कविता गांधी जी का जन्म दिवस या भारत का मरण दिवस October 2, 2018 by आर के रस्तोगी | 7 Comments on गांधी जी का जन्म दिवस या भारत का मरण दिवस माना गाँधी ने कष्ट सहे थे अपनी पूरी निष्ठां से भारत विख्यात हुआ है उनकी अमर प्रतिष्ठा से किन्तु अहिंसा सत्य कभी अपनों पर ही ठन जाता है माना घी और शहद अमृत है पर मिलकर विष बन जाता है अपने सारे निर्णय हम पर थोप रहे थे महान गाँधी जी पर तुष्टिकरन में खुनी […] Read more » आजादी गाँधी जिन्ना पंजाब पिस्टल शेखर सिंध
विश्ववार्ता जिन्ना अपना माथा कूट लेते April 1, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on जिन्ना अपना माथा कूट लेते पाकिस्तान के हालात को अगर कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना स्वर्ग से देख रहे हों तो क्या वे अपना माथा नहीं कूट लेंगे? क्या वे खुद से यह नहीं पूछेंगे कि पाकिस्तान क्या मैंने इसीलिए खड़ा किया था? इसका मैंने पाकिस्तान याने ‘पवित्र स्थान’ नाम रखा था, क्या यह अपने नाम के अनुसार काम कर रहा […] Read more » जिन्ना
विविधा शख्सियत ‘मिस्टर गांधी’ एवं ‘कायदे आजम’ जिन्ना May 1, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on ‘मिस्टर गांधी’ एवं ‘कायदे आजम’ जिन्ना नरेन्द्र मोदी जब-जब ‘गांधी-गांधी’ पुकारते हैं तो कई लोगों को आश्चर्य होता है कि जिस नेता की पार्टी ‘गांधी विरोध’ पर पैदा हुई, उसी पर आगे बढ़ी और ‘गांधीवाद’ (यदि कोई है तो) को हर क्षण कोसती रही उसी का प्रधानमंत्री अपने भाषणों में ‘गांधी-गांधी’ का इतना राग क्यों अलापता है? वस्तुत: मोदी की अपनी […] Read more » 'मिस्टर गांधी’ Featured कायदे आजम गांधी जिन्ना
राजनीति जिन्ना को लेकर उठा विवाद September 2, 2009 / December 26, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 16 Comments on जिन्ना को लेकर उठा विवाद जिन्ना को लेकर भारत में एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल जब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कृत्रिम विभाजन विद्यमान रहेगा तक तक जिन्ना पर भी चर्चा होती रहेगी। परन्तु दुर्भाग्य से पूरा विवाद इस बात पर सिमट जाता है कि विभाजन के लिए जिम्मेदार कौन था। आम तौर पर इसके […] Read more » Jinna जिन्ना
राजनीति यदि जिन्ना राष्ट्रवादी व सैकुलर हैं तो स्वयं जसवन्त सिंह क्या है? August 29, 2009 / December 27, 2011 by अम्बा चरण वशिष्ठ | 11 Comments on यदि जिन्ना राष्ट्रवादी व सैकुलर हैं तो स्वयं जसवन्त सिंह क्या है? वर्तमान भारतीय लेखन और सिनेमा में एक बात तो सांझी लगती है: किसी पुस्तक या फिल्म पर जितना ही बड़ा विवाद खड़ा हो वह पुस्तक बाज़ार में गर्म पकौड़ों की तरह उतनी ही अधिक बिकती है और सिनेमा प्रेमी सिनेमा हाल में टिकटों की खिड़की तक तोड़ देते हैं। काला बाज़ार भी गर्म हो जाता […] Read more » Jinna जिन्ना