कविता कविता:तुम्हारा आना-विजय कुमार January 22, 2012 / January 21, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment कल खलाओं से एक सदा आई कि , तुम आ रही हो… सुबह उस समय , जब जहांवाले , नींद की आगोश में हो; और सिर्फ़ मोहब्बत जाग रही हो.. मुझे बड़ी खुशी हुई … कई सदियाँ बीत चुकी थी ,तुम्हे देखे हुए !!! मैंने आज सुबह जब घर से बाहर कदम रखा, तो […] Read more » famous poems Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता कविताएं विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता
कविता कविता:मृत्यु-विजय कुमार January 21, 2012 / January 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on कविता:मृत्यु-विजय कुमार ये कैसी अनजानी सी आहट आई है ; मेरे आसपास ….. ये कौन नितांत अजनबी आया है मेरे द्वारे … मुझसे मिलने, मेरे जीवन की , इस सूनी संध्या में ; ये कौन आया है …. अरे ..तुम हो मित्र ; मैं तो तुम्हे भूल ही गया था, जीवन की आपाधापी में !!! […] Read more » famous poems Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता कविताएं विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता
कविता कविता:तलाश-विजय कुमार January 20, 2012 / January 20, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment कुछ तलाशता हुआ मैं कहाँ आ गया हूँ ….. बहुत कुछ पीछे छूट गया है ….. मेरी बस्ती ये तो नहीं थी ….. मट्टी की वो सोंघी महक … कोयल के वो मधुर गीत … वो आम के पेड़ो की ठंडी ठंडी छांव .. वो मदमाती आम के बौरो की खुशबू … वो खेतो […] Read more » famous poems Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता कविताएं विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता
कविता कविता:तेरा नाम क्या है मेरे प्रेम?-विजय कुमार January 20, 2012 / January 23, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment अचानक ही ये कैसे अहसास है कुछ नाम दूं इसे या फिर ; अपने मौन के साथ जोड़ दूं इसे किसी मौसम का नया रंग हो शायद या फिर हो ज़िन्दगी की अनजानी आहट एक सुबह हो ,सूरज का नया रूप लिये पता नहीं ….. मेरी अभिव्यक्ति की ये नयी परिभाषा है […] Read more » famous poems Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता कविताएं विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता
कविता कविता:आखिरी दिन-खुशबू सिंह January 20, 2012 / January 20, 2012 by खुशबू सिंह | Leave a Comment ये बात उस दोपहर की है जब शहर से भागता हुआ शोर एकाएक गाँव की सरहदों को ताकने लगा था देख रहा था यूं ही जैसे देखते है गली मे टहलते आवारा कुत्ते घरो के खुले दरवाजो को अक्सर फिराक मे ठीक उसी नियत से शहर से खदेड़ा हुआ शोर हाँफता हुआ दाखिल होने को […] Read more » famous hindi poems Hindi Poem कविता कविताएं श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता
कविता कविता : बर्फ के रिश्ते – विजय कुमार January 19, 2012 / January 17, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment बर्फ के रिश्ते अक्सर सोचता हूँ , रिश्ते क्यों जम जातें है ; बर्फ की तरह !!! एक ऐसी बर्फ .. जो पिघलने से इनकार कर दे… एक ऐसी बर्फ .. जो सोचने पर मजबूर कर दे.. एक ऐसी बर्फ… जो जीवन को पत्थर बना दे…… इन रिश्तों की उष्णता , दर्द की […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता : मर्द और औरत – विजय कुमार January 18, 2012 / January 18, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | 3 Comments on कविता : मर्द और औरत – विजय कुमार मर्द और औरत हमने कुछ बनी बनाई रस्मो को निभाया ; और सोच लिया कि अब तुम मेरी औरत हो और मैं तुम्हारा मर्द !! लेकिन बीतते हुए समय ने जिंदगी को ; सिर्फ टुकड़ा टुकड़ा किया . तुमने वक्त को ज़िन्दगी के रूप में देखना चाहा मैंने तेरी उम्र को एक […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता : ‘तू’ और ‘प्यार’ – विजय कुमार January 16, 2012 / January 18, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment तू मेरी दुनिया में जब मैं खामोश रहती हूँ , तो , मैं अक्सर सोचती हूँ, कि खुदा ने मेरे ख्वाबों को छोटा क्यों बनाया …… एक ख्वाब की करवट बदलती हूँ तो; तेरी मुस्कारती हुई आँखे नज़र आती है, तेरी होठों की शरारत याद आती है, तेरे बाजुओ की पनाह पुकारती है, […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता : सलीब – विजय कुमार January 16, 2012 / January 17, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment सलीब कंधो से अब खून बहना बंद हो गया है … आँखों से अब सूखे आंसू गिर रहे है.. मुंह से अब आहे – कराहे नही निकलती है..! बहुत सी सलीबें लटका रखी है मैंने यारों ; इस दुनिया में जीना आसान नही है ..!!! हँसता हूँ मैं , कि.. […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता : परायों के घर – विजय कुमार January 16, 2012 / January 17, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | 2 Comments on कविता : परायों के घर – विजय कुमार परायों के घर कल रात दिल के दरवाजे पर दस्तक हुई; सपनो की आंखो से देखा तो, तुम थी …..!!! मुझसे मेरी नज्में मांग रही थी, उन नज्मों को, जिन्हें संभाल रखा था, मैंने तुम्हारे लिये ; एक उम्र भर के लिये …! आज कही खो गई थी, वक्त के धूल भरे […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता : जानवर – विजय कुमार January 16, 2012 / January 17, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment जानवर अक्सर शहर के जंगलों में ; मुझे जानवर नज़र आतें है ! इंसान की शक्ल में , घूमते हुए ; शिकार को ढूंढते हुए ; और झपटते हुए.. फिर नोचते हुए.. और खाते हुए ! और फिर एक और शिकार के तलाश में , भटकते हुए..! और क्या कहूँ […] Read more » Hindi Poem poems by Vijay kumar कविता विजय कुमार विजय कुमार की कवितायें हिन्दी कविता
कविता कविता:शिवेश प्रताप सिंह December 28, 2011 / December 28, 2011 by शिवेश प्रताप सिंह | 1 Comment on कविता:शिवेश प्रताप सिंह आज हमारी की तुने सोचा है शायद तुमने अपने विनाश को कुरुक्षेत्र में खींचा है गीता वो है जिसको गाते हर वीर यहाँ बलिदान हुआ है गीता वो है जिसको गाते हर जीवन का वैराग्य हुआ है गीता वो है जिसको रट म्यानों में तलवारें हुंकार उठी थी आरि की सेना पर गीता […] Read more » poem by Shivesh Pratap Singh कविता शिवेश प्रताप सिंह