चुनाव राजनीति निजता पर हमला और बदजुबानी का आम चुनाव 2014 May 9, 2014 / May 9, 2014 | Leave a Comment -मनोज कुमार- वर्ष 2014 का चुनाव गरिमा खोते नेताओं के लिये याद रखा जाएगा तो यह चुनाव इस बात के लिये भी कभी विस्मृत नहीं किया जा सकेगा कि देश को अरविंद केजरीवाल जैसे मुद्दों पर राजनीति करने वाला गैर-पेशवर नेता मिला। इस बार के आम चुनाव में स्थापित राजनीति दल कांग्रेस हो या भारतीय […] Read more » मुद्दों से भटकी मुद्दों से भटकीं पार्टियां लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव 2014
चुनाव राजनीति सभी की चर्चा के केन्द्र में रहे नरेन्द्र मोदी May 7, 2014 | Leave a Comment -रीता विश्वकर्मा- ‘अच्छे दिन आने वाले हैं व अबकी बार मोदी सरकार’ के जोशीले नारे व भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नाम से शुरू हुआ भाजपा का चुनावी अभियान नरेन्द्र मोदी के नाम पर ही 12 मई को खत्म हो रहा है। इसका आगाज तो बहुत अच्छा रहा, लेकिन अंजाम खुदा […] Read more » चर्चा में नरेंद्र मोदी चर्चा में मोदी नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2014
चुनाव राजनीति मोदी: चुनावी मैदान का हीरो! May 3, 2014 / May 3, 2014 | 1 Comment on मोदी: चुनावी मैदान का हीरो! -फखरे आलम- 16 मई का परिणाम चाहे जो भी हो, परिणाम चाहे जिसके भी पक्ष में क्यों न हो! आम चुनाव के परिणाम के पश्चात् चाहे कोई पार्टी सरकार के गठन में क्यों न सक्षम हो और उसके पक्ष का प्रधनमंत्राी कोई भी हो! मगर आज देश का बच्चा, युवक और बूढ़ा सभी के जुबा […] Read more » Narendra Modi नरेंद्र मोदी
विविधा शख्सियत ‘गोरा’ उपन्यास में पराधीन भारत की राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप May 2, 2014 | Leave a Comment -कुमार कृष्णन- -गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर विशेष- रवीन्द्र नाथ ठाकुर का उपन्यास ‘गोरा’, अंग्रेजी शासन में भारत की राष्ट्रीय चेतना का औपन्यासिक महाकाव्य है। यह उस कालखण्ड की रचना है, जब भारतीय समाज अपने जातीय गौरव से विछिन्न होकर या तो अपने कालचक्र के कारण या फिर पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में आकर […] Read more » Gora novel Rabindranath Thakur गोरा उपन्यास रवींद्रनाथ ठाकुर
धर्म-अध्यात्म शक्ति संगठन और समरसता के प्रतीक परशुराम जी May 2, 2014 | Leave a Comment -रमेश शर्मा- भारतीय वाङमय में सबसे दीर्घजीवी चरित्र परशुराम जी का है। सतयुग के समापन से कलयुग के प्रारंभ तक उनका उल्लेख मिलता है। भारतीय इतिहास में इतना दीर्घजीवी चरित्र किसी का नहीं है। वे हमेशा निर्णायक और नियामक शाक्ति रहे। दुष्टों का दमन और सत-पुरूषों को संरक्षण उनके की चरित्र विषेशता है। उनका चरित्र […] Read more » Parshuram परशुराम
राजनीति इस भ्रष्टाचार के लिए किसे कोसेगी भाजपा May 2, 2014 | Leave a Comment -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- भारतीय जनता पार्टी के बारे में कहा जाता है कि वह वैचारिक प्रतिबद्धता से पूर्ण सुचिता के संकल्प को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करनेवाली पार्टी है। भाजपा के अस्तित्व में आने को लेकर विचार किया जाए तो यह किसी सत्ता केन्द्रित कार्यों पर प्रतिवेदन तैयार करने और कांग्रेस की तरह ह्यूम […] Read more » BJP corruption Corruption in India भाजपा में भ्रष्टाचार भारत में भ्रष्टाचार
विविधा तेज गर्मी से आंखों को है एलर्जी का खतरा May 2, 2014 | Leave a Comment -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- गर्मी का असर लगातार बढ़ रहा है और तापमान चढ़ता जा रहा है। मौसम में बदलाव का असर सेहत के साथ-साथ आंखों पर होता है। धूप की तेज किरणों से आंखों को नुकसान हो सकता है। इस समय शरीर के सभी अंगों को तपिश से बचाए जाने की जरूरत महसूस की जाती […] Read more » eyes save eyes from abask आंख आंखों को बचाएं गर्मी में आंखों को बचाएं
कविता चुनाव आओ हम मतदान करें… May 1, 2014 | Leave a Comment -पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’- लोकतंत्र मजबूत बनाकर, भारत का उत्थान करें। जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥ चोर-उचक्के-बाहुबली जो, उनसे हमें न डरना है। शिक्षित जो सुख-दुःख में शामिल, ऐसे प्रतिनिधि चुनना है। गाँव-गाँव अरु शहर-शहर में, घर-घर जन अभियान करें। जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥ कोई हमको लालच दे […] Read more » poem on voting voting कविता मतदान मतदान पर कविता
महत्वपूर्ण लेख नयी सरकार से उद्योग जगत को सफलता की आस April 29, 2014 / April 29, 2014 | Leave a Comment -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- पिछले कई सालों से सरकार की नीतियों से मुरझाया और कुमलाहट से भरा उद्योग जगत आम चुनाव के बाद देश में बनने वाली नयी सरकार से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठा है, उसे पूरा भरोसा है कि दस सालों के बाद केंद्र में परिवर्तन होगा ही। सरकार भाजपा की बने, या मिलीजुली एनडीए […] Read more » hope from new government नई सरकार नई सरकार के आस भारतीय उद्योग जगत
चुनाव राजनीति बनारस- भारतीयता, सांस्कृतिक एकता का नाभिकुंड April 29, 2014 | Leave a Comment -भारतचंद्र नायक- समर्थ भारत का आह्वान जलप्लावन के समय जब सृष्टि जलमग्न होने लगी, काशी विश्वनाथ ने अपने त्रिशूल पर पृथ्वी को स्थिर कर प्राणीमात्र की रक्षा की, तभी से काशी विद्यमान है। आज काशी, वाराणसी और बनारस जो भी है, उसका सांस्कृतिक महत्व कम हुआ है, पुरानी नगरी, प्रदूषित गंगा क्षत-विक्षत नदी किनारे के […] Read more » Narendra Modi नरेंद्र मोदी बनारस भारतीयता सांस्कृतिक एकता का नाभिकुंड
चुनाव राजनीति कहां से कहां आ गए हम! April 27, 2014 | Leave a Comment -फखरे आलम- 7 अप्रैल से पूर्व और 16 मई के मध्य! हम कहां से चले थे और आज कहां पहुंच गए। हमने प्रण लिया था कि हम चुनाव लड़ेंगे। एक बेहतर भविष्य के लिए! साफ सुथरी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए! एक मजबूत और सशक्त भारत के लिए! वर्तमान शिक्षा और स्वास्थ्य का व्यवस्था […] Read more » Corruption Corruption in India भारत में भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार
चुनाव राजनीति मोदी ने सोनिया को दी खुली चुनौती April 26, 2014 | Leave a Comment -सतीश मिश्रा- लोकसभा चुनाव का छठा दौर भी खत्म हो चुका है लेकिन नरेंद्र मोदी बनाम सोनिया गांधी के बीच की जुबानी जंग और रफ्तार पकड़ती जा रही है. ताजा मामला है गुजरात का जहां एक ही दिन में पहले सोनिया ने मोदी के विकास मॉडल की खिल्ली उड़ाई तो उसके ठीक बाद मोदी ने […] Read more » नरेंद्र मोदी मोदी की चुनौती सोनिया को चुनौती सोनिया गांधी