उमा भारती हो सकती हैं भाजपा की तरफ से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री

आने वाले समय में 11 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलता है तो पार्टी की तरफ से केंद्र में प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट देख रहीं केंद्रीय जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री साध्वी उमा भारती मुख्यमंत्री हो सकती हैं। बेशक उमा भारती मीडिया में कहती फिर रही हों कि भाजपा के जीतने पर वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी। लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलने पर उनके मुख्यमंत्री बनने की पुख्ता सम्भावना हैं। उमा भारती लोधी राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और पिछड़े वर्ग की बड़ी नेता मानी जाती हैं। लोधी राजपूत समुदाय के उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के राजस्थान के राज्यपाल बन जाने के बाद उमा भारती ही लोधी राजपूत समाज की सर्वमान्य नेता हैं।

अगर 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचार की बात की जाए तो उमा भारती की बॉडी लेंग्वेज देखकर लगता है कि वो ही भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं। लेकिन उमा भारती हर बार इस सवाल पर कुछ भी कहने से बचती रही हैं। लेकिन चुनाव में उनके भाषणों और उनके द्वारा दिए जा रहे बयानों से यही कयास लग रहे हैं कि प्रदेश में जीत मिलने पर उमा भारती ही प्रदेश की मुख्यमंत्री होंगी। अगर उमा भारती के गंगा के लिए जीने-मरने की बात की जाए तो, गंगा सबसे ज्यादा प्रदूषित उत्तर प्रदेश में है। गंगा के लिए नमामि गंगे के जितने भी प्रोजेक्ट लांच हुए उनके लिए सबसे ज्यादा अड़चन उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार की तरफ से ही आयी। ये खुद उमा भारती स्वीकार कर चुकी हैं। इसलिए उमा भारती मुख्यमंत्री बनकर भी गंगा के लिए काफी कुछ कर सकती हैं और केंद्र से भी अपने मन मुताबिक प्रदेश और गंगा के लिए कर सकती हैं। रही बात नमामि गंगे प्रोजेक्ट की तो पिछले ढाई साल में गंगा के लिए बनायी हुयी योजना ज्यादा परवान नहीं चढ़ सकी। लेकिन साध्वी उमा भारती ने पिछले ढाई साल में कड़ी मेहनत कर गंगा के लिए परियोजना बना के रखी हुई है। लेकिन उसका क्रियान्वित होना बाकी है। उमा के लिए गंगा के लिए सबसे ज्यादा परेशानी उत्तर प्रदेश में ही आई। अगर भाजपा के जीतने पर उमा भारती भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री बनायी जाती हैं तो भाजपा के घोषणा पत्र को क्रियान्वित करने के साथ-साथ गंगा को भी भगीरथ की तरह प्रदूषण और गंदगी से मुक्ति दिला सकती हैं।

उमा भारती पिछले चार दशकों से राजनीती का जाना माना चेहरा रही हैं। उमा भारती देश और भाजपा की फायरब्रांड नेता मानी जाती है। वो चाहे भाजपा में रही हो या भाजपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनायी हो सब जगह ये सन्यासिन अपनी विचारधारा से जुडी रही। उमा भारती एक अनुभवी एवं सुलझी हुई और जमीन से जुडी हुयी और लोकप्रिय नेता हैं। उमा भारती पहली ऐसी नेत्री हैं जिन्हें बुन्देलखण्ड का नेतृत्व करने वाली प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। उमा ने अपनी सूझ बूझ और कड़ी मेहनत से 2003 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली 10 साल की सरकार को उखाड़ फेंका था। इस जीत का श्रेय सिर्फ और सिर्फ उमा भारती को जाता था। वैसे भी केंद्र में जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री साध्वी उमा भारती की लोकप्रियता और प्रसिद्धि व्यापक है। उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्र में मंत्री के रूप में कई बड़े मंत्रालय संभाल चुकी हैं। इसके अलावा भी उमा भारती भाजपा में भी महासचिव और उपाध्यक्ष जैसे बड़े-बड़े ओहदों पर रह चुकी हैं। उमा भारती हर चुनाव में भाजपा की तरफ से स्टार प्रचारक की भूमिका में भी रहती हैं। इस समय भी 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ जिन चार चेहरों को दिखाकर भाजपा चुनाव लड़ रही हैं, उनमे भी उमा भारती शामिल है। भाजपा की तरफ से दिए जा रहे विज्ञापनों और पोस्टरों पर भी उमा भारती को भाजपा ने प्रमुखता से स्थान दिया है। उमा भारती की वाकपटुता और भाषण शैली से आम जनमानस प्रभावित होता है। आज भी जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री साध्वी उमा भारती के ओजस्वी और जोश से भरे हुए भाषणों को सुनने के लिए हजारों की तादात में लोग आते हैं। अपने बचपन में 50 से ज्यादा देशों में प्रवचन कर चुकी साध्वी उमा भारती के बारे में कहा जाता है कि वे देश के किसी भी क्षेत्र में चली जाये भीड़ अपने आप उनके पीछे आने लगती है। 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी उमा भारती की प्रत्येक चुनावी सभा में हजारों की भीड़ उमड़ रही है। उमा भारती ने अपने सार्वजनिक जीवन में एक अनेक मुकाम हांसिल किये हैं। उमा भारती की राजनैतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प और कठिनाइयों से भरी रही है। कठिनाइयों के साथ-साथ उमा भारती ने अपने राजनैतिक जीवन में अनेक आयाम स्थापित किये हैं और अनेक सफलताएं प्राप्त की हैं। उमा भारती उत्तर प्रदेश 2017 के विधानसभा चुनाव में जम कर मेहनत कर रही हैं और हर मोर्चे पर अपने विरोधियों को जवाब दे रही हैं। इन चुनावों में उमा भारती से सभा कराने के लिए प्रत्याशियों की काफी मांग है। उमा भारती एक दिन में पांच-पांच सभा तक कर रही हैं।  उमा भारती अपनी हर सभा के माध्यम से अपनी विरोधी पार्टियों के नेताओं पर भी जमकर प्रहार कर रही हैं। और उमा भारती मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी, डिंपल यादव, प्रियंका गाँधी सभी के मुकाबले भारी पड़ रही हैं और अपने ढंग से ग्रामीण भाषा शैली में लोगों को नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्र में उठाये गए जनहित के फैंसलों को समझा रही हैं। कहा जाए तो भाजपा में उमा भारती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे भारी पड़ रही हैं। इसलिए उमा भारती उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्ता की उत्तराधिकारी के रूप में देखी जा रही हैं। अब देखने वाली बात होगी कि अगर भाजपा की उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत से जीत होती है तो उमा भारती मुख्यमंत्री बनती हैं या चौकीदार की भूमिका में रहती हैं।

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