कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लोक जागरण का महापर्व है श्री कृष्ण जन्माष्टमी August 12, 2025 / August 12, 2025 by डा. विनोद बब्बर | Leave a Comment डा. विनोद बब्बर जागरण अर्थात चेतना जीवंतता की पहली शर्त है। यूं तो सभी जीवों में चेतना होती है लेकिन जागृत चेतना केवल मनुष्य में ही संभव है। जागृत चेतना का अभिप्राय अपने परिवेश की हलचल के प्रति सजग रहते हुए अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के गौरव को सुरक्षित रखने का चिंतन के अतिरिक्त […] Read more » Shri Krishna Janmashtami is a great festival of public awakening श्री कृष्ण जन्माष्टमी
कला-संस्कृति रक्षाबंधन के बदलते मायने: परंपरा से आधुनिकता तक August 8, 2025 / August 8, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment रक्षाबंधन का धागा सिर्फ कलाई पर नहीं, दिल पर बंधता है। यह एक वादा है—साथ निभाने का, सुरक्षा का, और बिना कहे समझ लेने का। बहन की राखी में वो मासूम दुआ होती है जो शब्दों में नहीं कही जाती, और भाई की आंखों में वो संकल्प होता है जो हर चुनौती से लड़ने का […] Read more » रक्षाबंधन
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार एक भाव है राखी, हर भाई-बहन को बांधती है स्नेह की डोर से August 8, 2025 / August 8, 2025 by राजेश जैन | Leave a Comment राजेश जैन रक्षाबंधन हर साल आता है पर हर साल कुछ नया दे जाता है- नई यादें, वादे और भरोसे। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि रिश्तों की असली मिठास महंगे उपहार में नहीं बल्कि उस धागे में होती है जो प्रेम, विश्वास और अपनेपन से बुना होता है। इसलिए भले ही राखी का धागा है बहुत हल्का […] Read more » रक्षाबंधन
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार रक्षाबंधन और सनातन संस्कृति August 7, 2025 / August 7, 2025 by डा. शिवानी कटारा | Leave a Comment डॉ शिवानी कटारा सनातन संस्कृति में ‘रक्षा’ और ‘बंधन’ दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। ‘रक्षा’ का अर्थ केवल शारीरिक सुरक्षा नहीं, बल्कि भावनात्मक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रक्षा भी है। वहीं ‘बंधन’ किसी को बाधित करने वाला नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और मर्यादा से जुड़ा आत्मिक संबंध है। रक्षाबंधन का मूल बहुत प्राचीन है । […] Read more » Rakshabandhan and Sanatan culture रक्षाबंधन
कला-संस्कृति रक्षाबंधनः नारी रक्षा का संकल्प, एक सामाजिक चेतना August 6, 2025 / August 6, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और त्योहारों की भूमि पर रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जो केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज में आत्मीयता, कर्तव्यबोध, और नैतिक मूल्यों के पुनर्संवेदन का पर्व है। यह पर्व नारी अस्मिता, समानता, सुरक्षा और प्रेम की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। राखी का […] Read more » Rakshabandhan: The pledge to protect women रक्षाबंधनः
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार राष्ट्र रक्षाबंधन अनुष्ठान पर्व August 4, 2025 / August 4, 2025 by डा. विनोद बब्बर | Leave a Comment डा. विनोद बब्बर संस्कृति और पर्व एक दूसरे के उसी तरह से पूरक है जैसे नदी और जल। रक्त और मज्जा। शरीर और आत्मा। संस्कृति जीवन दर्शन, कला, साहित्य, अध्यात्म और संस्कारों जैसे असंख्य रंग-बिरंगे पुष्पों का वह गुलदस्ता है जिसकी सुगंध हजारों वर्षों से निरंतर प्रवाहमान है। पर्व समय-समय पर उस सुगंध की छटा […] Read more » Rakshabandhan national festival
कला-संस्कृति वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन में ! July 29, 2025 / July 29, 2025 by डॉ.बालमुकुंद पांडेय | Leave a Comment डॉ.बालमुकुंद पांडेय संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन, विचार और अनुशासन में देख रहे हैं । भारत वैश्विक स्तर की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। भारत के पास समृद्ध सांस्कृतिक एवं नैतिक आधारित विश्व विरासत हैं जिसका अनुप्रयोग शांति, स्थिरता, स्थायित्व, सतत […] Read more » Solution to global problems lies in Indian thought!
कला-संस्कृति पर्यावरण और आध्यात्म का अनोखा संगम है नागपंचमी July 29, 2025 / July 29, 2025 by संतोष कुमार तिवारी | Leave a Comment नाग पंचमी 29 जुलाई संतोष तिवारी भारत में व्रत त्यौहार कहीं न कहीं धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर ही मनाये जाते रहे है, भले ही आज लोग अपनी भागम भाग की जिंदगी में सही से समय नहीं दे पा रहे है। भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में तमाम त्यौहार हैं जिनमें नागपंचमी का एक विशेष स्थान है। यह पर्व नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें सनातन धर्म में जीवन रक्षक और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। यह त्यौहार मध्य बारिश के समय में मनाया जाता है जो कहीं न कहीं पर्यवारण के संरक्षण और आध्यत्मिक जुड़ाव को एक करता है। नाग पंचमी के दिन पुराने समय में गावों में तमाम तरह के खेलकूद का आयोजन होता था, जो आज केवल नाम मात्र का रह गया है। […] Read more » Nag Panchami is a unique confluence of environment and spirituality नागपंचमी
कला-संस्कृति सांपों के प्रति समर्पण की सांस्कृतिक परंपरा है नाग पंचमी July 28, 2025 / July 28, 2025 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment नाग पंचमी (29 जुलाई) पर विशेषपौराणिक काल से ही होती रही है नागों की पूजा– योगेश कुमार गोयलश्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को प्रतिवर्ष देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जो इस वर्ष 29 जुलाई को मनाया जा रहा है। हालांकि कुछ राज्यों में चैत्र तथा भाद्रपद शुक्ल पंचमी के […] Read more » Nag Panchami is a cultural tradition of devotion towards snakes नाग पंचमी
कला-संस्कृति लिंग रूप में शिव है, विश्व के पालक और संहारक July 28, 2025 / July 28, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से मुझे महेश के स्वरूप और उनकी महत्ता जानने की इच्छा प्रारम्भ से ही रही है। शिव पुराण , लिंगपुराण सहित अन्य पुराणों में शिव और विशेषतः शिव तथा लिंग पुराण में शिव के स्वरूप का अध्ययन करना चाहा और उसी क्रम में यह विषय संज्ञान में आया की शिव […] Read more » Shiva in the form of Linga is the protector and destroyer of the universe विश्व के पालक और संहारक
कला-संस्कृति पूर्व में भगदड़ से हुए हादसों से कोई सबक नहीं July 28, 2025 / July 28, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ- हरिद्वार के मंदिर में भगदड़ प्रमोद भार्गव उत्तराखंड के प्रसिद्द तीर्थस्थल के मनसा देवी मंदिर के मार्ग में मची भगदड़ से छह लोगों की मौत हो गईं और 40 लोग घायल हैं। यह शिवालिक पहाड़ियों पर 500 फीट की ऊंचाई पर यह घटना एक विद्युत मीटर के निकट बिजली का […] Read more » भगदड़ से हुए हादसों से कोई सबक नहीं हरिद्वार के मंदिर में भगदड़
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार सावन, शिव और प्रेम: भावनाओं की त्रिवेणी July 24, 2025 / July 24, 2025 by मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका | Leave a Comment सावन का महीना भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना में एक विशेष स्थान रखता है। यह वह समय है जब धरती हरी चादर ओढ़ लेती है, आकाश सावन की फुहारों से सज उठता है और हर ओर हरियाली और शीतलता का एक अनुपम संगम दिखाई देता है। इस मौसम में न केवल प्रकृति खिल उठती है, […] Read more » शिव और प्रेम