डा. राधेश्याम द्विवेदी

डा. राधेश्याम द्विवेदी

लेखक के कुल पोस्ट: 437

Library & Information Officer
A.S.I. Agra

लेखक - डा. राधेश्याम द्विवेदी - के पोस्ट :

विधि-कानून विविधा

न्याय व्यवस्था का गिरता हुआ स्तर

| Leave a Comment

आज कानून का पालन करने वालों से कानून तोडऩे वालों की प्रतिष्ठा अधिक है। इतना ही नहीं, कानून तोडऩे की ‘क्षमता’ ही लोगों की आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक ‘प्रतिष्ठा’ का मापदंड बनती जा रही है। वैसे तो सभी राजनीतिक पक्ष ऐसी संपूर्ण स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रणाली चाहते हैं, जिन्हें सिर्फ उनके ही पक्ष में निर्णय पाने की स्वतंत्रता रहे। इस हालात में किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू आएंगे ही। उन आंसूओं में प्रायश्चित और वेदना की अहमियत है, जो व्यवस्था को शक्ति प्रदान कर सकती है।

Read more »

विविधा शख्सियत

लाला लाजपतराय बलिदान दिवस-17 नवम्बर

| Leave a Comment

लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई।

Read more »

कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख साहित्‍य

स्वास्तिक शास्वत और विश्वव्यापी सनातन प्रतीक

| Leave a Comment

अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला। 'अमरकोश' में भी 'स्वस्तिक' का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है। अमरकोश के शब्द हैं - 'स्वस्तिक, सर्वतोऋद्ध' अर्थात् 'सभी दिशाओं में सबका कल्याण हो।'

Read more »