धर्म-अध्यात्म “सृष्टि की उत्पत्ति का कारण और कर्म-फल सिद्धान्त” November 12, 2018 / November 12, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम इस विश्व के अनेकानेक प्राणियों में से एक प्राणी हैं। यह विश्व जिसमें असंख्य सूर्य, पृथिवी व चन्द्र आदि लोक लोकान्तर विद्यमान है, इसकी रचना वा उत्पत्ति किस सत्ता ने क्यों की, यह ज्ञान हमें होना चाहिये। महर्षि दयानन्द ने जहां अनेक प्रकार का ज्ञान अपने सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में दिया […] Read more » “सृष्टि की उत्पत्ति का कारण और कर्म-फल सिद्धान्त” अखण्डनीय अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुत्पन्न अमर अविनाशी नित्य निराकार सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वान्तर्यामी
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द अमर हैं और हमेशा अमर रहेंगेः नवीन भट्ट” November 5, 2018 / November 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज ऋषि दयानन्द सरस्वती जी के कर कमलों द्वारा स्थापित आर्यसमाज है जिसकी स्थापना देहरादून के ऋषि भक्त पं. कृपाराम जी व उनके सहयोगियों के द्वारा 29 अप्रैल, 1879 को हुई थी। पं. कृपा राम जी आर्यसमाज के विख्यात विद्वान एवं संन्यासी पं. बुद्धदेव विद्यालंकार के नाना थे। आज समाज का साप्ताहिक […] Read more » “ऋषि दयानन्द अमर हैं और हमेशा अमर रहेंगेः नवीन भट्ट” अरविन्द ने महर्षि दयानन्द सच्चिदानन्दस्वरूप
धर्म-अध्यात्म “क्या हमारा वर्तमान का जन्म पिछले जन्म का पुनर्जन्म नहीं है?” September 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वेद और वैदिक परम्परा में ईश्वर व जीवात्मा को सनातन, अजन्मा, अमर, अविनाशी, जन्म व मरण के बन्धन में बन्धा हुआ और कर्मों का कर्ता और उसके फलों को भोगने वाला माना गया है। वेद क्या हैं? वेद ईश्वरीय ज्ञान है जो ईश्वर ने सृष्टि को बनाकर मनुष्यादि प्राणियों की अमैथुनी कर […] Read more » अजन्मा अनन्त दयालु निराकार निर्विकार न्यायकारी सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता
धर्म-अध्यात्म “आध्यात्मिकता रहित भौतिक सुखों से युक्त जीवन अधूरा व हानिकारक है” September 28, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “आध्यात्मिकता रहित भौतिक सुखों से युक्त जीवन अधूरा व हानिकारक है” मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी है। मनुष्य अन्नादि से बना भौतिक शरीर मात्र नहीं है अपितु इसमें एक अनादि, नित्य, अविनाशी, अमर, अल्पज्ञ, जन्म-मरण धर्मा, शुभाशुभ कर्मों का कर्ता व भोक्ता जीवात्मा भी है जो इस शरीर का स्वामी है। आश्चर्य है कि अधिकांश शिक्षित व भौतिक विज्ञानी भी अपनी आत्मा के स्वरूप व […] Read more » ईश्वर धार्मिक राजधर्म सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वव्यापक सामाजिक
प्रवक्ता न्यूज़ “मन को वश में करना कठिन है परन्तु इसकी साधना आवश्यक है” September 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य का मन ही बन्धन व मोक्ष का कारण है। यह दर्शन शास्त्र का वचन है और यह सत्य सिद्धान्त है। मनुष्य जो भी कर्म करता है वह शुभ व अशुभ होने से दो प्रकार के कहे जाते हैं। शुभ कर्म करने का परिणाम शुभ व सुख होता है और अशुभ कर्म […] Read more » घूम्रपान चाय निराकार न्यायकारी मदिरापान मांसाहार सच्चिदानन्दस्वरूप सद्कर्मों सर्वज्ञ सर्वव्यापक
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म का समग्रता से ज्ञान व प्रचार गुरुकुलीय शिक्षा से ही सम्भव” June 27, 2018 / June 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, गुरुकुल एक लोकप्रिय शब्द है। यह वैदिक शिक्षा पद्धति का द्योतक शब्द है। वैदिक धर्म व संस्कृति का आधार ग्रन्थ वेद है। वेद चार हैं जिनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद हैं। यह चार वेद सृष्टि के आरम्भ में सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, अनन्त, न्यायकारी, सृष्टिकर्ता और जीवों के […] Read more » “वैदिक धर्म का समग्रता से ज्ञान व प्रचार गुरुकुलीय Featured अनन्त अनादि ऋग्वेद निराकार न्यायकारी यजुर्वेद शिक्षा से ही सम्भव” सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सामवेद सृष्टिकर्ता
धर्म-अध्यात्म “ईश्वरीय ज्ञान वेद की मान्यतायें ही विज्ञान की भांति सार्वभौमिक व सार्वकालिक मनुष्यमात्र का धर्म” June 23, 2018 / June 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारी इस सृष्टि की रचना सर्वव्यापक ईश्वर ने की है जो सच्चिदानन्दस्वरूप, अनादि, अमर, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ व सर्वव्यापक है। उसके गुण, कर्म, स्वभाव व अन्य सभी नियम सत्य हैं व सर्वव्यापक भी हैं। ऐसा नहीं है कि ईश्वर के नियम भारत में कुछ और हों और अमेरिका व किसी अन्य देश […] Read more » “ईश्वरीय ज्ञान वेद की मान्यतायें ही विज्ञान की भांति सार्वभौमिक व सार्वकालिक Featured ईश्वर और सर्वशक्तिमान निराकार मनुष्यमात्र का धर्म” सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वज्ञ सर्वव्यापक
धर्म-अध्यात्म “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व संचालन सम्भव है?” June 20, 2018 / June 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम जिस सृष्टि में रहते हैं वह विशाल ब्रह्माण्ड का एक सौर्य-मण्डल है। इस सौर्यमण्डल में मुख्यतः एक सूर्य, हमारी पृथ्वी और ऐसे व इससे भी बड़े अनेक ग्रह तथा हमारी पृथ्वी का एक चन्द्र व अन्य ग्रहों के चन्द्र के समान अनेक छोटे व बड़े उपग्रह हैं। वैदिक गणना के अनुसार […] Read more » “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व Featured अनादि अनुत्पन्न ईश्वर धार्मिक नित्य व अविनाशी निराकार संचालन सम्भव है?” सच्चिदानन्दस्वरूप सत्य सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वान्तर्यामी