मीडिया पत्रकारिता की लाज:रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता रवीश कुमार August 5, 2019 / August 5, 2019 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री आपातकाल के समय 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने एक बार देश के चौथे स्तंभ का गला घोंटने का प्रयास करते हुए प्रेस पर सेंसर लागू किया था। इंदिरा गाँधी की इस तानाशाही का पूरे देश में ज़बरदस्त विरोध हुआ था। विपक्ष,मीडिया व देश के आम लोग सभी आपातकाल की तानाशाही के […] Read more » Journalism megsasay award Ravish Kumar save face of journalism
राजनीति सवाल पूछने से पहले पीएम को जवाब देने लायक तो समझिए जनाब May 1, 2019 / May 1, 2019 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठकवे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नकारना चाहते हैं मगर सबसे ज्यादा मोदी उनके दिलों दिमाग पर चढ़े हुए हैं। उनके न्यूज शो आए दिन मोदी से शुरु होकर मोदी पर खत्म होते हैं। सिर्फ न्यूज शो ही नहीं वे सामाजिक व मीडिया मंचों पर अपनी पूरी बात मोदीमय करते हैं। मोदी को नकारते […] Read more » Journalism पीएम
मीडिया पत्रकारिता: संकट में छिपा अवसर November 16, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment पत्रकारिता वर्तमान में साहित्य की सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण, प्रभावकारी एवं संभावनाओं से भरी विधा है। यदि आपमें मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अभिलाषा है तो साहित्य की उपलब्ध विधाओं में तो इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं दिखता। साहित्य की अन्य विधाओं की संरचना ही इस प्रकार की है कि लाक्षणिकता और संकेतात्मकता उनकी आधारभूत […] Read more » Featured Journalism कॉरपोरेटीकरण कॉर्पोरेट पत्रकारिता टी. आर. पी. पत्रकारिता प्रिंट मीडिया भारतीय पत्रकारिता भारतीय स्वाधीनता संग्राम
मीडिया पत्रकारिता में भी ‘राष्ट्र सबसे पहले’ जरूरी August 6, 2017 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह मौजूदा दौर में समाचार माध्यमों की वैचारिक धाराएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब आम समाज यह बात कर रहा है कि फलां चैनल/अखबार कांग्रेस का है, वामपंथियों का है और फलां चैनल/अखबार भाजपा-आरएसएस की विचारधारा का है। समाचार माध्यमों को लेकर आम समाज का इस प्रकार […] Read more » authentication of journalism Featured Journalism journalism in favour of nation positive journalism पत्रकारिता पत्रकारिता की विश्वसनीयता विश्वसनीयता
मीडिया पत्रकारिता को मीडिया कहकर लज्जित न करें July 24, 2016 / July 24, 2016 by पवन तिवारी | 3 Comments on पत्रकारिता को मीडिया कहकर लज्जित न करें मीडिया और पत्रकारिता के अंतर को जाने मित्रों आज पत्रकारिता शब्द के पर्याय, विकल्प या पत्रकारिता के स्थान पर एक दोयम दर्जे के औपनिवेशिक शब्द मीडिया ने हथिया लिया है.पत्रकारिता देशज व पवित्र शब्द है.पत्रकारिता ने देश की स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय व उत्थान में अप्रतिम भूमिका निभाई है किन्तु आज मीडिया के नाम पर पत्रकारिता […] Read more » Journalism media पत्रकारिता मीडिया मीडिया और पत्रकारिता मीडिया और पत्रकारिता के अंतर को जाने
मीडिया साहित्य व शिष्टता से दूर होती पत्रकारिता February 21, 2013 / February 21, 2013 by निर्मल रानी | 4 Comments on साहित्य व शिष्टता से दूर होती पत्रकारिता निर्मल रानी आधुनिकता के वर्तमान दौर में परिवर्तन की एक व्यापक बयार चलती देखी जा रही है। खान-पान, पहनावा,रहन-सहन,सोच-फिक्र, शिष्टाचार, पढ़ाई-लिखाई, रिश्ते-नाते, अच्छे-बुरे की परिभाषा आदि सबकुछ परिवर्तित होते देखा जा रहा है। ज़ाहिर है पत्रकारिता जैसा जि़म्मेदारीभरा पेश भी इस परिवर्तन से अछूता नहीं है। परंतु परिवर्तन के इस दौर में तमाम क्षेत्रों में […] Read more » Journalism साहित्य व शिष्टता से दूर होती पत्रकारिता
विविधा लेखन के बहुआयामी आयाम July 10, 2012 by राखी रघुवंशी | 1 Comment on लेखन के बहुआयामी आयाम राखी रघुवंशी ” अब्बा थैंक्यू, आपने मुझे इस लेखन कार्यशाला में आने दिया। यह बात भोपाल की तंग गलियों में बने एक मदरसे में लेखन कार्यशाला के दौरान हुर्इ गतिविधि में तैयबा ने लिखी। कार्यशाला में ”अपनों के नाम चिटठी लिखने की एक गतिविधि हुर्इ, जिसमें ज्यादातर लड़कियों ने अपने पिता के नाम चिटठी लिखीं, […] Read more » Journalism लेखन के बहुआयामी आयाम
मीडिया गुम होती जनपक्षीय पत्रकारिता March 28, 2012 / July 12, 2012 by संजय कुमार संजय कुमार वैश्वीककरण के इस दौर में जनपक्षीय पत्रकारिता गुम होती जा रही है। बाजारवाद ने राष्ट्रीय मीडिया के स्वरूप को बदल डाला है। आरोपो में घिरा, यह संपूर्ण भारतीय समाज का माध्यम नहीं बन पाया है। तथाकथित एक वर्ग तक सिमट कर यह रह गया है। सामाजिक पहलूओं को लगातार दरकिनार करते हुए, राष्ट्रीय […] Read more » Journalism जनपक्षीय पत्रकारिता पत्रकारिता
मीडिया सदाचार की शिक्षा और पत्रकारिता August 9, 2011 / December 7, 2011 by प्रो. बृजकिशोर कुठियाला | 1 Comment on सदाचार की शिक्षा और पत्रकारिता प्रो. बृजकिशोर कुठियाला एक जिलाधीश के पास उस प्रदेश के मुख्यमंत्री का फोन आया। उनकी बात सुनने के बाद जिलाधीश ने मुख्यमंत्री को फोन पर कहा कि सर मैं यह कार्य नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मेरे नियमों के विरूद्ध है। मुख्यमंत्री ने उनसे फिर कुछ कहा, तो जिलाधीश ने उनको धन्यवाद देते हुए कहा कि […] Read more » Journalism पत्रकारिता सदाचार
मीडिया भविष्य का मीडिया और सामाजिक- राष्ट्रीय सरोकार June 29, 2011 / December 9, 2011 by कुन्दन पाण्डेय | 1 Comment on भविष्य का मीडिया और सामाजिक- राष्ट्रीय सरोकार कुन्दन पाण्डेय आज का युग मीडिया क्रान्ति का युग है। समाचार पत्रों की प्रसार संख्या तो अनवरत बढ़ती ही जा रही है साथ ही 24 घन्टे के समाचार चैनलों ने मिनटों में किसी भी समाचार को दर्शकों तक पहुँचाने की महत्वपूर्ण व अद्वितीय क्षमता से लोकतंत्र के चौथे खम्भे के रूप में अपनी सार्थकता को […] Read more » Journalism पत्रकारिता मीडिया
राजनीति आज पत्रकारिता के समक्ष तोप मुक़ाबिल है June 6, 2011 / December 11, 2011 by राजीव रंजन प्रसाद (बीएचयू) | Leave a Comment इस घड़ी बाबा रामदेव के प्रयासों की वस्तुपरक एवं निष्पक्ष आलोचकीय बहस-मुबाहिसे की आवश्यकता है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बाबा रामदेव को कई लोग कई तरह से विज्ञापित-आरोपित कर रहे हैं। कोई कह रहा है-संघ के हैं रामदेव, तो कोई उन्हें महाठग कह अपनी तबीयत दुरुस्त कर रहा है। कई तो उन्हें गाँधी […] Read more » Journalism तोप मुक़ाबिल पत्रकारिता
मीडिया पत्रकारिता के आदि पुरूष देवर्षि नारद May 30, 2011 / December 12, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on पत्रकारिता के आदि पुरूष देवर्षि नारद मृत्युंजय दीक्षित सृष्टिकर्ता प्रजापति ब्रह्मा के मानस पुत्र नारद। त्रिकालदर्शी पुरूष नारद देव, दानव और मानव सभी के कार्यों में सहायक देवर्षि नारद। देवर्षि नारद एक ऐसे महान व्यक्तित्व के स्वामी व सांसारिक घटनाओं के ज्ञाता थे कि उनके परिणामों तक से भी वे भली भांति परिचित होते थे। वे शत्रु तथा मित्र दोनों में […] Read more » Journalism देवर्षि नारद