गजल प्यार है लाज़िमी ज़िंदगी के लिये….. December 10, 2012 / December 10, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी तुमने उनको चुना रहबरी के लिये, वो जो मशहूर हैं रहज़नी के लिये। सिर्फ जज़्बातो ताक़त ही काफी नहीं, हौंसला चाहिये दुश्मनी के लिये। शर्त यह है कि तक़सीम सबमें करंे, अपना खूं देंगे हम रोशनी के लिये। भूल लम्हों की सदियां सज़ा पायेंगी, ख़बरें ना छापिये सनसनी के लिये। […] Read more » gazal by iqbal hindustani प्यार है लाज़िमी ज़िंदगी के लिये.....
गजल बाग़ी करोड़ों लोग हैं दो चार मत समझ….. October 18, 2012 / October 17, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on बाग़ी करोड़ों लोग हैं दो चार मत समझ….. इक़बाल हिंदुस्तानी मजबूर हूं मगर मुझे लाचार मत समझ, बेरोज़गार हूं मगर बेकार मत समझ। मेरी तरह सभी को क़लम तो नहीं मिली, बाग़ी करोड़ों लोग हैं दो चार मत समझ। इल्ज़ाम का भी देंगे तेरे वक़्त पर जवाब, कुछ मस्हलत है चुप हैं ख़तावार मत समझ। क़ीमत अदा करोगे तो लिखदेंगे […] Read more » gazal by iqbal hindustani बाग़ी करोड़ों लोग हैं दो चार मत समझ.....
गजल खून के कई रिश्ते खून के ही प्यासे हैं….. October 2, 2012 / October 2, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी मुश्किलों में लोगों को खूब आज़माते हैं, जो खरे उतरते हैं दोस्त बन जाते हैं। जैसे छोटे बच्चे हैं कुछ भी जानते ही नहीं, यूं सफ़ाई देते हैं कि रहनुमा लड़ाते हैं। क्या क़लम की ताक़त है तानाशाहों से पूछो, आप बेवजह हमको तोप से डराते हैं । तुम हमारे […] Read more » gazal by iqbal hindustani खून के कई रिश्ते खून के ही प्यासे हैं.....
गजल मेरी ग़ल्ती में छिपा है मेरा इंसां होना….. September 24, 2012 / September 24, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी हर किसी के लिये जो आदमी अच्छा होगा, इसका मतलब है वो सच कहने से डरता होगा। मेरे आमाल ही मालिक हैं मेरी क़िस्मत के, उसको लिखना था जो क़िस्मत में लिक्खा होगा। सिर्फ़ चेहरे को नहीं दिल को भी पढ़ना सीखो, वर्ना एक रोज़ भयंकर सा धमाका होगा। मेरी […] Read more » gazal by iqbal hindustani
गजल आंख नम होगी तो लोग बचेंगे तुमसे….. September 10, 2012 / September 10, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on आंख नम होगी तो लोग बचेंगे तुमसे….. इक़बाल हिंदुस्तानी सिर्फ़ हाथों को नहीं दिल भी मिलाये रखना, वर्ना मुमकिन नहीं यारी को निभाये रखना। ये उनपे छोड़िये क्या करते हैं ज़मानेवाले, ठीक है या नहीं अहसास दिलाये रखना । हमने धोखा दिया पर हमको ना धोखा देना, मैं हूं ममता मेरी सरकार चलाये रखना। आंख नम होगी तो […] Read more » gazal by iqbal hindustani
गजल गज़ल:बाप ही जब बेटियों को इस तरह खाने लगें….. August 5, 2012 / August 5, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on गज़ल:बाप ही जब बेटियों को इस तरह खाने लगें….. इक़बाल हिंदुस्तानी बच्चा बच्चा हाथ में थामेगा ख़ंजर देखना, और आगे चलके इस दुनिया के मंज़र देखना। जुल्म सहना छोड़कर जब उठ खड़े हो जाओगे, ज़िंदगी की भीख मांगेगा सितमगर देखना। फ़ितरतन तो आग उगलेगा शिकायत क्या करें, रख के पानी में हज़ारों साल पत्थर देखना। आपका कुनबा ज़माने में अमर हो […] Read more » gazal by iqbal hindustani गज़ल:बाप ही जब बेटियों को इस तरह खाने लगें
गजल गजल:जा पहुंचा चांद पर मैं जिसे पूजता रहा….. July 23, 2012 / July 23, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on गजल:जा पहुंचा चांद पर मैं जिसे पूजता रहा….. -इक़बाल हिंदुस्तानी माली ख़फ़ा ना हो कहीं ये सोचता रहा, लुटता हुआ मैं अपना चमन देखता रहा। दुश्मन की ज़द से खुद को बचाना था इसलिये, मैं अपने रक्षकों की तरफ़ देखता रहा। हसरत भरी निगाह से मौक़ा दिया मगर, अफ़सोस कुछ किया नहीं वो देखता रहा। जब इल्म की भी रोश्नी […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल:जा पहुंचा चांद पर मैं जिसे पूजता रहा.....
गजल गजल:देश बंटने से बचाना है ज़रा याद रहे….. July 15, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी तुमको कुछ करके दिखाना है ज़रा याद रहे, सबको इंसाफ़ दिलाना है ज़रा याद रहे। बम कोई सा भी बनाओ तुम्हें पूरा हक़ है, बम से गै़रों के बचाना है ज़रा याद रहे। तुमने बोई थी जो वादों की फ़सल काट चुके, अब अमल करके दिखाना है ज़रा याद रहे। […] Read more » gazal by iqbal hindustani
गजल गजल- मेरा तो घर जला दिया अच्छा नहीं किया July 5, 2012 / July 5, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on गजल- मेरा तो घर जला दिया अच्छा नहीं किया इक़बाल हिंदुस्तानी तुमने हमें हरा दिया अच्छा नहीं किया, सोये थे क्यों जगा दिया अच्छा नहीं किया। सौदा तो कर लिया मगर कैसे टिकेगा ये, रूठों को यूं मना दिया अच्छा नहीं किया। खुद पर जो आंच आई तो हल्ला मचा दिया, मेरा तो घर जला दिया अच्छा नहीं किया। तुम तो […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल- मेरा तो घर जला दिया अच्छा नहीं किया
गजल गजल:पैसे से रोग पाल के मग़रूर हो गया-इक़बाल हिंदुस्तानी June 20, 2012 / June 20, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment हर शिकवा गिला आपसे जब दूर हो गया, अब आपका हर फ़ैसला मन्ज़ूर हो गया। अब तो वतन के वास्ते भी काम कुछ करो, रहबर तुम्हारा काम तो भरपूर हो गया। औरों के वास्ते तो बनाता रहा महल, छत चाही सर पे तो मजबूर हो गया। कमज़ोर पे सदा ही जो गुस्सा […] Read more » gazal by iqbal hindustani
गजल हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे….. June 11, 2012 / June 10, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी ऐसा मसलों का हल बताये कोई, के ग़रीबों को ना सताये कोई। मुंसिफ़ों तक पहुंच है मुजरिम की, जुर्म से कैसे बाज़ आये कोई। ज़ालिमों को सज़ा भी दो ऐसी, दिल किसी का ना फिर दुखाये कोई। हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे , वो नई चाल चल ना जाये […] Read more » gazal by iqbal hindustani हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे
गजल गजल:आप हम से मिले जिंदगी की तरह-इक़बाल हिंदुस्तानी May 31, 2012 / May 31, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment खिल उठी जिंदगी फिर कली की तरह, आप हम से मिले जिंदगी की तरह। जब उसे पा लिया हम ने चाहा जिसे, ग़म भी लगने लगे खुशी की तरह। ख़ास अंदाज़ हैं अपने जीने के भी, दुश्मनी भी जो की दोस्ती की तरह। चैन मिल पायेगा मेरे दिल को तभी, मुझ पे […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल:आप हम से मिले जिंदगी की तरह-इक़बाल हिंदुस्तानी