धर्म-अध्यात्म “वेदों का स्वाध्याय सभी मनुष्यों का मुख्य कर्तव्य” December 14, 2018 / December 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्यों के अनेक कर्तव्यों में से एक कर्तव्य वेदों के सत्यस्वरूप को जानना व उनका नियमित स्वाध्याय करना है। वेदों का स्वाध्याय मनुष्य का कर्तव्य इसलिये है कि वेद संसार का सबसे पुराना व प्रथम ज्ञान है। यह वेदज्ञान मनुष्यों द्वारा अपने पुरुषार्थ से अर्जित ज्ञान नहीं है अपितु सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि […] Read more » ईश्वर का ज्ञान उसकी उपासना देश व समाज\ नित्य परोपकार सद्कर्म सर्वज्ञ एवं सर्वान्तर्यामी सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म सर्वश्रेष्ठ क्यों है?” October 19, 2018 / October 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार में अनेक मत मतान्तर प्रचलित हैं। सभी अपने आप को मत, पन्थ आदि न कह कर ‘‘धर्म” कहते हैं। क्या यह सभी धर्म हैं? यदि ये सभी धर्म होते तो इनकी सभी मान्यतायें, सिद्धान्त व परम्परायें एक समान होती व सत्य होती। जल का जो धर्म है वह उसका तरल होना, […] Read more » “वैदिक धर्म सर्वश्रेष्ठ क्यों है?” ईश्वर उपासना परोपकार पुरुषार्थ प्रार्थना यज्ञ स्तुति
धर्म-अध्यात्म ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ September 5, 2018 by मनमोहन सिंह | 1 Comment on ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […] Read more » ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ Featured अवतार ईश्वर-पुत्र ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द दान दीन-दुखियों परोपकार महापुरुष यज्ञ सत्यार्थप्रकाश संदेशवाहक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘जन्म-मृत्यु रहस्य’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम संसार में मनुष्य जन्म और मृत्यु दोनों को समय समय पर होते देखते हैं। यदि हम अपने परिवार के सदस्यों पर विचार करें तो हमें ज्ञात होता है कि हमारे माता, पिता हैं, उनके माता-पिता भी होते हैं या रहे होंगे और जिन्हें हम दादा-दादी कहते थे उनके भी माता-पिता अर्थात् […] Read more » Featured अग्निहोत्र यज्ञ ईश्वरोपासना परोपकार व्याप्य-व्यापक सर्वज्ञ-अल्पज्ञ स्वामी-सेवक
समाज दान उत्सव- परोपकार की खुशी का जीवन September 29, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment सचमुच कई तरह से खुशियां देती है यह जिंदगी। खुशी एवं मुस्कान भी जीवन का एक बड़ा चमत्कार ही है, जो जीवन को एक सार्थक दिशा प्रदत्त करता है। हर मनुष्य चाहता है कि वह सदा मुस्कुराता रहे और मुस्कुराहट ही उसकी पहचान हो। क्योंकि एक खूबसूरत चेहरे से मुस्कुराता चेहरा अधिक मायने रखता है, लेकिन इसके लिए आंतरिक खुशी जरूरी है। Read more » Featured खुशी का जीवन दान उत्सव परोपकार परोपकार की खुशी
कला-संस्कृति शान के लिए दान ? June 18, 2015 / June 18, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- परोपकार, दान, गरीबों की सेवा, बेसहारों को सहारा देने जैसी बातें लगभग सभी धर्मों के महापुरुषों द्वारा बताई गई हैं । साथ-साथ यह भी बताया गया है कि दान करने वालों को अपने दान का ढिंढोरा हरगिज़ नहीं पीटना चाहिए। इस्लाम धर्म में हज़रत अली का कथन है कि यदि कोई व्यक्ति अपने एक हाथ से दान करता […] Read more » Featured गरीबों की सेवा दान परोपकार शान के लिए दान ? सेवा