राजनीति ‘‘कह रहीम कैसे निभै, केर-बेर को संग’’ July 31, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment जहां तक गठबंधन धर्म का सवाल है तो यह लालू यादव की अहम जिम्मेदारी थी कि ऐसी स्थिति में तेजस्वी का मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दिलवाकर गठबंधन धर्म का निर्वहन करते, पर लालू यादव पुत्र मोह में धृतराष्ट्र के अवतार साबित हुए। वस्तुतः लालू यादव जैसे लोगों के पास न तो कोई नीति है और न सिद्धांत। उनका एकमात्र सिद्धांत सत्ता और उसका निर्बाध भोग है। ठीक जैसे राहुल गांधी के चलते कांग्रेस पार्टी भले रसातल में चली जाए, पर राहुल को किनारे नहीं किया जा सकता। Read more » Featured गठबंधन जदयू जदयू और भाजपा का गठबंधन भाजपा
राजनीति मोदी की मलाई न मिली तो मुंह फुला बन गए जनता परिवार April 21, 2015 / April 21, 2015 by कुमार सुशांत | Leave a Comment -कुमार सुशांत- ‘नाम’ के अनुरूप ही अगर राजनीतिक दलों का काम हो जाए तो क्या कहने। जनता परिवार का बैनर लिए 15 अप्रैल 2015 को जब छह दलों के मठाधीश एक मंच पर एकदूसरे का हाथ थामे मीडिया को जवाब दे रहे थे, उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था कि ये छह दल (सपा, […] Read more » Featured एचडी देवेगौड़ा जदयू नीतीश कुमार मुलायम सिंह यादव मोदी की मलाई न मिली तो मुंह फुला बन गए जनता परिवार राजद लालू यादद शरद यादव सपा
राजनीति अभी तक नहीं पच रही जीत May 21, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on अभी तक नहीं पच रही जीत -सुरेश हिन्दुस्थानी- वर्तमान में देश में जिस प्रकार का राजनीतिक परिदृश्य उपस्थित हुआ है, उससे कई दल के नेता आघात के बाद की स्थिति में चले गए हैं। इस सदमे की स्थिति से उबरने का उन्हें कोई मार्ग भी समझ आ रहा। जहां तक कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो कांगे्रस के नेताओं ने […] Read more » कांग्रेस चुनाव नतीजे जदयू बसपा भाजपा राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव परिणाम सपा
चुनाव राजनीति तीर वाली पार्टी के विघटन की पटकथा April 23, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- पटना के राजनीतिक व मीडिया के गलियारों में ऐसी चर्चा ज़ोरों पर है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बड़ा विघटन तीर वाली पार्टी में होगा (इसका जिक्र मैंने महीनों पहले अपने एक स्तम्भ में भी किया था)। अगर मेरी और मेरे सूत्रों की मानें तो शरद यादव का इस पार्टी […] Read more » jdu जदयू तीर वाली पार्टी के विघटन की पटकथा
राजनीति नीतीश बनाम भाजपा और भावी राजनीति का खेल July 18, 2012 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment उमेश चतुर्वेदी राजनीति में एक मान्यता रही है..यहां कोई भी सत्य आखिरी नहीं होता…कुछ इसी अंदाज में राजनीति में दुश्मनी स्थायी नहीं होती…इन मान्यताओं का एक मतलब यह भी है कि बहता पानी निर्मला की तरह बदलाव राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। कुछ इसी तर्ज पर यह भी कह सकते हैं कि राजनीति […] Read more » जदयू नरेंद्र मोदी नितिश कुमार भाजपा
राजनीति नीतिश बाबू के बिहार में भाजपा की दुविधा July 1, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on नीतिश बाबू के बिहार में भाजपा की दुविधा -डा. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री नीतिश बाबू पिछले चार वर्षो से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले भी वे एक बार एनडीए के पुण्यप्रताप से बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। परन्तु कुछ दिनों के बाद विधानसभा में बहुमत न होने के कारण उन्हें त्यागपत्र देना पडा था। लेकिन अबकी बार उन्हें मुख्यमंत्री का पद संभाले निरंतर […] Read more » Nitish Kumar जदयू नीतिश कुमार भाजपा
राजनीति जिस रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाना ना हो मुमकिन June 28, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 4 Comments on जिस रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाना ना हो मुमकिन -पंकज झा राजनीति का मतलब ही यही होता है कि आप उतने ही सफल होते हैं जितना निशाना एक तीर से साध सकते हों. अभी बिहार में हूँ और तीर निशान वाले जनता दल यू के बीजेपी के साथ किये जा रहे नूरा-कुश्ती को देख रहा हू. यूं तो भाजपा नीत गठबंधन का नेतृत्व करते […] Read more » Bhajpa जदयू नरेन्द्र मोदी नितीश कुमार भाजपा
राजनीति नीतीश की नकारात्मक राजनीति June 25, 2010 / December 23, 2011 by अनिल सौमित्र | 1 Comment on नीतीश की नकारात्मक राजनीति -अनिल सौमित्र राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक बिहार में एनडीए या भाजपा-जदयू गठबंधन टूट के कगार पर है। यह महज आशंका नहीं, बल्कि घटनाओं और नेताओं के रवैये के आधार पर किया जा रहा विश्लेषण हैं। एनडीए संयोजक शरद यादव भले ही बीच-बचाव कर रहे हों, वे गठबंधन बनाए रखना चाहते हों, लेकिन बिहार में नीतीश […] Read more » Nitish Kumar जदयू नीतिश कुमार भाजपा