टेलिविज़न दूरदर्शन – समाचार, संस्कार व संतुलन की पाठशाला September 15, 2022 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment -डॉ. पवन सिंह दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद न जाने कितनी पीढ़ियों ने इसके क्रमिक विकास को जहाँ देखा […] Read more » Doordarshan - News School of Sanskar and Balance दूरदर्शन
टेलिविज़न मनोरंजन दूरदर्शन – समाचार, संस्कार व संतुलन की पाठशाला September 14, 2021 / September 14, 2021 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment -डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद न जाने कितनी पीढ़ियों ने इसके क्रमिक विकास को […] Read more » Culture and Balance showing Doordarshan Doordarshan - School of News दूरदर्शन
टेलिविज़न ‘दूरदर्शन’ जो दिलों में सदा जिंदा है September 15, 2020 / September 15, 2020 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment – डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद पिछले साठ वर्षों में न जाने कितनी पीढ़ियों ने […] Read more » Doordarshan always alive in the hearts दूरदर्शन
समाज लोकतंत्र का भविष्य समन्वय में है संघर्ष में नहीं ’ August 14, 2018 / August 14, 2018 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र लोकतंत्र में प्रयुक्त ‘लोक‘ शब्द अपने अपार विस्तार में समस्त संकीर्णताओं से मुक्त है । ‘लोक’ जाति-धर्म-भाषा-क्षेत्र-वर्ग आदि समूह की संयुक्त समावेशी इकाई है, जिसमें सहअस्तित्व का उदार भाव सक्रिय रहकर ‘लोक‘ को आधार देता है। ‘लोक‘ में सबके प्रति सबकी सहानुभूति का होना आवश्यक है। इसी से ‘लोक‘ एक इकाई […] Read more » Featured ईमेल दूरदर्शन लोकतंत्र का भविष्य समन्वय में है संघर्ष में नहीं ’ समाचार-पत्र सोशल मीडिया