समाज दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता July 21, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता – अखिलेश आर्येन्दु पिछले दिनों हरियाणा के हांसी के मिर्चपुर गांव के दलितों के अनेक घर गांव के दबंगो के जरिए जला देने के बाद दलित समस्या एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। एक सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर कब तक दलित उच्च वर्गों के जरिए उत्पीड़ित किए जाते रहेंगे। […] Read more » Dalit दलित
विविधा सृजन और संतति में ही अमरत्व है July 21, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on सृजन और संतति में ही अमरत्व है – हृदयनारायण दीक्षित काल से बड़ा कोई नहीं। यमराज भी उनके कहे अनुसार चलते हैं। उगना, खिलना, पकना, झरना काल के खेल हैं। प्राचीन मान्यता है कि स्वर्ग में न बुढ़ापा है और न ही मृत्यु। कठोपनिषद् के अनुसार स्वर्ग प्राप्ति का साधन अग्नि-विद्या है। नचिकेता ने यमराज से वही अग्नि रहस्य पूछा था। यमराज […] Read more » Creation सृजन
महिला-जगत वर्तमान युग की नारी July 21, 2010 / December 23, 2011 | 14 Comments on वर्तमान युग की नारी – नीलम चौधरी ”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्त फलाः क्रिया”॥ अर्थात् जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं जहां ऐसा नहीं होता वहाँ समस्त यज्ञार्थ क्रियाएं व्यर्थ होती है। यह विचार भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ है। भारत में स्त्रियों को सदैव उच्च स्थान दिया गया […] Read more » Woman नारी
धर्म-अध्यात्म ‘जिहाद’ की अन्तर्राष्ट्रीय व्याख्या July 20, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on ‘जिहाद’ की अन्तर्राष्ट्रीय व्याख्या – धाराराम यादव अनेक मुस्लिम विद्वानों ने समय-समय पर यह असंदिग्ध घोषणा की है कि ‘इस्लाम’ शांति, प्रेम एंव भाईचारे का मजहब है, किन्तु विगत दो शताब्दियों से सारा विश्व इस्लामिक जिहाद से त्रस्त है। विशेषकर विश्व के गैर इस्लामिक देश-अमेरिका, यूरोप के देश, इजरायल और भारत आदि इस्लामिक जिहादी आंतकवाद का कहर झेल रहे […] Read more » Jihad इस्लाम जिहाद
महिला-जगत आरक्षण या नेताओं के सिरदर्द की दवा July 20, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on आरक्षण या नेताओं के सिरदर्द की दवा -संतोष कुमार मधुप संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को लेकर पिछले दिनों जिस तरह हंगामा मचा वह अभूतपूर्व था। हंगामे की वजह और भी अद्भुत थी। लालू-मुलायम के नेतृत्व में कुछ दलों के सांसद, संसद में जिस बात के लिए जूतम-पैजार करने पर आमादा थे उसके निहितार्थ क्या हो सकते हैं? लालू, […] Read more » Woman Reservation महिला आरक्षण
समाज विशुद्ध राजनीतिक है जाति आधारित जनगणना की मांग July 19, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on विशुद्ध राजनीतिक है जाति आधारित जनगणना की मांग – अवधकिशोर संपूर्ण देश की जनसंख्या कितनी है और यह किस अनुपात में बढ़ रही है, इसकी जानकारी हेतु प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना होती है। जनगणना हो तो उसका आधार क्या हो, यह स्पष्ट होना ही चाहिये। इस बार की जनगणना में जातिगत गणना की विशेष चर्चा है। इसके पक्ष-विपक्ष में आये दिन राजनैतिक […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
राजनीति राजनीतिक हस्तक्षेप से निरंकुश होती पत्रकारिता July 19, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment – डॉ. सूर्य प्रकाश अग्रवाल जिस प्रकार समाज में विगत कुछ वर्षों से प्रत्येक दिशा में तेजी से परिवर्तन देखा जा रहा है उसी प्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ (पत्रकारिता) में भी निरंकुशता बढ़ी है जिससे पत्रकारिता का उददे्श्य सनसनी फैलाना होकर रह गया है। सनसनी फैलाने, स्टिंग ऑपरेशन करने अथवा राष्ट्र के हितों को […] Read more » Journalism पत्रकारिता
धर्म-अध्यात्म भारतीय मानस में राम July 19, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on भारतीय मानस में राम – राजीव मिश्र भारतीय संस्कृति में समता-समरसता के एक आदर्श आराधक देवता मर्यादा पुरुषोतम राम हैं जो मानव भी है और देवता होने के कारण करोड़ों के आराध्य हैं। सैकड़ों धार्मिक गतिविधियाँ, मान्यताएँ, विश्वास, लोक-कथाएं उनके पावन चरित्र से जुड़ी हैं। जहाँ वह राजा दशरथ और माता कौशल्या के तेजस्वी आज्ञाकारी पुत्र हैं वहीं वह […] Read more » Ram राम
खेत-खलिहान जैव विविधता पर संकट की छाया July 19, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on जैव विविधता पर संकट की छाया – नेहा जैन भारत में जंगलों, आर्द्रभूमियों और समुद्री क्षेत्रों में कई तरह की जैव विविधता पाई जाती है। भारत में स्तनधारी जंतुओं में 350, पक्षियों में 1224, सांपों में 408, उभयचर प्राणियों में 197, मछलियों में 2546 और फल-पौधों में 15 हजार प्रजातियां है। परंतु जलवायु परिवर्तन, जंगलों की समाप्ति व कई अन्य कारणों […] Read more » Bio-diversity जैव विविधता
प्रवक्ता न्यूज़ पत्रकारिता के ठेकेदारों कुछ तो शर्म करो July 18, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on पत्रकारिता के ठेकेदारों कुछ तो शर्म करो -अमिताभ त्रिपाठी इस देश में कुछ शब्द ऐसे हैं जिनका उपयोग ठीक इसके विपरीत आचरण के लिये किया जाता है। अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता उसमें से एक है। लोकतांत्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इनका हनन किया जाता है और ठीक इसके विपरीत आचरण करने वाला इसका ठेकेदार हो जाता है। देश की […] Read more » RSS राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
प्रवक्ता न्यूज़ हेडलाइंस टुडे के खिलाफ संघ का जोरदार प्रदर्शन July 17, 2010 / December 23, 2011 | 6 Comments on हेडलाइंस टुडे के खिलाफ संघ का जोरदार प्रदर्शन विडियोकॉन टॉवर से आँखों देखी नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को टीवी टुडे समूह से जुडे़ न्यूज चैनल आज तक एवं हेडलाइंस टुडे और एक अंग्रेजी समाचार पत्र मेल टुडे के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। संघ कार्यकर्ताओं ने आज तक और हेडलाइंस टुडे को हिंदू विरोधी चैनल बताते हुए […] Read more » RSS राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हेडलाइन टूडे
विविधा अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! July 16, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! -आर. एल. फ्रांसिस केन्द्र सरकार का पूरा तंत्र भारतीय चर्च को खुश करने में लगा हुआ है चाहे उसके ऐसे फैसलों से ईसाई समुदाय को दुख: उठाना पड़े। हाल ही में ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग’ (एनसीएमईआई) ने चर्च के शैक्षणिक संस्थानों को लाभ पहुचानें के लिए निर्णय सुनाया है कि अल्पसंख्यक की मान्यता देने […] Read more » UPA अल्पसंख्यक अधिकार चर्च यूपीए