लेख शख्सियत
राजस्थानी के भीष्म पितामह कहलाते हैं कन्हैयालाल सेठिया
/ by सुनील कुमार महला
‘ आ तो सुरगां नै सरमावै, ईं पर देव रमण नै आवै, ईं रो जस नर नारी गावै, धरती धोरां री ! रज कण कण नै चमकावै, चन्दो इमरत रस बरसावै, तारा निछरावळ कर ज्यावै, धरती धोरां री ! काळा बादळिया घहरावै, बिरखा घूघरिया घमकावै, बिजळी डरती ओला खावै, धरती धोरां री ! लुळ लुळ […]
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