बच्चों का पन्ना चलने वाले घर October 2, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment पता नहीं चलने वाले घर, अब क्यों नहीं बनाते लोग| बाँध के रस्सी खींच खींच कर, इधर उधर ले जाते लोग| कभी आगरा कभी बाम्बे, दिल्ली नहीं नहीं घुमाते लोग| एक जगह स्थिर घर क्यों हैं, पहिया नहीं लगाते लोग| पता नहीं क्यों कारों जैसे, सड़कों पर ले जाते लोग| अथवा मोटर रिक्शों […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना जंगल का प्रजातंत्र October 2, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 2 Comments on जंगल का प्रजातंत्र बहुत ही सुहावना मौसम था सुबह ही झमाझम बारिस हो चुकी थी और अब गुनगुनी धूप निकल आई थी|जंगल के सभी जानवर खुशी के मारे उछल कूद कर रहे थे|हत्थू हाथी को भी बहुत मज़ा आ रहा था| उसे ऐसा लग रहा था कि कोई जोरदार खेल हो जाये|अचानक सामने से लल्लू शेर आता दिखाई […] Read more » story for kids
बच्चों का पन्ना तो आवश्यक बुद्धि विकास| October 1, 2012 / October 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment जितना दूर समझते हो तुम, उतना दूर नहीं आकाश| दृढ़ विश्वास सबल शक्ति हो, तो पाओगे बिल्कुल पास| अगर नहीं छू पाये तो भी, मत होना तुम कभी उदास| सूरज लाखों मील दूर है, देने आता तुम्हें प्रकाश| ऊँचा रखना शीश हमेशा, कभी न होना शीघ्र उदास| तुम पर ही दुनियाँ निर्भर है, […] Read more » poem for kids
कविता बच्चों का पन्ना आधी रात बीत गई September 30, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment प्रभुदयाल श्रीवास्तव आठ लोरियां सुना चुकी हूँ, परियों वाली कथा सुनाई| आधी रात बीत गई बीत भैया, अब तक तुमको नींद न आई| थपकी दे दे हाथ थक गये, कंठ बोल बोल कर सूखा| अब तो सोजा राजा बेटा, तू है मेरा लाल अनोखा| चूर चूर मैं थकी हुई हूं, सचमुच लल्ला राम दुहाई| […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना अगर पेड़ में रुपये फलते-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 30, 2012 / September 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment माननीय परमभट्टारक शहंशाहे आलिया प्रधान मंत्री जी की सेवा में पेश एक बाल गीत हम नादान बच्चों की तरफ से| अगर पेड़ में रुपये फलते [बाल गीत] टप् टप् टप् टप् रोज टपकते| अगर पेड़ में रुपये फलते| सुबह पेड़ के नीचे जाते ढ़ेर पड़े रुपये मिल जाते थैलों में भर भर कर रुपये […] Read more » poem for kids
कविता बच्चों का पन्ना बिना पन्हैंयां-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 30, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बिना पन्हैंयां तपी धूप में, कैसे चल पायें| चलो नीम के नीचे बैठें ,थोड़ा सुस्तायें|| दौड़ भाग में टूटे जूते, कहीं छोड़ आये| हार गये पापा से कहकर, नये नहीं लाये|| अम्मा ने की नहीं सिफारिश ,दादाजी चुपचाप| जूते नहीं लायेंगे पापा ,बिना कहे ही आप|| चलो आज इसकी खातिर, दादी को […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना यहां कुत्ते रहते हैं September 29, 2012 / September 27, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 2 Comments on यहां कुत्ते रहते हैं बहुत दिनों बाद इंदौर आना हुआ तो पुराने साथियों की याद आ गई|जय प्रकाश गुप्ता और मैं कई साला एक ही विभाग में काम करते रहे|नदी के उस पार ‘क्षिप्रा’ में मैं पदस्थ था और वह इस पार ‘बरलई’ में|वहीं रहते हुये उसने इंदौर में एक प्लाट खरीदकर मकान बनवा लिया था| एक बार में […] Read more » यहां कुत्ते रहते हैं
बच्चों का पन्ना व्यंग्य थोड़ा सा फर्क September 28, 2012 / September 27, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 13 Comments on थोड़ा सा फर्क “दादाजी दादाजी ‘बनाना’ को हिंदी में क्या बोलते हैं?” “बेटे ‘बनाना’ को हिंदी में केला कहते हैं|” “और दादाजी वो जो राउंड ,राउंड, ऱेड, रेड एप्पिल होता है न उसको हिंदी में क्या बोलते हैं?” “बेटे उसको सेब बोलते हैं|” मेरा नाती मुझसे सवाल पूँछ रहा था और मैं जबाब दे रहा था| “आच्छा..आपको तो […] Read more » story for kids थोड़ा सा फर्क
बच्चों का पन्ना पीतांबरलाल और ठग September 27, 2012 / September 27, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment पुराने समय की बात है लाला पीतांबर लाल धरमपुरा रियासत के दीवान थे|समय के पावंद तेज तर्रार और ईमानदार |बड़ी समस्यओं को चुटकी मे हल कर दॆने में उन्हॆं महारत हासिल थी|लोग तो कहते हैं उन पर देवी माता की असीम कृपा थी|रियासत के राजा लाला साहिब के रहते चैन की नींद् सोते थे|कुछ दिनों […] Read more » story for kids
बच्चों का पन्ना वफादारी का पुरस्कार-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 21, 2012 / September 25, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment लाला पीतांबरलाल धरमपुरा रियासत के दीवान थे|पचास गांव की इस छोटी सी रियासत के राजा शिवपालसिंह एक कर्तव्य निष्ठ दयालु और प्रजा के हित में काम करने वाले धर्म प्रिय राजा थे|दीवान पीतांबर लालजी का रियासत में बहुत सम्मान था क्यॊंकि वे न्याय प्रिय और जनता के सुख दुख में सदा सहायता करने के लिये […] Read more » story forkids बफादारी का पुरस्कार
बच्चों का पन्ना चौकलेट (लघुकथा ) September 21, 2012 / September 20, 2012 by बीनू भटनागर | Leave a Comment अनुभव छः साल का बच्चा दूसरी कक्षा मे पढता है,थोड़ा मौलामस्त थोड़ा, शैतान और लिखने मे आलसी। अपनी मां से अजीब अजीब सवाल करता है। एक दिन पूछा ,’’ मै बूढ़ा कब होऊंगा ?’’ उसकी मां विनीता सोचने लगी कि किसी को जवान होने की जल्दी हो ये तो समझ मे आता है पर अनुभव […] Read more » short story for kids
बच्चों का पन्ना सपने-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 20, 2012 / September 25, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment व्यर्थ रात सूनी आँखों में, बहुत देर तक सोकर आये| सुबह सुबह बिस्तर से उठकर सपने बहुत देर पछताये| यदि रात पर्वत पर होते, तारों का आकाश देखते| निविड़ निशा के स्पंदन को, दोनों हाथों से समेटते| यदि किसी नदिया के तट पर, बनकर रेत पड़े रह जाते| लहरें आतीं हमसे मिलने, हम लहरों से […] Read more » poemfor kids