कविता आत्मा पुनर्जन्म ऐसे पा लेती है February 1, 2021 / February 1, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —-विनय कुमार विनायकएको ब्रह्म दूजा नास्तिअस्तु परमात्मा एक है! अशरीरी अखण्ड परमात्मापारद सा खण्डित होतागोल बूंद सा मंडित होता! वायवीय आवरण से घिरकरआवरणों के छंट जाने सेदूरियों के घट जाने सेबूंद-बूंद अनेक बूंद होकरएक जलराशि सा हो जाता! अस्तु परमात्मा एक है!आत्मा-आत्मा भी बूंद-बूंद साएक-एक इकाई हो जाता! परमात्मा बूंद-बूंद सा बंटकरशरीर में एक नहीं […] Read more » This is how the soul reincarnates पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का पूर्वजन्म, वर्तमान और पुनर्जन्म होना सत्य सिद्धान्त है January 1, 2019 / January 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में […] Read more » पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म “वेदमार्ग ही मनुष्य को ईश्वर, जीवात्मा व संसार का ज्ञान कराकर मोक्ष में प्रवृत्त कराता है” September 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार में मुख्यतः दो प्रकार की जीवन शैली एवं संस्कृतियां हैं। एक त्याग की ओर प्रवृत्त करती हैं तो दूसरी भोग की ओर। वैदिक धर्म व संस्कृति मनुष्य को त्यागपूर्वक जीवन व्यतीत करने का सन्देश देती है। पाश्चात्य एवं अन्य विदेशी संस्कृतियां प्रायः अपने अनुयायियों को भोग करने का संकेत देती हैं। […] Read more » अजर अनादि अमर अविनाशी आत्मा आत्मोन्नति जन्म-मरण धर्मा नित्य पुनर्जन्म पूर्वजन्म शाश्वत् सनातन ससीम
धर्म-अध्यात्म “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त” June 15, 2018 / June 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो […] Read more » “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी Featured अनादि अनुत्पन्न अविनाशी चेतन पुनर्जन्म पूर्व जन्म पूर्वजन्म-जन्म-पुनर्जन्म बन्धन मोक्ष सुख व दुख होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त”
धर्म-अध्यात्म “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” April 4, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और लगभग 7 दशक पूर्व हमारा जन्म हुआ था। प्रश्न है कि जन्म से पूर्व हमारा अस्तित्व था या नहीं? यदि नहीं था तो फिर यह अभाव से भाव अर्थात् अस्तित्व न होने से हुआ कैसे? विज्ञान का सिद्धान्त है कि किसी भी पदार्थ का रूपान्तर तो किया जा […] Read more » featuerd जन्म जन्मान्तरों पुनर्जन्म मनुष्य शरीर संस्कार
धर्म-अध्यात्म अपने व पूर्वजों के कर्मों का फल November 25, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on अपने व पूर्वजों के कर्मों का फल डा. राधेश्याम द्विवेदी संसार के प्रत्येक प्राणी को अपने तथा पूर्वजों के कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। इससे मुक्ति कभी नहीं मिलती है। यह बात और है कि किस कर्म का फल कब मिलता है। जो कर्म ज्यादा होते हैं उसे बाद में तथा जो कम होते है उसे पहले भोगने को मिलता […] Read more » Featured पुनर्जन्म पूर्वजों के कर्मों का फल मनुष्य का वंश उसका पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म पुनर्जन्म का ज्ञानपूर्ण व बुद्धिसंगत कारण व आधार June 16, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जन्म का आधार प्रत्यक्ष रूप में माता-पिता होते हैं परन्तु अप्रत्यक्ष रूप में इस सृष्टि में व्यापक एक चेतन सत्ता जो सृष्टि की उत्पत्ति की सामर्थ्य सहित मनुष्य व अन्य प्राणियों की उत्पत्ति व रचना का ज्ञान रखती है, वह दोनों हैं। हमने माता-पिता से इतर सृष्टि में व्यापक एक […] Read more » पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का पूर्वजन्म, मुत्यु, पुनर्जन्म व परजन्म January 17, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज का विज्ञान ईश्वर व जीवात्मा के अस्तित्व व स्वरुप से पूर्णतया व अधिकांशतः अपरिचित है। विज्ञान केवल भौतिक पदार्थों का अध्ययन ही करता है व उनके विषय में यथार्थ जानकारी उपलब्ध कराता है। विज्ञान का भौतिक पदार्थों का अध्ययन व उसके आधार पर उपलब्ध कराया गया ज्ञान व सुविधायें सराहनीय एवं प्रशंसनीय है। इसका […] Read more » death of a soul reincarnation of a soul जीवात्मा का पूर्वजन्म परजन्म पुनर्जन्म मुत्यु
धर्म-अध्यात्म विविधा सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ? May 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- हम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में अनेक प्राणी हैं परन्तु मनन करने वाला प्राणी केवल मनुष्य ही है। मनुष्य का जन्म-माता व पिता से होता है। यह दोनों मनुष्य के जन्म में मुख्य कारण वा […] Read more » Featured पुनर्जन्म ब्रह्मांड मनुष्य का जन्म सृष्टि सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ?