धर्म-अध्यात्म ईश्वर को कौन प्राप्त कर सकता है? February 18, 2022 / February 18, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआज का संसार प्रायः भोगवादी है। संसार के लोगों की इस संसार के रचयिता को जानने में कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं देती। सब सुख चाहते हैं और सुख का पर्याय धन बन गया है। इस धन का प्रयोग मनुष्य भोजन, वस्त्र, आवास, वाहन, यात्रा व बैंक बैलेंस में वृद्धि आदि कार्यों को […] Read more » Who can attain God?
धर्म-अध्यात्म जीवात्माओं के शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण February 18, 2022 / February 18, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यजीवात्मा जन्म-मरणधर्मा है। ईश्वर की व्यवस्था से इसे अपने पूर्वजन्मों के कर्मानुसार जाति, आयु व भोग प्राप्त होते हैं। इन तीनों कार्यों को प्राप्त करने में यह परतन्त्र है। जीव मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद कर्म करने में तो स्वतन्त्र है परन्तु उनके फल इसे ईश्वर की व्यवस्था से मिलते हैं […] Read more » The reason for the difference in the shape and strength of the bodies of the souls शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण
धर्म-अध्यात्म सत्संग का उत्तम साधन वेद, सत्यार्थप्रकाश आदि का स्वाध्याय February 16, 2022 / February 16, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य को अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्संग की आवश्यकता होती है। सत्संग का अभिप्राय है कि हम जीवन को सुख, समृद्धि व सफलता आदि प्राप्त करने के लिए सत्य को जानें। यदि हमें सत्य का ज्ञान नहीं होगा तो हम सही निर्णय नहीं ले सकेंगे। हो सकता है […] Read more » Satyarth Prakash etc. The best means of satsang are self-study of Vedas सत्संग का उत्तम साधन वेद
लेख होली एक धार्मिक अनुष्ठान एवं आमोद-प्रमोद का पर्व है February 8, 2022 / February 8, 2022 | Leave a Comment नवसस्येष्टि एवं होली पर्व 18 मार्च, 2022 पर-मनमोहन कुमार आर्य -मनमोहन कुमार आर्य Read more » Holi is a religious ritual and a festival of fun. होली आमोद-प्रमोद का पर्व होली एक धार्मिक अनुष्ठान होली पर्व 18 मार्च
धर्म-अध्यात्म संसार ने सर्वप्रथम वेदों से ही जाना ईश्वर व जीवात्मा का अस्तित्व February 4, 2022 / February 4, 2022 | 1 Comment on संसार ने सर्वप्रथम वेदों से ही जाना ईश्वर व जीवात्मा का अस्तित्व मनमोहन कुमार आर्यआज विश्व का अधिकांश भाग ईश्वर एवं जीवात्मा के अस्तित्व को स्वीकार करता है। प्रश्न होता है कि ईश्वर व जीवात्मा का ज्ञान संसार को कब व कैसे प्राप्त हुआ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमें सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों की परिस्थितियों पर विचार करना पड़ता है। हम जानते हैं […] Read more » The world first learned the existence of God and soul from the Vedas. संसार ने सर्वप्रथम वेदों से ही जाना ईश्वर
समाज हमारा वर्तमान जन्म हमारे पिछले जन्म का पुनर्जन्म है January 28, 2022 / January 28, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवेद और वैदिक परम्परा में ईश्वर व जीवात्मा को सनातन, अजन्मा, अमर, अविनाशी, जन्म व मरण के बन्धन में बन्धा हुआ, कर्मों का कर्ता और उसके फलों को भोगने वाला माना गया है। वेद क्या हैं? वेद ईश्वरीय ज्ञान है जो ईश्वर ने सृष्टि को बनाकर मनुष्यादि प्राणियों की अमैथुनी सृष्टि कर सृष्टि […] Read more » Our present birth is the reincarnation of our previous birth
लेख अपने जन्मदिवस और विवाह-वर्षगांठ आदि अवसरों पर सबको परोपकार-कर्म यज्ञ करना चाहिये January 22, 2022 / January 22, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवर्तमान समय में जन्म दिवस एवं विवाह की वर्षगांठ धूमधाम से मनाने का प्रचलन काफी अधिक हुआ है। ग्रामीण अंचलों में शायद यह कम होगा, परन्तु नगरों में यह प्रायः सभी परिवारों में मनाया व आयोजित किया जाता है। फेसबुक आदि पर भी बहुत से लोग इस अवसर पर अपने मित्रों व परिचितों […] Read more » everyone should perform charity-karma yagya. On the occasion of his birthday and marriage anniversaries जन्मदिवस और विवाह-वर्षगांठ
लेख स्वाध्याय का महत्व January 15, 2022 / January 15, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता से विचार व चिन्तन सहित सत्यासत्य का निर्णय करने व अध्ययन-अध्यापन करने में समर्थ है जबकि अन्य प्राणियों को ईश्वर ने मनुष्यों के समान बुद्धि नहीं दी है। मनुष्यों को दो प्रकार का ज्ञान […] Read more » importance of self study स्वाध्याय का महत्व
लेख उपासना, उपासना की आवश्यकता एवं उपासना से लाभ January 14, 2022 / January 14, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह अकेला रहकर अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। इसे सज्जन पुरुषों की संगति तो अवश्य ही करनी होती है। ऐसा करके ही यह उनसे कुछ सद्गुणों को ग्रहण कर अपने जीवन को संवार सकता है। जिस मनुष्य के जीवन में सद्गुण नहीं होते, उस जीवन की कोई […] Read more » need of worship and benefits of worship worship उपासना उपासना की आवश्यकता उपासना की आवश्यकता एवं लाभ उपासना से लाभ
धर्म-अध्यात्म लेख योगेश्वर एवं वेदर्षि दयानन्द January 5, 2022 / January 5, 2022 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती वेदों के उच्च कोटि के विद्वान एवं सिद्ध योगी थे। योग में सफलता, वेदाध्ययन व वेदज्ञान के कारण उन्हें सत्यासत्य का विवेक प्राप्त हुआ था। वह ईश्वर के वैदिक सत्यस्वरूप के जानने वाले थे। वेदों में सभी सत्य विद्यायें हैं। इन सब सत्य विद्याओं का ज्ञान भी […] Read more » Yogeshwar and Vedarshi Dayanand योगेश्वर एवं वेदर्षि दयानन्द
लेख सृष्टि का आदर्श नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होता है December 31, 2021 / December 31, 2021 | 2 Comments on सृष्टि का आदर्श नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होता है -मनमोहन कुमार आर्यदिनांक 31 दिसम्बर, 2021 अंग्रेजी वर्ष 2021 का अन्तिम दिवस है। अंग्रेजी वर्ष का प्रथम दिन 1 जनवरी ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार होता है। जनवरी के इस प्रथम दिन से कोई महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ नहीं है। सन् 1582 में यह ग्रेगोरियन कलेण्डर पोप ग्रेगोरी-13 द्वारा अस्तित्व में लाया गया था। ईसाईयों का […] Read more » The ideal new year of creation begins with Chaitra Shukla Pratipada. आदर्श नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ
लेख मनुष्य का सदोष अन्तःकरण ईश्वर की प्रतीती में बाधक December 16, 2021 / December 16, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवैदिक सिद्धान्त है कि संसार में ईश्वर, जीव और प्रकृति तीन अनादि व नित्य सत्तायें हैं। यह तीनों सत्तायें सदा से हैं और सदा रहेंगी। इनका अभाव कभी नहीं होगा। वेद ईश्वरीय ज्ञान होने से स्वतः प्रमाण ग्रन्थ है। वेदों में ईश्वर को सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वातिसूक्ष्म, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, न्यायकारी, सबके कर्मों का फल प्रदाता, […] Read more » Wrong conscience of man hinders the realization of God मनुष्य का सदोष अन्तःकरण