सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हाल ही में राज्यसभा को बताया कि प्रसार भारती न्यूज सर्विस बंद करने की फिलहाल सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रसार भारती न्यूज सर्विस (पीबीएनएस) प्रसार भारती की डिजिटल उपस्थिति को सुदृढ़ करने के लिए प्रसार भारती सेटअप के डिजिटल प्लेटफॉर्म का एक हिस्सा है।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा में सूचना-प्रसारण मंत्री से पूछा था कि क्या यह सच है कि सरकार की प्रसार भारती न्यूज सर्विस बंद करने की योजना है?
जवाहर सरकरार ने इसके प्रमुख के इस्तीफे को लेकर भी एक सवाल पूछा कि क्या इसके प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है और इसके कई कर्मचारियों को अन्यत्र नियुक्त किया गया है?
इसके जवाब में सूचना-प्रसार मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हां, प्रसार भारती न्यूज सर्विस (पीबीएनएस) के प्रमुख को संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। वहीं प्रसार भारती के संविदा कर्मचारियों को प्रसार भारती की संगनात्मक आवश्यकताओं के आधार पर नियुक्त किया जाता है।
इसके अतिरिक्त जवाहर सरकार ने सरकार से स्थापना के बाद से अब तक इस न्यूज सर्विस पर खर्च की गई धनराशि का ब्यौरा भी मांगा और यह भी पूछा कि सरकारी व सरकार के बाहर न्यूज एजेंसियों से कितनी कमाई हुई है व पिछले तीन वर्षों में सभी मदों के अंतर्गत हिन्दुस्तान समाचार, पीटीआई और एएनआई को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? इसके अतिरिक्त चालू वित्त वर्ष में इन तीन एजेंसियों पर कितना बजट तय किया गया है?
इस सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने बताया कि 2018-19 से 2021-22 के दौरान पीबीएनएस स्थापना चरण में थी और इसका व्यय प्रसार भारती सचिवालय के समेकित बजट से पूरा किया गया था। वर्ष 2022-23 के लिए पीबीएनएस का अनंतिम व्यय 5.14 करोड़ रुपए है।
वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक पीबीएनएस सहित सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से प्रसार भारती की कुल आय 10.58 करोड़ रुपए है।
वहीं, न्यूज एजेंसियों पर खर्च को लेकर अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में पीबीएनएस द्वारा न्यूज एजेंसियों को भुगतान की गई कुल राशि 6.72 करोड़ रुपए है, जबकि न्यूज एजेंसियों को भुगतान के लिए 2023-24 का बजट प्राक्कलन तीन करोड़ रुपए है।