विधि-कानून विविधा न्याय व्यवस्था का गिरता हुआ स्तर November 29, 2016 | Leave a Comment आज कानून का पालन करने वालों से कानून तोडऩे वालों की प्रतिष्ठा अधिक है। इतना ही नहीं, कानून तोडऩे की ‘क्षमता’ ही लोगों की आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक ‘प्रतिष्ठा’ का मापदंड बनती जा रही है। वैसे तो सभी राजनीतिक पक्ष ऐसी संपूर्ण स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रणाली चाहते हैं, जिन्हें सिर्फ उनके ही पक्ष में निर्णय पाने की स्वतंत्रता रहे। इस हालात में किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू आएंगे ही। उन आंसूओं में प्रायश्चित और वेदना की अहमियत है, जो व्यवस्था को शक्ति प्रदान कर सकती है। Read more » Featured गिरता हुआ स्तर न्याय व्यवस्था
कला-संस्कृति लेख साहित्य द्रोपदी के पांच नही, एक मात्र पति युधिष्ठिर November 29, 2016 | 1 Comment on द्रोपदी के पांच नही, एक मात्र पति युधिष्ठिर डा. राधेश्याम द्विवेदी महाभारत ग्रंथ की मूल कथा में अनेक परिवर्तन हुए हैं. इन परिवर्तनों से आर्य-संस्कृति का रूप काफी दयनीय स्थिति को प्राप्त हुआ है. द्रौपदी के पांच पति वाली कथा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. महाभारत के आदि-पर्व में द्रौपदी के पांच पतियों का उल्लेख पाया जाता है. महाभारत की द्रौपदी तथा परवर्ती किसी […] Read more » द्रोपदी
विविधा आवश्यकता है पौराणिक मनवर का वास्तविक स्वरूप दिलवाया जाय November 29, 2016 | Leave a Comment मनवर के महात्म्य , ऐतिहासिकता और उर्वरता को पुनः महिमामण्डित किये जाने से इस क्षेत्र के लोगों को वर्तमान भारत सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस आलेख में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं। Read more » कुआनो नदी का दर्द पंन्डूलघाटः मखौड़ा धाम मनोरमा तट श्रृंगीनारी आश्रम
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म परम पिता परमेश्वर की मुख्य शक्तियाँ November 25, 2016 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी हम बचपन से भगवान और देव-देवियों की प्रार्थना करते आ रहे हैं, उनकी भक्ति करते आ रहे हैं और इसी तरह अलग-अलग तरीके से भगवान एवं धर्म से जुड़े हुए हैं। जब हम इस विशाल ब्रह्मांड को देखते हैं तब एक अद्भुत शक्ति का अनुभव करते हैं जो सभी को संतुलित रखती […] Read more » परम पिता परमेश्वर परमेश्वर श्रीकृष्ण श्रीविष्णु
समाज दलित राजनीति में मनुवाद का सर्वाधिक दुरपयोग November 25, 2016 | Leave a Comment मनुवाद व ब्राह्मणवाद दो स्वार्थ-परक शब्द पिछले 100 साल में भारत की राजनीति में बहुत आये। दूसरे शब्द हैं जैसे की 'अल्पसंख्यक", 'बहुसंख्यक", "साम्प्रदायिकता", 'दलित", "महा-दलित", "हरिजन", "सर्वहारा-वर्ग",और भी कुछ शब्द हैं जिनको सभी राजनीतिक दल अपने- अपने फायदे के अनुसार परिभाषित करते हैं। समय आने पर खुद अपने ही दिये "परिभाषा" से मुकर जाते हैं। Read more » Featured ब्राह्मणवाद मनुवाद
पर्यावरण विविधा विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर जोर November 23, 2016 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगो को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रति वर्ष 26 नवम्बर को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP) के द्वारा विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस आयोजित किया जाता है. पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर […] Read more » Featured विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस
विविधा संकिसा में विश्व धरोहर सप्ताह मनाने की शुरूवात November 18, 2016 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी विश्व धरोहर सप्ताह:- विश्व धरोहर सप्ताह हर साल 19 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे विश्व में मनाया जाता है। ये मुख्यतः स्कूल और कॉलेज के छात्रों द्वारा लोगों को सांस्कृतिक विरासत के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर […] Read more » World Heritage Week विश्व धरोहर सप्ताह
विविधा शख्सियत लाला लाजपतराय बलिदान दिवस-17 नवम्बर November 16, 2016 | Leave a Comment लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। Read more » Featured लाला लाजपतराय लाला लाजपतराय बलिदान दिवस
विविधा राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह: (14 से 21 नवंबर) November 14, 2016 / November 14, 2016 | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी सप्ताह का प्रारंभ:- पुस्तकालय सेवा राज्य सरकारों के तत्वाधान के अधीन है तथा सभी राज्य अपने आकार, जनसंख्या, साक्षरता दर, क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य की रचना तथा पुस्तकालय अवसंरचना की दृष्टि से भिन्न हैं। एस.एच. सायाजी राव गायकवाड़ III, बड़ोदा के महाराजा ने सन 1910 में भारत में सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली के विकास […] Read more » Featured national library week राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख साहित्य स्वास्तिक शास्वत और विश्वव्यापी सनातन प्रतीक November 14, 2016 | Leave a Comment अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला। 'अमरकोश' में भी 'स्वस्तिक' का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है। अमरकोश के शब्द हैं - 'स्वस्तिक, सर्वतोऋद्ध' अर्थात् 'सभी दिशाओं में सबका कल्याण हो।' Read more » Featured अन्य देशों के लिए स्वास्तिक के चिन्ह का महत्व भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक का पौराणिक महत्त्व विश्वव्यापी सनातन प्रतीक स्वस्तिक चिह्न :- स्वास्तिक के चिन्ह का महत्व स्वास्तिक शास्वत
विधि-कानून विविधा काला धन पर लगाम लगना शुरू November 10, 2016 | Leave a Comment पांच सौ और हजार रुपए के नोट के चलन पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का लोगों ने स्वागत किया है। देश से कालाधन समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लोगों ने हमेशा समर्थन किया है। मध्यवर्ग, किसानों, व्यवसायियों, छात्र, गृहिणियों की समस्या को देखते हुए पुराने करेंसी नोट के बदले नए करेंसी नोट का प्रचलन प्रभावी तरीके से जल्द होना चाहिए। ज Read more » Featured काला धन काला धन पर लगाम
आर्थिकी विविधा भारतीय मुद्रा का विमुद्रीकरण : एक बार फिर November 9, 2016 | Leave a Comment ख्यतः अघोषित धन पर नियंत्रण रखने के प्रयोजन से, जनवरी 1946 में उस समय संचलन में मौजुद `.1000 और `.10000 के बैंकनोटों का विमुद्रीकरण किया गया था। वर्ष 1954 में `.1000, `.5000 और `.10000 के उच्च मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को फिर से जारी किया गया और जनवरी 1978 में इन बैंकनोटों (`.1000, `.5000 और `.10000) को एक बार फिर विमुद्रीकृत किया गया। Read more » Ban of Rs.1000 in India ban of Rs.500 in India demonetization of higher denomination banknotes demonetization of money Featured नकली नोट तथा कालाधन बनाम विमुद्रीकरण मुद्रा का विमुद्रीकरण मुद्रा प्रबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका:- विमुद्रीकरण