लेख शख्सियत समाज भगवान महावीर हैं सार्वभौम धर्म के प्रणेता April 19, 2024 / April 19, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment भगवान महावीर की जन्म जयन्ती- 21 अप्रैल, 2024– ललित गर्ग – सदियों पहले महावीर जनमे। वे जन्म से महावीर नहीं थे। उन्होंने जीवन भर अनगिनत संघर्षों को झेला, कष्टों को सहा, दुख में से सुख खोजा और गहन तप एवं साधना के बल पर सत्य तक पहुंचे, इसलिये वे हमारे लिए आदर्शों की ऊंची मीनार […] Read more »
लेख शख्सियत समाज भाषा के प्रति बाबा साहेब का राष्ट्रीय दृष्टिकोण April 13, 2024 / April 23, 2024 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं। पुनरुत्थान विद्यापीठ से उनकी पुस्तक ‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर : पत्रकारिता एवं विचार’ प्रकाशित है।) बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के लिए भाषा का प्रश्न भी राष्ट्रीय महत्व का था। उनकी मातृभाषा मराठी थी। अपनी मातृभाषा पर उनका जितना अधिकार था, वैसा ही अधिकार अंग्रेजी पर भी […] Read more » Baba Saheb's national approach towards language
लेख शख्सियत समाज डॉ. वेदप्रताप वैदिक : समग्र भारतीयता के वैश्विक परिचय March 12, 2024 / March 12, 2024 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रथम पुण्यस्मरण विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ विश्व जब इतराता है अपनी प्रगति पर, विशालकाय अट्टालिकाओं पर, पटरियों पर, सरपट भागती रेलगाडियों पर, ऊर्जा की बचत पर, कार्बन क्रेडिट पर, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेश नीति पर, तकनीकि समृद्धता पर, विकसित इमारतों पर, ढाँचागत अनुशासन और विकास पर, पत्रकारिता के उद्भव और विकास पर, बस वहीं पर विश्व की रफ़्तार पर ब्रेक लग जाता है क्योंकि वैश्विक […] Read more » Dr. Vedpratap Vedic: Global introduction to holistic Indianness डॉ. वेदप्रताप वैदिक
लेख शख्सियत समाज सार्थक पहल रविदासजी एक सिद्ध एवं अलौकिक समाज-सुधारक संत थे February 24, 2024 / February 22, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment संत गुरु रविदास जयन्ती- 24 फरवरी, 2024 के उपलक्ष्य में– ललित गर्ग –जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरूप रूढ़ियों एवं आडम्बरों में जकड़ा एवं अधंकारमय था तब संत गुरु रविदास एक रोशनी बनकर समाज को दिशा दी। वे अध्यात्म की सुदृढ़ परम्परा के संवाहक थे। वे ईश्वर को पाने का एक ही मार्ग जानते […] Read more » संत गुरु रविदास जयन्ती- 24 फरवरी
लेख शख्सियत समाज साक्षात्कार रामकृष्ण परमहंस ब्रह्मर्षि, देवर्षि एवं त्रिकालदर्शी थे February 17, 2024 / February 17, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment रामकृष्ण परमहंस जन्म जयन्ती-18 फरवरी 2024– ललित गर्ग-अंगुलियों पर गिने जाने योग्य कुछ महान् व्यक्तियों को समय-समय पर भारत की रत्नगर्भा वसुंधरा ने पैदा किया, जिनकी आध्यात्मिक चेतना एवं सिद्धियों से समूची दुनिया चमत्कृत होती रही है। जो युग के साथ बहे नहीं, युग को अपने बहाव के साथ ले चले। ऐसे लोग सच्चे जीवन […] Read more » Devarshi and Trikaldarshi. Ramakrishna Paramhansa was a Brahmarshi रामकृष्ण परमहंस
लेख शख्सियत अद्वितीय महापुरुष महर्षि दयानन्द February 12, 2024 / February 12, 2024 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि के 200वें जन्मदिवस पर सादर नमन -मनमोहन कुमार आर्य जब हम ऋषि दयानन्द जी के जीवन पर दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि ऋषि दयानन्द का जन्म ऐसे समय हुआ जब हमारा प्रिय भारतवर्ष–आर्यावर्त देश अविद्या के अन्धकार में डूबा हुआ था तथा विदेशियों का दास वा गुलाम था। ऋषि दयानन्द जी […] Read more » Unique great man Maharishi Dayanand
लेख शख्सियत समाज महावीर नए भारत के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है February 12, 2024 / February 12, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भगवान महावीर के 2550वें मोक्ष कल्याणक दिवस को मनाने की सार्थक पहल करके एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। दिनांक 12 फरवरी 2024 को विज्ञान भवन में आयोजित इस राष्ट्रीय समारोह में संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत जी एवं चारों जैन संप्रदाय के आचार्य और […] Read more » Mahavir is the living inspiration for the emergence of new India
लेख शख्सियत समाज अमर शहीद हेमु कालाणी सिंध के नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जगाते रहे January 23, 2024 / January 23, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment ऐसा कहा जाता है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गर्म दल के स्वतंत्रता सेनानियों का भी भरपूर योगदान रहा है। इस दृष्टि से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के वीर सेनानियों ने, मां भारती को अंग्रेजों के क्रूर शासन से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से, देश के कोने कोने से भाग लिया था। इन वीर सेनानियों में से भारत के कई वीर सपूतों ने तो मां भारती के श्री चरणों में अपने प्राण भी न्योशावर कर दिए थे। भारत के इन्हीं वीर सपूतों में अमर शाहीद श्री हेमू कालाणी का नाम भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है क्योंकि उन्हें बहुत ही कम उम्र, मात्र 19 वर्ष की आयु में दिनांक 21 जनवरी 1943 को क्रूर अंग्रेजी शासन द्वारा फांसी दे दी गई थी। दिनांक 23 मार्च 1923 को श्री हेमू कालाणी का जन्म सिन्ध प्रांत के सक्खर जिले में सवचार स्थान पर श्री पेसूमल जी कालाणी एवं माता श्रीमती जेठी बाई कालाणी के घर पर हुआ था। श्री हेमू कालानी बचपन में ही सर्वगुण संपन्न व होनहार बालक थे, जो अपनी पढ़ाई लिखाई में तेज तर्रार होने के साथ साथ एक अच्छे तैराक, तीव्र साईकिल चालक तथा अच्छे धावक भी थे। वह कई बार तैराकी में भी कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके थे। बचपन में ही श्री हेमू कालाणी “स्वराज्य सेना” नामक छात्र संगठन में सम्मिलित होकर इस संगठन के नेता बन गए थे। इन सभी विशेषताओं के ऊपर, श्री हेमू कालाणी अपने बचपन काल से ही राष्ट्रवाद की भावना से भी ओतप्रोत थे और आपने अंग्रेजों की क्रूर हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प ही ले लिया था और राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रियाकलापों में भी भाग लेना शूरू कर दिया था। अत्याचारी अंग्रेजों द्वारा संचालित सरकार के विरुद्ध छापामार गतिविधियों में भाग लेकर उनके वाहनों को जलाने में श्री हेमू कालाणी अपने साथियों का नेतृत्व भी करने लगे थे। साथ ही, अमर शहीद हेमू कालाणी द्वारा सिंध प्रांत के नागरिकों में स्वावलम्बन का भाव जगाने का प्रयास भी किया जा रहा था। यह भी एक अजीब संयोग ही कहा जाएगा कि श्री हेमू कालानी की जन्मतिथि एवं अमर शहीद श्री भगतसिंह जी की पुण्यतिथि एक ही है, अर्थात 23 मार्च। वर्ष 1942 में मात्र 19 वर्ष की अल्पायु में श्री हेमू कालाणी ने “अंग्रेजो भारत छोड़ो” के नारे को पूरे सिंध में गूंजायमान कर दिया था। श्री हेमू कालाणी के अदम्य साहस एवं उत्साह ने तो पूरे सिंधवासियों में ही स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए जोश भर दिया था। श्री हेमू कालाणी द्वारा अपनी किशोरावस्था में ही विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आग्रह सिंधवासियों से किया जाता था। मां भारती के प्रति तो उनके मन में एक विशेष भाव था एवं अंग्रेजों की हुकूमत उन्हें बिलकुल भी रास नहीं आती थी इसलिए अल्पायु में ही वे सिंधवासियों का आह्वान करते नजर आते थे कि वे केवल देश में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग करें जिससे भारतीय नागरिकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया जा सके। अंग्रेजी शासन द्वारा भारतीयों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ मात्र 19 साल की उम्र में श्री हेमू कालाणी ने जो किया, इस पर पूरे देश को आज भी गर्व है। वर्ष 1942 में “करो या मरो”, “अंग्रेजों भारत छोड़ो”, के नारों में एक आवाज श्री हेमू कालाणी की भी थी। सिंध प्रांत के सक्खर शहर में देश की आजादी के लिए कार्य कर रही संस्था “स्वराज्य सेना” के एक युवक ने श्री हेमू कालाणी को यह जानकारी दी कि आजादी के लिए प्रयासरत आंदोलनकारियों को कुचलने और उनका दमन करने के लिए रोहड़ी (सिंध) से अंग्रेज सैनिकों एवं हथियारों से भरी एक विशेष रेलगाड़ी सक्खर से होकर बलूचिस्तान की ओर जाने वाली है। यह सुनकर श्री हेमू कालाणी और उनके जाबांज साथी रेल ट्रैक पर गए और रेल की पटरी के नट बोल्ट खोलने लगे, परंतु श्री हेमू कालाणी पर अंग्रेज सिपाहियों की नजर पड़ गई और उसे पकड़कर लिया गया कर फिर जेल भेज दिया गया। आजादी के दीवाने मात्र 19 साल के इस जवान का हौसला ही था कि पकड़े जाने व घोर यातनाओं को सहन करने के बाद भी उसने अंग्रेजों को यह राज नहीं बताया कि पटरियों के नट बोल्ट खोलने में उसके और कौन कौन साथी थे। श्री हेमू कालाणी के हौसले एवं उसकी देश भक्ति के आगे हार कर अंग्रेजों द्वारा 21 जनवरी 1943 को प्रातः सक्खर (सिंध) के केंद्रीय कारागार में श्री हेमू कालाणी को फांसी पर चढ़ा दिया गया। इससे पूरा देश गमगीन हो गया। देश के युवाओं में बदले का भाव जगा और वे भी अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हो गए एवं इस प्रकार अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन और अधिक तेज हो गया। कालांतर में आजादी के मतवाले अमर शहीद श्री हेमू कालाणी को श्रद्धांजलि प्रदान करने के उद्देश्य से श्री हेमू कालाणी जी की माताजी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज के सेनानियों द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया था। 14 अक्टोबर 1983 को भारतीय डाक व तार विभाग द्वारा अमर शहीद श्री हेमू कालाणी की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया था एवं भारत के संसद भवन में 21 अगस्त 2003 को श्री हेमू कालाणी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी द्वारा किया गया था। केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा आजादी के दीवाने अमर शहीद श्री हेमू कालाणी का जन्म शताब्दी समारोह (दिनांक 23 मार्च 2022 से 23 मार्च 2023 तक) को, विशाल रूप में मनाया गया ताकि देश के युवा अमर शहीद श्री हेमू कालाणी के बलिदान से प्रेरणा लेकर समय आने पर मां भारती के लिए अपने प्राण भी न्यौशावर करने को तैयार रहें। प्रहलाद सबनानी Read more »
राजनीति लेख शख्सियत समाज रामभद्राचार्य श्रीराम के अद्भुत शिल्पकार एवं व्याख्याकार January 16, 2024 / January 16, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment जगतगुरु रामभद्राचार्य अमृत महोत्सव-ललित गर्ग- देश में कितने ही पवित्र संत, गुरु, ऋषियों ने अपने दैवीय शक्ति, आनंद, प्राचीन ग्रंथों के ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान के साथ दुनिया को अलौकिक एवं चमत्कृत किया है, परम सत्ता से साक्षात्कार के लिये अग्रसर किया है। इनमें श्रद्धेय पद्म विभूषण जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज भी हैं, जिन्होंने श्रीरामचरित मानस […] Read more » Rambhadracharya the wonderful sculptor and interpreter of Shri Ram. रामभद्राचार्य
लेख शख्सियत समाज राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर स्वामी विवेकानंद के विचार January 12, 2024 / January 15, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानन्द का जन्म आज ही के दिन 12 जनवरी 1863 को विश्वनाथ दत्त एवं माता ज्ञानेश्वरी देवी के यहाॅ कलकत्ता में हुआ,इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। नरेन्द्रनाथ अपनी धार्मिक एवं आध्यात्मिक जिज्ञासा के कारण रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आये तब रामकृष्ण परमहंस कलकत्ता में […] Read more » Swami Vivekananda's views on national outlook
शख्सियत समाज श्रीराम के अदभुत अर्चक-फ़ादर कामिल बुल्के January 11, 2024 / January 11, 2024 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment प्रो. श्याम सुंदर भाटिया बेल्जियम में जन्मे फ़ादर कामिल बुल्के की जग-विख्यात विशेषता यह है, वे रामकथा के मर्मज्ञ, हिंदी के विद्वान और विलायत में जन्मे भारतीय थे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ‘रामकथा उत्पत्ति और विकास’ पर 1950 में पी.एच.डी. की। इस शोध में संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी, बंगला, तमिल आदि समस्त प्राचीन और […] Read more »
लेख शख्सियत समाज नर्मदा क्षेत्र के उदारमना महंत दौलत दास जी ग्वाल January 11, 2024 / January 11, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम नगर के ग्वालटोली में निवासरत हीरालाल बानिये के घर दौलतराम जी का जन्म सन् 1918 में हुआ। दौलतराम जी की माॅ श्रीमति विनियाबाई एक धार्मिकप्रवृत्ति की महिला थी जो पूरे समय पूजापाठ मे निमग्न रहती। जन्म के बाद बालक दौलतराम अपनी माॅ के […] Read more » Udarmana Mahant Daulat Das Ji Gwal of Narmada region महंत दौलत दास जी ग्वाल