ड्रैगन की बढ़ती हुई उलझनें

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इस साल भारतीय सेना ने सिक्किम के इलाके में सैकड़ों बंकर बनाने की शुरूआत की है, जिससे चीन भड़क गया है। भारत ने उसके वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट का भी बायकॉट किया। अफगानिस्तान के साथ भारत का एयर फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने पर भी चीनी मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को एंट्री देने का मामला भी चीन ने अटका दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में बातचीत चल रही है। तीर्थयात्रियों को रोकने की वजह के बारे में चीन ने चुप्पी साध रखी है। बता दें, 47 भारतीय तीर्थयात्रियों को सिक्किम के नाथू ला दर्रे के रास्ते मानसरोवर यात्रा के लिए जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे आगे नहीं बढ़ सके। सिक्किम के नाथू ला सेक्टर में कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन की ओर से रोके जाने की बाद ही चीनी सेना के द्वारा भारतीय क्षेत्रों में फिर से घुसपैठ करने की बड़ी खबर सामने आई है। सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों के दो बड़े बंकरों को भी नुकसान पहुंचाया है। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह भी है कि चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपने सैनिकों को दोषी न मानते हुए पूरा मामला भारत पर ही मढ़ दिया कि भारतीय सैनिक ही सीमा रेखा का उलंग्घन करते हैं। माना जा रहा है कि यह टकराव भारत के साथ कई पुराने मुद्दों पर मतभेदों का नतीजा है,  जोकि हाल ही में और तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। ज्ञातव्य हो कि घुसपैठ की ताजा घटना सिक्किम सेक्टर में डोका ला में हुई है। जिसमें चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की है। सत्यता यह है कि डोका ला में चीनी सैनिक पहले भी भारतीय सीमा मे घुसने की कोशिश करते हुए देखे गए हैं। चीनी  सेना के द्वारा डोका ला में यह कोई नई घटना नहीं है। लेकिन पिछले कुछ दिनों के दौरान यहां तनाव और गहरा हो गया है। चीन की सेना पहले भी भारतीय इलाकों में घुसपैठ करती रही है, चीन अरुणाचल प्रदेश समेत दूसरे ऐसे इलाकों की सीमा पर भी उंगली उठाने की कोशिश में लगा हुआ है|

हाल में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणांचल प्रदेश जाने पर चीन काफी नाराज हो गया था। चीन लगातार भारत को आँख दिखाता रहता है, अपने रोब को ड्रैगन लगातार भारत पर थोपने का प्रयास कर रहा है। यह अलग बात है कि चीन अपने इरादों में पूरी तरह से अब तक सफल नहीं हो पाया। ताजा घटना क्रम अपने आम में बहुत कुछ कहते हैं। क्योंकि चीनी प्रवक्ता रेन गोकिंग ने कहा कि भारतीय सेना ने ही सीमा पर हुई संधि का उल्लंघन किया है, जिसकी वजह से सीमा पर सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना की तरफ से चीन के क्षेत्र में बनाई जा रही सड़क के निर्माण कार्य को जबरन रोका गया, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ा है। चीन ने बयान में यह भी कहा कि भारत को उसके क्षेत्र में हो रहे किसी भी निर्माणकार्य को रोकने का कोई अधिकार नहीं है और यह नियमों का उल्लंरघन है। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। दरअसल चीन की सेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की न सिर्फ कोशिश की बल्कि भारतीय सीमा में मौजूद दो बंकरों को भी नष्ट कर दिया था। भारत और चीन की सीमा रेखा पर लगातार विवाद होता रहता है जोकि किसी से भी छुपा नहीं है। सिक्किम की सीमा रेखा पर चुंबी वैली नामक एक ऐसी जगह है जहां पर एक तरफ भूटान है तो दूसरी ओर चीन है और तीसरी तरफ भारत है। इस जगह पर भी भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर लगातार विवाद बना रहता है। क्योंकि चीन उस धरती पर अपना अधिकार दिखाता रहता है। चीन की भारत के खिलाफ अपनी आंखें तरेरने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। भारतीय सेना ने उदारता दिखाते हुए सीमा पर बढ़ते हुए तनाव को समाप्त करने के लिए फ्लैग मीटिंग का भी अनुरोध किया था। लेकिन अहंकारी ड्रैगन इस बात पर भी नहीं माना। विवाद को समाप्त करने के लिए कई बार बैठकें भी हुर्इं लेकिन निष्कर्ष शून्य ही रहा। परिणाम ज्यों के त्यों ही बने हुए हैं। किसी तरह का कोई समाधान होता हुआ नहीं दिखायी दे रहा है। अवगत करा दें कि सिक्किम का डोका ला क्षेत्र सदैव से ही विवाद के दायरे में बना रहा। ज्ञात हो कि नवंबर 2008 में भी पीएलए ने यहां घुसपैठ कर भारत के कुछ सैन्य बंकरों को नष्ट कर दिया था। विदेशी नीति के जानकारों का मानना है कि यह घटना चीन की बौखलाहट को स्पष्ट रूप से उजागर करती है। क्योंकि चीन अपने आपको एक मजबूत एवं प्रबल देश के रूप में मानता है। चीन लगातार भारत पर अपना दबाव बनाने के लिए प्रयास करता रहता है| भारत चीन के सामने कभी भी नहीं झुकता इसीलिए चीन और बौखला जाता है। इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत और अमेरिका आपसी बातचीत से काफी नजदीक आ रहे हैं, जोकि स्पष्ट रूप से दिखायी दे रहा है। इसीलिए चीन और बौखलाया हुआ है। विश्व की राजनीति में चीन अपने अपको अमेरिका के समान मानता है, और चीन यह चाहता है कि भारत मेरे अनुसार चले। क्योंकि चीन की यह हरकत उस समय सामने आई है जब अमेरिका और भारत दोस्ती के क्षेत्र में अपने हाथ बढ़ाते हुए दिखायी दे रहे हैं। काफी समय से दक्षिण सागर में चीन की हरकतों से अमेरिका नाराज है और अमेरिका ने इस बात को लेकर चिंता भी जताई। दूसरी वजह जिबूति में चीन का मिलिट्री बेस बनाया जाना है।  इसको लेकर अमेरिका अधिक रूप से असहज है। तीसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि चीन की उत्तरी कोरिया से नजदीकी है जिसके चलते बार-बार उत्तरकोरिया अमेरिका को आंख दिखाता रहता है।

अत: अमेरिका और भारत की बढ़ती हुई नजदीकियां चीन को रास नहीं आ रही हैं इसी बौखलाहट में चीन अपनी मानसिकताओं को उजागर करते हुए भारत पर अपना दबाव बनाना चाहता है। चीन की बौखलाहट इस बात के स्पष्ट संकेत दे रही है|

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