साहित्य हिन्दी दिवस पर विशेष- साइबर युग में हिन्दी का नया भाषायी ठाट और ठसक September 14, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on हिन्दी दिवस पर विशेष- साइबर युग में हिन्दी का नया भाषायी ठाट और ठसक -जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबर युग में हिंदी दिवस का वही महत्व नहीं है जो आज से बीस साल पहले था। संचार क्रांति ने पहलीबार भाषा विशेष के वर्चस्व की विदाई की घोषणा कर दी है। संचार क्रांति के पहले भाषा विशेष का वर्चस्व हुआ करता था, संचार क्रांति के बाद भाषा विशेष का वर्चस्व स्थापित करना […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य राष्ट्रभाषाओं को बचाएं, भारतीय संस्कृति बचाएं September 13, 2010 / December 22, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 16 Comments on राष्ट्रभाषाओं को बचाएं, भारतीय संस्कृति बचाएं -विश्व मोहन तिवारी १४ सितंबर राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह सरकार को याद दिलाने के लिये नहीं वरन सरकारी कर्मचारियों को याद दिलाने के लिये होता है, ताकि सरकारी कार्य राष्ट्रभाषा में हो। अर्थात सरकार यह इंगित करती है कि अपनी भाषा को भूलने के लिये हम ही जिम्मेदार हैं। यह […] Read more » Hindi Diwas राष्ट्रभाषा हिंदी हिंदी दिवस
साहित्य कसौटी पर है हिन्दी दिवस – सतीश सिंह September 5, 2010 / December 22, 2011 by सतीश सिंह | 6 Comments on कसौटी पर है हिन्दी दिवस – सतीश सिंह औपचारिक समारोह का प्रतीक बनकर रह गया है-हिन्दी दिवस, यानि चौदह सितम्बर का दिन। सरकारी संस्थानों में इस दिन हिन्दी की बदहाली पर मर्सिया पढ़ने के लिए एक झूठ-मूठ की दिखावे वाली सकि्रयता आती है। एक बार फिर वही ताम-झाम वाली प्रकि्रया बड़ी बेरहमी के साथ दुहरायी जाती है। दिखावा करने में कोई पीछे नहीं […] Read more » Hindi Diwas हिन्दी दिवस
कविता हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत September 14, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 8 Comments on हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत एक बूढी औरत…. राजघाट पर बैठे-बैठे रो रही थी न जाने किसका पाप था जो अपने आंसुओं से धो रही थी। मैंने पूछा- माँ , तुम कौन? मेरी बात सुन कर वह बहुत देर तक रही मौन लेकिन जैसे ही उसने अपना मुह खोला लगा दिल्ली का सिंहासन डोला वह बोली-अरे, तुम जैसी नालायको के […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिंदी दिवस पर विशेष: अँग्रेज़ों के खाने कमाने का दिन September 14, 2009 / December 26, 2011 by अविनाश वाचस्पति | 56 Comments on हिंदी दिवस पर विशेष: अँग्रेज़ों के खाने कमाने का दिन हिन्दी वाले जिस दिन का इंतजार साल भर करते हैं। लो वो भी आ गया। आज एक और हिन्दी दिवस है। गए गुजरों सालों पर नज़र डालते हैं तो बीत गए कल की तुलना में अपने आज को बेहत्तर पाते हैं और भविष्य को डायमंड जड़ित देखते हैं। बीते कल में हिन्दी की खूब दुर्गति […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस