Tag: Satire

व्यंग्य

वंशपूजन

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कांग्रेस पार्टी के लोग आजकल कहने लगे हैं कि उनपर  वंशवाद  का  आरोप  व्यर्थ में  लगाया  जाता है, क्योंकि सभी राजनैतिक  पार्टियों अपने के नेताओं के बेटे बहुओं, बेटियों, दामादों, नाती-पोतों को चुनावी टिकट दे रही हैं। आम आदमी  पार्टी  के अलावा  और कोई पार्टी इस बात से इनकार भी नहीं कर सकती। आम आदमी पार्टी का तो अभी जन्म  ही हुआ है, उनके  अभी बेटे बहुएं कहां से आयेंगे। हां जी, वंशवाद तो उ.प्र. का समाजवादी पार्टी का भी ग़जब है। सब यादव ही यादव…  बेटा-बहू, भाई, भतीज़े, चाचा,  ताऊ सभी मिलकर उत्तर प्रदेश को  चला  रहे हैं या जला रहे हैं। शिवसेना का वंशवाद भी भरोसे का है। बालठाकरे फिर उद्धव ठाकरे ही… ठाकरे … जब तक माता या पिता की कुर्सी सीधे सीधे उनके बच्चों को न मिले वंशवाद नहीं होता। यों तो अमिताभ  बच्चन का बेटा  भी फिल्मों में  है, पर अमिताभ  बच्चन की जगह तो नहीं है, उनसे कोसों दूर है। सुनील गवास्कर का बेटा भी क्रिकेट खेलता रहा, पर अपने पिता के आस-पास भी नहीं पंहुचा। ये वंशवाद नहीं है। कांग्रेस का वंशवाद तो वंशवाद से भी एक क़दम आगे है। ऐसा उदाहरण तो ढूंढने  से  भी  देश […]

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