भाजपा – 02 से 282 तक का सफ़र

1
227

अब्दुल रशीद

6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना हुई थी। अर्थात भारतीय जनता पार्टी की आयु आज 38 साल की हो गई। 38 साल का युवा राजनैतिक पार्टी भाजपा आज अपने कामयाबी के चरम पर है और नेतृत्व चमत्कारी नेता नरेंद्र मोदी ने पूरी शिद्दत से सम्भाल रखा है।यह भी सच है के जन प्रिय नेता अटल बिहारी बाजपेयी के बाद लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भाजपा ज्यादा ताकतवर हुई। केंद्र में ऐतिहासिक बहुमत के बाद देश के अधिकांश राज्य पर भाजपा का राज कायम हुआ।

भाजपा का स्थापना
शुरुआती दौर में भाजपा भारतीय जनसंघ के रूप में जाना जाता था।1951में भारतीय जनसंघ की स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष बने थे। भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में अटल बिहारी वाजेपयी और लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है।

क्या है चुनाव चिन्ह।
भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल है। कमल फूल को भाजपा हिन्दू परंपरा से जोड़कर देखती है। जनसंघ का चुनाव चिन्ह दीपक था।

भाजपा का राजनैतिक सफर 
1980 में बीजेपी के गठन के बाद पार्टी ने पहला आम चुनाव 1984 में लड़ा। तब पार्टी को केवल दो सीटों पर ही कामयाबी मिली थी।

सोमनाथ से अयोध्या तक आडवाणी की रथ यात्रा ने भाजपा को भारतीय राजनीति में अलग पहचान, हिंदुत्व हितैषी पार्टी के रूप में दिया, जिसका चुनाव में पूरा फायदा मिला। 1989 में भाजपा को 89 सीट मिला। इस चुनाव में कांग्रेस के ख़िलाफ़ सभी राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इसमें राजीव गांधी और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

दो साल बाद 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई। बाबरी मस्जिद तोड़ने में शामिल होने का आरोप बीजेपी के कई बड़े नेताओं पर लगा,लंबे अरसे बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी से लेकर उमा भारती तक शामिल हैं।

1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। तब भारत के राष्ट्रपति ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। लेकिन बहुमत साबित करने में असफल भाजपा सरकार कुछ दिनों में ही गिर गई। 1998 में बीजेपी ने फिर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई। और प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने कमान संभाली।

1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में 20 से अधिक दल शामिल हुए। इस गठबंधन ने 294 सीटों पर जीत हासिल किया जिसमें भाजपा को 182 सीटें मिली। गठबंधन की सरकार का नेतृत्व भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी ने किया और प्रधानमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। कार्यकाल समाप्त होने के बाद इंडिया शाईनिंग के सहारे चुनाव में उतरी भाजपा सत्ता में वापस लौट न सकी।

2014 भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण साल साबित हुआ। 2014 का आम चुनाव गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लड़ी और 282 सीटों पर विजय पताका लहराया। प्रधानमंत्री के पद पर नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान अमित शाह ने संभाली और पूरे देश में न केवल अपना विस्तार किया बल्कि अपना राज भी स्थापित करने में सफल रही।

 

1 COMMENT

  1. “पथ का अंतिम लक्ष्य नही है सिंहासन चढ़ते जाना “- क्या यह हुआ आत्म्लोचलना का विषय है । इस यात्रा मे बीजेपी दलबदलू लोगों की पार्टी बन गई । भ्रष्ट नेताओं को सीट जीतने लाया गया । अपराधी और बहुकरोडपति /अरबपति सबसे अधिक उम्मीदवार उस बीजेपी से जो अपना मूल डॉ हेडगेवार मे पाएगा – दीनदयाल मे पाएगा ? क्या यही हमने सोचा था? आज भी आपको हिम्मत नही की एक योग्य एवं कर्मठ कार्यकर्ता को टिकट दें?
    जनता की समस्या वैसे ही है? समाज बंटट रहा है । बड़े होने का घमंड जायज है पर …सब दिन रहत न एक समाना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here