धर्म-अध्यात्म “महनीय विस्मृत जीवन अथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी” November 23, 2018 / November 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है जो सृष्टि के अनुकूल व ज्ञान-विज्ञान पर भी सत्य सिद्ध है। महाभारतकाल तक देश में ऋषियों की परम्परा विद्यमान रही जिससे सर्वत्र वेदों व उनके सत्य अर्थों का प्रचार था। महाभारत युद्ध के बाद देश व संसार में अज्ञान का अन्धकार फैल गया। लोगों में वेदों के […] Read more » “महनीय विस्मृत जीवन अथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी” अवतारवाद ऊंच-नीच छुआछूत पाषाण मूर्तिपूजा फलित ज्योतिष मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द न होते तो आज हम दीपावली न मना रहे होते” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज दीपावली का पर्व है। देश भर में व विदेश में भी जहां भारतीय आर्य हिन्दू रहते हैं, वहां दीपवली का पर्व मनाया जा रहा है। दीपावली शरद ऋतु में आश्विन मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। अमावस्या के दिन रात्रि में अन्धकार रहता है जिसे दीपमालाओं के प्रकाश से […] Read more » “ऋषि दयानन्द न होते तो आज हम दीपावली न मना रहे होते” अन्याय अपराध अभाव व अज्ञान आवास उपेक्षा छुआछूत पक्षपात भोजन वस्त्र शिक्षा व चिकित्सा शोषण
कला-संस्कृति जन-जागरण अस्पृश्यता – सामाजिक विकृति August 28, 2014 by राजीव गुप्ता | 1 Comment on अस्पृश्यता – सामाजिक विकृति -राजीव गुप्ता- भारत एक प्राचीन देश है. यहां की सभ्यता – संस्कृति अपेक्षाकृत अत्यंत पुरानी है. साथ ही प्रकृति सम्मत होने के कारण भारत का अतीत बहुत ही गौरवशाली रहा है. भारत के रंग – बिरंगे त्योहारों, यहां की अनेक बोलियां, विभिन्न प्रकार के परिधानों इत्यादि के कारण इसे बहुधा विविधताओं का देश कहा जाता […] Read more » अस्पृश्यता छुआछूत सामाजिक विकृति
समाज भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर July 28, 2010 / June 6, 2012 by डॉ. राजेश कपूर | 26 Comments on भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर -डा. राजेश कपूर, पारम्परिक चिकित्सक पता नहीं भारत में कब और कैसे ये छुआ-छूत का विषधर सांप घुस गया? पूर्वाग्रहों को छोड़ कर ज़रा तथ्यों व प्रमाणों की रोशनी में देखें तो पता चलता है कि भारत में जातियां तो थीं पर छुआ- छूत नहीं. स्वयं अंग्रेजों के द्वारा दिए आंकड़े इसके प्रमाण हैं. भारत […] Read more » India छुआछूत