनुष्यता का पर्व है, समाज का पर्व है, संस्कृति का पर्व है एवं यह बंधनमुक्ति का पर्व है। इसमें आप समाज को सर्वोपरि मनाने की घोषणा करते हैं। यह विशुद्ध मौज-मस्ती व मनोरंजन का सांस्कृतिक […] Read more » Featured Holi Holi is culture Holi is festival होली
पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार समाज बुराई को त्यागने का प्रतीक है होली March 10, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment रंगों का पर्व होली हिन्दुओं का पवित्र त्यौहार है। यह मौज-मस्ती व मनोरंजन का त्योहार है। सभी हिंदू जन इसे बड़े ही उत्साह व सौहार्दपूर्वक मनाते हैं। यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। Read more » Featured होली
कला-संस्कृति लेख साहित्य होली के रंगों का आध्यात्मिक महत्व March 2, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment श्वेत रंग की कमी होती है, तो अशांति बढ़ती है, लाल रंग की कमी होने पर आलस्य और जड़ता पनपती है। पीले रंग की कमी होने पर ज्ञानतंतु निष्क्रिय बन जाते हैं। ज्योतिकेंद्र पर श्वेत रंग, दर्शन-केंद्र पर लाल रंग और ज्ञान-केंद्र पर पीले रंग का ध्यान करने से क्रमशः शांति, सक्रियता और ज्ञानतंतु की सक्रियता उपलब्ध होती है। होली के ध्यान में शरीर के विभिन्न अंगों पर विभिन्न रंगों का ध्यान कराया जाता है और इस तरह रंगों के ध्यान में गहराई से उतरकर हम विभिन्न रंगों से रंगे हुए लगने लगा। Read more » होली
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार होली के वासंती रंग में बाजार का कृतिम रंग न चढ़ाएं February 23, 2017 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु हम यदि होली के विभिन्न संदर्भों की बात करें तो पाते हैं कि न जाने कितने संदर्भ, घटनाएं, प्रसंग, परंपराएं और सांस्कृतिक-तत्त्व किसी न किसी रूप में इस प्रेम और सदभावना के महापर्व से जुडे़ हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा प्रतीक इस पर्व का प्रेम का वह छलकता अमृत-कलश है जिसमें हमारा अंतर-जगत् […] Read more » Featured होली
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म होली और उसके पूर्व महाभारतकालीन स्वरुप पर विचार March 24, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य भारत और भारत से इतर देशों में जहां भारतीय मूल के लोग रहते हैं, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है। होली के अगले दिन लोग नाना रंगों को एक दूसरे के चेहरे पर लगाते हैं, मिठाई व पकवानों का वितरण आदि […] Read more » the mahabharatkalin swaroop of holi होली होली का महाभारतकालीन स्वरुप
विविधा होली ने भरा विधवाओं के जीवन में रंग March 23, 2016 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment वृंदावन का गोपीनाथ मंदिर इक्कीस मार्च को नई परंपरा का गवाह बना…सदियों से जिंदगी के रंगों से दूर रही विधवाओं की जिंदगी तब रंगीन हो उठी…जब करीब पंद्रह कुंतल गुलाब की पंखुरियों और बारह कुंतल गुलाल मंदिर के सुविस्तारित प्रांगण में उड़ने-बिखरने लगे। सिर्फ सफेद साड़ी में लिपटी रहने वाली हजारों विधवाओं ने जमकर गुलाल […] Read more » Featured होली
वर्त-त्यौहार समाज भारतीय संस्कृति के उदार सामाजिक बुनावट की पहचान है होली March 21, 2016 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment एम. अफसर खां सागर सदियों पूराना होली का त्यौहार तन और मन पर पड़े तमाम तरह के बैर, द्वेष और अहंकार को सतरंगी रंगों में सराबोर करके मानव जीवन में उल्लास और उमंग के संचार का प्रतीक है। होली रंगों, गीतों और वसंत के स्वागत का त्यौहार है। होली के दिनों में हुड़दंग, हुल्लड़, रंग […] Read more » Featured festival of colours Holi उदार सामाजिक बुनावट भारतीय संस्कृति सामाजिक बुनावट की पहचान है होली होली
कला-संस्कृति विविधा रंगों और मस्ती का महापर्व – होली March 20, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment भारतीय संस्कृति में होली के पर्व का अद्वितीय स्थान है। यह पर्व उमंग, उल्लास, उत्साह और जोश तथा मस्ती का पर्व है। होली का पर्व देश व समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला पर्व है। होली का पर्व जलवायु परिवर्तन का भी संकेत देता है । होली का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार […] Read more » Featured festival of colours Holi रंगों और मस्ती का महापर्व होली
विविधा खेलेंगे हम होली March 20, 2016 by अनुज अग्रवाल | 2 Comments on खेलेंगे हम होली फिर से एक सांप्रदायिक त्यौहार मुँह बाये खड़ा है | समस्या ये है की इस बार पर्यावरण को क्या नुकसान होने वाला है … शायद पानी का | मीडिया आपको लगातार सूखे की तस्वीरे दिखायेगा | बताएगा कि महाराष्ट्र में किसान पानी की वजह से सुसाइड कर रहे हैं | हमको पानी बचाना है | […] Read more » होली
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार सामुदायिक बहुलता का पर्व है होली March 18, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव होली शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा त्यौहार है,जो सामुदायिक बहुलता की समरसता से जुड़ा है। इस पर्व में मेल-मिलाप का जो आत्मीय भाव अंतर्मन से उमड़ता है,वह सांप्रदायिक अतिवाद और जातीय जड़ता को भी ध्वस्त करता है। फलस्वरूप किसी भी जाति का व्यक्ति उच्च जाति के व्यक्ति के चेहरे पर पर गुलाल मल […] Read more » Featured सामुदायिक बहुलता का पर्व होली