प्रवक्ता न्यूज़ “हिन्दू जाति के सच्चे रक्षक व उद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती और आर्यसमाज” November 28, 2018 / November 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नाम ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिव भक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूल […] Read more » आचार्य डॉ. रामनाथ वेदालंकार पं. गंगा प्रसाद उपाध्याय पं. गणपति शर्मा पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु पं. भगवद्दत्त जी पं. युधिष्ठिर मीमांसक भाई परमानन्द महर्षि दयानन्द सरस्वती महात्मा आनन्द स्वामी महाशय राजपाल रामप्रसाद बिस्मिल लाला लाजपतराय स्वामी अमर स्वामी स्वामी विद्यानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के एक जीवनीकार बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय” November 22, 2018 / November 22, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “ऋषि दयानन्द के एक जीवनीकार बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय” मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) की अनुसंधानपूर्ण मौलिक जीवनी लेखकों में बंगाल निवासी बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय का नाम सम्मिलित है। आपने 10 वर्षों तक देश भर में घूम कर ऋषि जीवन की सामग्री का संग्रह किया था। उन्होंने ही ऋषि दयानन्द के जन्म स्थान टंकारा की खोज की और ऋषि दयानन्द के बाल्यकाल […] Read more » ‘आर्य लेखक कोश “ऋषि दयानन्द के एक जीवनीकार बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय” आर्यसमाजी महर्षि दयानन्द सरस्वती मैसर्स विजयकुमार गोविन्दराम हासानन्द
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द लिखित राजा भोज के जीवन की कुछ विशेष बातें” November 20, 2018 / November 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) जी ने अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश के ग्यारहवें समुल्लास में राजा भोज (1010-1055) के समय पुराणों की रचना एवं महाभारत व इसके प्रक्षेपों की चर्चा की है। उन्होंने राजा भोज के समय में विद्यमान कुछ वैज्ञानिक आविष्कारों व उपकरणों का भी उल्लेख किया है। ऋषि दयानन्द वेद, […] Read more » अन्धविश्वासों ऋषि दयानन्द वेद भेदभाव महर्षि दयानन्द सरस्वती मिथ्यापूजा वैदिक विज्ञान वैदिक साहित्य सामाजिक
धर्म-अध्यात्म समय-समय पर आर्यसमाज के नियम पढ़ना व समझना तथा उन्हें जीवन उतारना आवश्यक’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में की थी। स्थापना का मुख्य उद्देश्य वेदों, वैदिक धर्म व संस्कृति का प्रचार व प्रसार करना था। आर्यसमाज के 10 नियम हैं जिन्हें आसानी से कुछ घंटे के परिश्रम से स्मरण किया जा सकता है। आर्यसमाज में […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आर्यसमाज ईश्वर सच्चिदानन्द-स्वरूप दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र महर्षि दयानन्द सरस्वती श्री कृष्ण सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर प्रदत्त सनातन वैदिक धर्म का भविष्य” August 28, 2018 / August 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, धर्म मनुष्यों के आचरण करने योग्य श्रेष्ठ सिद्धान्तों, मान्यताओं व विचारधारा को कहते हैं। सिद्धान्त व मान्यतायें ऐसी हों जिनसे संसार के सभी मनुष्यों का हित व उन्नति हो व सब सुखी रहकर सृष्टिकर्ता ईंश्वर व अपनी जीवात्मा का ज्ञान प्राप्त कर आत्मा की उन्नति व परजन्म को इस जन्म से भी […] Read more » feartured Featured ईसाई जैन बौद्ध ब्राह्मण ग्रन्थ महर्षि दयानन्द सरस्वती मुस्लिम हिन्दू व वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म “वैदिक साधन आश्रम तपोवन-देहरादून और इसकी मासिक पत्रिका पवमान का अगस्त 2018 अंक प्रकाशित” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम, तपोवन-देहरादून आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान एवं साधक महात्मा आनन्द स्वामी जी की प्रेरणा से अमृतसर के बावा गुरमुख सिंह जी द्वारा स्थापित ईश्वरोपासना, यज्ञ, स्वाध्याय आदि करने हेतु साधना का एक आदर्श केन्द्र है। आश्रम का 300 बीघा भूमि का अपना भूभाग है। सन् 1949 में इस आश्रम की […] Read more » ‘प्रफुल्ल चन्द्र चाकी’ Featured आचार्य आशीष दर्शनाचार्य पं. श्यामजी कृष्ण वर्मा बावा गुरमुख सिंह महर्षि दयानन्द सरस्वती स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द हनुमान का बचपन’
शख्सियत समाज महर्षि दयानन्द ! तुझे प्रणाम, कोटिश: नमन February 10, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 194वीं जयन्ती महर्षि दयानन्द के व्यक्तित्व को किसी एक आलेख में आबद्घ किया जाना सर्वथा असम्भव है। जो व्यक्ति सम्पूर्ण क्रान्ति का अग्रदूत बनकर अपने देश में आया और सम्पूर्ण मानवता के उद्घार व कल्याण का मार्ग अज्ञानान्धकार में भटकते विश्व समुदाय को देकर […] Read more » 'स्वराज्य' के उपासक महर्षि दयानन्द Featured आध्यात्मिक विभूति महर्षि दयानन्द दयानन्द महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द सरस्वती संस्कृति रक्षक महर्षि दयानन्द सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत महर्षि
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की कुछ प्रमुख मान्यतायें November 8, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेदों पर आधारित महर्षि दयानन्द जी की कुछ प्रमुख मान्यताओं को पाठकों के लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं: ईश्वर विषयक ईश्वर कि जिसके ब्रह्म, परमात्मादि नाम हैं, जो सच्चिदानन्दादि लक्षणयुक्त है, जिसके गुण, कर्म, स्वभाव पवित्र हैं, जो सर्वज्ञ, निराकार, सर्वव्यापक, अजन्मा, अनन्त, सर्वशक्तिमान, दयालु, न्यायकारी, सब सृष्टि का कर्ता, धर्ता, हर्ता, सब जीवों को […] Read more » Featured दयानन्द सरस्वती जी की कुछ प्रमुख मान्यतायें महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ? May 14, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ? –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द मई, 1883 के अन्त में शाहपुरा से जोधपुर गये थे। वहां आने के लिए उनको जोधपुर रियासत की ओर से निमन्त्रण मिला था। स्वामीजी को शाहपुराधीश श्री नाहरसिंह जी ने जोधपुर जाने से पूर्व वहां जाते समय संकेत करते हुए कहा था कि यह अच्छा होगा यदि वह जोधपुर में […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द सरस्वती यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ?
धर्म-अध्यात्म गुरूकुल प्रणाली November 30, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ‘ महर्षि दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द और गुरूकुल प्रणाली’ महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) आर्य समाज के संस्थापक हैं। आर्य समाज की स्थापना 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई के काकडवाड़ी स्थान पर हुई थी। इसी स्थान पर संसार का सबसे पुराना आर्य समाज आज भी स्थित है। आर्य समाज की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य वेदों का प्रचार […] Read more » importance of gurukul system in spread of knowledge गुरूकुल प्रणाली’ महर्षि दयानन्द सरस्वती स्वामी श्रद्धानन्द
कला-संस्कृति ‘ईश्वर व ऋषियों के प्रतिनिधि व योग्यतम् उत्तराधिकारी महर्षि दयानन्द सरस्वती’ September 18, 2014 / September 18, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् क्या कोई ईश्वर तथा सृष्टि की आदि व महाभारत काल से सन् 1883 तक हुए ऋषियों का कोई प्रतिनिधि व योग्यतम् उत्तराधिकारी हुआ है? इसका उत्तर है कि हां, इनका उत्तराधिकारी हुआ है और वह केवल महर्षि दयानन्द सरस्वती हैं। इसका क्या प्रमाण है कि महर्षि दयानन्द इन सबके और मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम […] Read more » महर्षि दयानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म ‘महर्षि दयानन्द सरस्वती को चार वेद कब, कहां, कैसे व किससे प्राप्त हुए?’ July 22, 2014 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on ‘महर्षि दयानन्द सरस्वती को चार वेद कब, कहां, कैसे व किससे प्राप्त हुए?’ -मनमोहन कुमार आर्य- हर अध्येता व स्वाध्याय करने वाले को सभी शंकाओं व प्रश्नों के उत्तर सरलता से प्राप्त नहीं होते, परन्तु प्रयास व पुरूषार्थ करने से कुछ के उत्तर मिल जाते हैं और अन्यों के बारे में अनुमान व संगति लगा कर काम चलाना पड़ता है। हम भी स्वामी दयानन्द के सभी ग्रन्थों सहित […] Read more » चार वेद महर्षि दयानन्द सरस्वती