व्यंग्य गूगल गुरु के कचरा ज्ञान से पैदा होते सम्पूर्णानन्द पत्रकार? April 7, 2025 / April 7, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव जहां सबेरा है, वही बसेरा है ओर बसनेवाले कई किस्म के है। आजकल यू-ट्यूबर- व्हाट्सअप, इस्ट्राग्राम कुटुंबएप, फ़ेसबूक आदि पर विशेष प्रकार की वाहियात अक़्लमंद ज्ञानी बेशर्मियों की कब्जेवाली मीडिया खरपतवार गाजरघाँस की तरह फ़ेल चुकी है, इससे बचने के सारे उपाय असफल है। जिसने कभी कागज कलम छुआ नहीं वही गूगल गुरु की प्रेरणा से […] Read more » गूगल गुरु के कचरा ज्ञान
कला-संस्कृति भारत में शक्ति उपासना की सर्वव्यापकता April 4, 2025 / April 7, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव सनातन धर्म की अनूठी परंपरा है जिसमे परमात्मा के दो रूप हैं-माता और पिता। सत्य, ज्ञान, प्रभुता, अनन्तता, न्याय, उत्कृष्टता, परात्परता और सर्वशक्तिमानता इत्यादि जैसे गुण ईश्वर के पिता स्वरूप से सम्बन्धित हैं। जबकि सुन्दरता, प्रेम, शक्ति, प्रखरता, करुणा, अनन्यता, शाश्वतता और कृपा जैसे गुण परमात्मा के माता से सम्बन्धित हैं। संसार में परमात्मा के इन दो पक्षों की पूजा किसी न […] Read more » The prevalence of Shakti worship in India भारत में शक्ति उपासना
कला-संस्कृति मात भारत को जल्दी से बलवान कर April 2, 2025 / April 2, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीवर नवरात्रि पर्व पर करोड़ों हाथ नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपो के समक्ष आकाश की ओर उठे हुये अपने मुखारबिन्द से प्रस्फुटित प्रार्थना में अपने मन को उनके चरणों में लगाए तीव्र ओज भरे समवेत स्वरों में सुनो माता हमारी पुकार पुकार का जयघोष करते हुये गाते है, तब प्रार्थना में शक्ति कि भक्ति रूप […] Read more » भारत को जल्दी से बलवान कर
लेख किवाड़ खिड़कियाँ से होते है लड़के लड़कियां March 26, 2025 / March 26, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव जरा सोचिए जब मानव ने पहली झुग्गी- झोपड़ी, मकान या भवन की कल्पना की होगी तब उसके मस्तिष्क में कितना भूचाल आया होगा ओर तब जिसने भी पहला आवास बनाया होगा तब उसमें लगने वाला दरवाजा/द्वार दुनिया का पहला दरवाजा होगा जिसमें उसके द्वारा किवाड़ की कल्पना ओर उस आवास की दीवालों […] Read more » Boys and girls are born through doors and windows किवाड़ खिड़कियाँ
पर्यावरण लेख प्रकृति ओर पर्यावरण के सुरक्षा कवच वृक्षों को बचाए रखें March 4, 2025 / March 4, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव आज हमें प्रकृति की आवश्यकता है, प्रकृति का सुरक्षा कवच वनक्षेत्र है, वनों की पहचान वहाँ उगने वाले वृक्षों से है ओर यही वृक्ष हमारे पर्यावरण के लिए हमे जीवांदायिनी वायु प्रदान कर हमारी सुरक्षा के कवच बने हुये है। हम परंपरागत होली का पर्व मनाने के लिए हर साल लाखों वृक्षों का विनाश […] Read more » प्रकृति ओर पर्यावरण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्रयागकुम्भ की उत्पत्ति तथा इतिहास February 27, 2025 / February 27, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव पृथिव्यां कुम्भयोगस्य चतुर्धा भेट उच्यते। चतुस्थले च पतनात् सुधाकुम्मस्य भूतले ।। विष्णुद्वारे तीर्थराजेऽपन्त्यां गोदावरी तटे। सुधाबिन्दुविनिक्षेपात् कुम्मपर्वेति विश्रुतम्।।” अर्थात अमृतकुम्भ के छलकने पर पृथ्वीतल में चार स्थानों-हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन तथा गोदावरी तट अर्थात् नासिक में अमृतकण गिरने से कुंभपर्व शुरू हुआ। दूसरे श्लीक में प्रयाग में होने वाले कुम्भपर्व की ग्रहस्थिति और महिमा के बारे में उद्धृत किया हैं- मकरे च दिवाकरे यूपगे […] Read more » प्रयागकुम्भ की उत्पत्ति
शख्सियत समाज साक्षात्कार सहकारिता को समर्पित युगपुरुष लीलाधर पंडित February 26, 2025 / February 26, 2025 | Leave a Comment मध्यप्रदेश अपेक्स बैंक के रिटायर्ड केडर आफिसर ओर सहकारिता विशेषज्ञ लीलाधर पंडित जो एल डी पंडित के नाम से पहचाने जाते है से विगत 30 वर्षों से संपर्क में हूँ। सहकारी साख एवं बैंकिंग के क्षेत्र में उन्होंने काम करते 60 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत किया है ओर उनकी पूरी सेवाकाल एक निष्ठावान […] Read more »
कविता नर्मदा जल को देते उतरनों की वसीयत February 14, 2025 / February 14, 2025 | Leave a Comment माँ नर्मदा तू पतित पावनी है, तेरा शीतल जल देता है पाप से छुटकारा तेरे दर पर बिन बुलाये चले आते है, स्नान करने नर-नारी ही नहीं भूत पिशाच भी वे अपने सिर का पाप तुझे अर्पण करते है। किसी के अन्दर होता है मलबा किसी के अन्दर चाहे-अनचाहे कुकर्मबोध तो कुछों के मन में […] Read more » नर्मदा जल को देते उतरनों की वसीयत
कला-संस्कृति तीर्थशिरोमणि प्रयागराज का पौराणिक इतिहास February 11, 2025 / February 11, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन है ओर इन संस्कृतियों का प्रमुख केंद्र स्थान प्रयाग है जो तीरथों का राजा माना जाता है तथा प्रयागराज तीर्थशिरोमणि के गौरव से अपनी पहचान बनाए हुये है। हमारे पुराणों में तीर्थराज प्रयाग को जितना महिमा मंडित किया है उतना ही […] Read more »
कविता मुझे याद आता है अपना बचपन सुहाना ! January 31, 2025 / January 31, 2025 | Leave a Comment मुझे याद आता है अपना बचपन सुहानानानी की कथडी वो बिस्तर पुराना।नांद में नहाना, कुए से पानी लानादूध छिरिया का पीना मस्ती में जीनावो लालटेन,चिमनी, वो चूल्हे का जमाना।।1।।मुझे याद आता है अपना बचपन सुहाना ; ; ; ; ; नर्मदा पार ननिहाल जाना, आम-महुआ के नीचे समय बितानानाव का सफर बड़ा सुहाना, उफनती नर्मदा […] Read more » मुझे याद आता है अपना बचपन सुहाना !
कला-संस्कृति पांडव देवों के अंशावतार होने से प्रकृतिसिद्ध थे January 27, 2025 / January 27, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव सत्य स्वयं प्रतिष्ठित होता है ओर सब कुछ सत्य का आधार पाकर प्रतिष्ठित होता है। आज विश्व में प्रतिष्ठित होने वाला यह मनुष्य दुखी क्यों है? चारों युगों में सुख दुख असमान रूप से प्रतिष्ठित रहा है जिसमें अगर द्वापरयुग का प्रकरण लिया जाए तो यह सभी के लिए प्रासंगिक होगा। […] Read more »
लेख औरंगजेब ने 3 लाख सैनिको सहित किया था मथुरा पर हमला -20 हजार किसानों ने 4 दिनों तक लड़ा युद्ध हजारो महिलाए जौहर की आग में खाक हुई January 27, 2025 / January 27, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार भारत के इतिहास में ऐसे-ऐसे योद्धा हुए हैं, जिनकी वीरता पूरे देश के लिए आदर्श एवं प्रेरणादायी रही है किन्तु यह हमारा दुर्भाग्य ही कि उन वीर सपूतों के बलिदान ओर देश के लिए अपना सर्वस्य लुटा देने के बाद भी वे आज गुमनामी के अंधेरे में है। हमारी शिक्षा […] Read more » Aurangzeb attacked Mathura with 3 lakh soldiers - 20 thousand farmers fought for 4 days thousands of women were burnt to ashes in the fire of Jauhar. गोकुलसिंह जाट