विश्ववार्ता अक्साई चीन: भारत-चीन सीमा विवाद की जड़ October 25, 2016 | 2 Comments on अक्साई चीन: भारत-चीन सीमा विवाद की जड़ वह रेखा जो भारतीय कश्मीर के क्षेत्रों को अक्साई चिन से अलग करती है 'वास्तविक नियंत्रण रेखा' के रूप में जानी जाती है। अक्साई चीन भारत और चीन के बीच चल रहे दो मुख्य सीमा विवाद में से एक है। चीन के साथ अन्य विवाद अरुणाचल प्रदेश से संबंधित है। अमेरिकी राजदूत के अरुणाचल दौरा पर विवाद:-चीन ने 24 अक्टूबर2016 को अमेरिका को चेतावनी दी कि चीन-भारत सीमा विवाद में उसका कोई भी हस्तक्षेप इस विषय को ‘और भी पेचीदा’ बनाएगा और सीमा पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति में खलल डालेगा। Read more » Aksai China Featured अक्साई चीन भारत-चीन सीमा विवाद की जड़
कला-संस्कृति प्रवक्ता न्यूज़ लेख साहित्य पंचामृत October 24, 2016 / October 24, 2016 | Leave a Comment आयुर्वेद की दृष्टि से चरणामृत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। यह पौरूष शक्ति को बढ़ाने में भी गुणकारी माना जाता है। तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते हैं और इसका जल मस्तिष्क को शांति और निश्चिंतता प्रदान करता हैं। Read more » Featured पंचामृत
विविधा 550 साल से योग मुद्रा में बैठे ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु सांगला तेनजिंग October 22, 2016 | Leave a Comment भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ने ममी को 2009 तक अपने कैंपस में रखा। बाद में ग्रामीण इसे अपने साथ ले गए और अपनी धरोहर मानते हुए उन्होंने उसे अपने गांव में स्थापित किया। ममी को एक शीशे के केबिन में रखा गया है और उसकी देखभाल ग्रामीणों ने खुद संभाल रखी है। गांव वाले बारी-बारी इस ममी की देखभाल के लिए अपनी ड्यूटी लगाते हैं। Read more » Featured ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु सांगला तेनजिंग सांगला तेनजिंग
प्रवक्ता न्यूज़ सिंधु-सरस्वती सभ्यता October 22, 2016 | Leave a Comment 80 प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से 3प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। दिसम्बर 2014 में भिर्दाना को अबतक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया सिंधु घाटी सभ्यता का। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। नामोत्पत्ति:-सिन्धु घाटी सभ्यता का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक था। Read more » Featured सिंधु-सरस्वती सभ्यता
कला-संस्कृति समाज हिंदू धर्म के मंगल प्रतीक October 21, 2016 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी हिंदू धर्म में मंगल प्रतीकों का खासा महत्व है। इनके घर में होने से किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती। सभी कार्य मंगलमय तरीके से संपन्न होते हैं। सर्वप्रथम तो आपका घर वास्तु अनुसार होना चाहिए यदि नहीं है तो उसमें कुछ सुधार कर लें। घर में मंगल प्रतीकों या […] Read more » Featured हिंदू धर्म के मंगल प्रतीक
विविधा कश्मीर भारत का मूल राज्य October 19, 2016 | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी हिन्दू मूल निवासी:-कश्मीर के मूल निवासी सारे हिन्दू थे। कश्मीरी पंडितो की संस्कृति 5000 साल पुरानी है और वे ही कश्मीर के मूल निवासी हैं। प्राचीनकाल से ही कश्मीर महर्षि कश्यप के नाम पर हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियों का पालना रहा है। ब्रह्म से ब्रह्मा, ब्रह्मा से मरीचि, मरीचि से कश्यप ऋषि ही […] Read more » Featured kashmir kashmir a integral part of India कश्मीर कश्मीर भारत का मूल राज्य
शख्सियत समाज बाबा जयगुरुदेव October 17, 2016 | Leave a Comment बाबा जय गुरुदेव ने सन् 1962 में मथुरा में ही आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित मधुवन क्षेत्र में डेढ़ सौ एकड़ भूमि ख़रीदकर अपने मिशन को और अधिक विस्तार दिया। जय गुरुदेव आश्रम की लगभग डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर संत बाबा जय गुरुदेव की एक अलग ही दुनिया बसी है। उनके अनुनानियों में हर वर्ग के लोग शामिल हैं। Read more » Featured जयगुरुदेव
लेख साहित्य नारी के बारे में तुलसीदास जी के विचार October 17, 2016 / October 17, 2016 | 14 Comments on नारी के बारे में तुलसीदास जी के विचार तमाम सीमाओं और अंतर्विरोधों के बावजूद तुलसी लोकमानस में रमे हुए कवि हैं। वे गृहस्थ-जीवन और आत्म निवेदन दोनों अनुभव क्षेत्रों के बड़े कवि हैं। तुलसी भक्ति के आवरण में समाज के बारे में सोचते हैं। इनकी साधना केवल धार्मिक उपदेश नहीं है वह लोक से जुड़ी हुई साधना है। Read more » गोस्वामी तुलसीदास तुलसीदास नारी के बारे में तुलसीदास जी के विचार
समाज सिनेमा भारतीय सिनेमा में मुस्लिम प्रभाव को बढ़ावा October 15, 2016 | 2 Comments on भारतीय सिनेमा में मुस्लिम प्रभाव को बढ़ावा सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान, सैफ अली खान, नसीरुद्दीन शाह, फरहान अख्तर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, फवाद खान जैसे अनेक नाम हिंदी फिल्मों की सफलता की गारंटी बना दिए गए हैं। अक्षय कुमार, मनोज कुमार और राकेश रोशन जैसे फिल्मकार इन दरिंदों की आंख के कांटे हैं। तब्बू, हुमा कुरैशी, सोहाअलीखान और जरीनखान जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों का कैरियर जबरन खत्म कर दिया गया क्योंकि वे मुस्लिम हैं और इस्लामी कठमुल्लाओं को उनका काम गैरमजहबी लगता है। फिल्मों की कहानियां लिखने का काम भी सलीम खान और जावेद अख्तर जैसे मुस्लिम लेखकों के इर्द-गिर्द ही रहा जिनकी कहानियों में एक भला-ईमानदार मुसलमान, एक पाखंडी ब्राह्मण, एक अत्याचारी - बलात्कारी क्षत्रिय, एक कालाबाजारी वैश्य, एक राष्ट्रद्रोही नेता, एक भ्रष्ट पुलिस अफसर और एक गरीब दलित महिला होना अनिवार्य शर्त है। Read more » Featured भारतीय सिनेमा भारतीय सिनेमा में मुस्लिम प्रभाव मुस्लिम प्रभाव मुस्लिम प्रभाव को बढ़ावा
शख्सियत पर्यावरणविद् डी के जोशी का मिशन अधूरा October 13, 2016 | Leave a Comment , डा.राधेश्याम द्विवेदी जन्म:- उनका जन्म 1938 में गुजरात ( पाकिस्तान) में हुआ था। पिता अयोध्यालाल जोशी और मां प्रकाशवती थे। विभाजन के बाद परिवार अजमेर में आकर बसा। यहीं पर डीके जोशी की पढ़ाई हुई। उन्होंने स्नातक किया। इसके बाद नौकरी की, अखबार से जुड़े, कारोबार किया, राजनीति में भी रहे। कांग्रेस के उत्तर […] Read more » Featured डी के जोशी पर्यावरणविद् डी के जोशी
शख्सियत समाज लोक नायक जयप्रकाश नारायण October 12, 2016 | Leave a Comment “सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है ।’’ यह जयप्रकाश नारायण का विचार व नारा था जिसका आह्वान उन्होने इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था।लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है - राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। Read more » Featured जयप्रकाश नारायण लोक नायक लोक नायक जयप्रकाश नारायण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म अंधविश्वास की अनोखी परंपरा: अराधना के नाम बच्चों का रक्तबलि October 12, 2016 / October 12, 2016 | Leave a Comment यहां पर हर साल नवरात्रि के नवमी तिथि को पूरे इलाके के हजारों क्षत्रिय दुर्गा मंदिर में अपने शरीर का रक्त मां को चढाते है. रक्त का यह चढ़ावा 15 दिन के बच्चे से लेकर 100 साल तक के बुजुर्गों तक के शरीर के पांच जगहों से काटकर दिया जाता है. कटने पर शरीर के कई जगहों से रक्त निकलने से मासूम बच्चे रोते बिलखते हैं पर आस्था के नाम पर उनके घाव पर किसी दवा को नहीं बल्कि भभूत मल दिया जाता है. Read more » अंधविश्वास की अनोखी परंपरा अराधना बच्चों का रक्तबलि