धर्म-अध्यात्म गणेशजी सात्विक एवं सार्वभौमिक देवता हैं August 23, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणेश चतुर्थी – 25 अगस्त, 2017 पर विशेष ललित गर्ग- भाद्रपद शुक्ल कह चतुर्थी को सिद्धि विनायक भगवान गणेश का जन्म हुआ। गणेश के रूप में विष्णु शिव-पावर्ती के पुत्र के रूप में जन्म थे। उनके जन्म पर सभी देव उन्हें आशाीर्वाद देने आए थे। विष्णु ने उन्हें ज्ञान का, ब्रह्मा ने यश और पूजन […] Read more » Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज एवं आर्य संस्थाओं के आवश्यक कर्तव्य एवं दायित्व August 21, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में आर्यसमाज की पहचान एक ऐसे भवन के रूप में होती हैं जहां आर्यसमाजी लोग रविवार को एकत्रित होकर यज्ञ, भजन एवं प्रवचन का कार्य करते हैं और फिर सप्ताह के शेष दिन अपने व्यवसाय आदि के कार्यों में लगे रहते हैं। हमारा अनुमान है कि यदि सर्वे किया जाये […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म सत्याचार और ईश्वरोपासना ईश्वर के प्रति हमारे दो प्रमुख कर्तव्य August 19, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मननशील होने से मनुष्य कहे जाते हैं। मननशील का मुख्य गुण सोच विचार वा चिन्तन-मनन करना होता है। हम सभी मनुष्य मनन व चिन्तन करते ही हैं। मनुष्य को दो प्रकार का ज्ञान होता है। एक स्वाभाविक ज्ञान और दूसरा नैमित्तिक ज्ञान। स्वाभाविक ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयत्न नहीं करना […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म श्रीकृष्ण सच्चे अर्थों में लोकनायक हैं August 13, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment जन्माष्टमी – 15 अगस्त, 2017 पर विशेष -ललित गर्ग – भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। उनके जीवन की प्रत्येक लीला में, प्रत्येक घटना में एक ऐसा विरोधाभास दीखता है […] Read more » Featured जन्माष्टमी जन्माष्टमी 15 August लोकनायक श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म ऋषिकृत ईश्वरोपासना ग्रन्थ आर्याभिविनय का डा. भवानीलाल भारतीय द्वारा दिया गया परिचय और इसके आधार पर ईश्वर से की जाने चार प्रमुख प्रार्थनायें? August 11, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द जी के समस्त साहित्य में आर्याभिविनय ग्रन्थ का महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना अथवा उससे अपने मन की बात किस प्रकार से करनी चाहिये, इसे उन्होंने वेदमन्त्रों के सरल, सुबोध व सरस स्तुति व प्रार्थना परक अर्थ करके हमें प्रदान किया है। डा. भवानीलाल भारतीय, श्रीगंगानगरसिटी […] Read more » डा. भवानीलाल भारतीय
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए शनि प्रदोष 19 अगस्त 2017 का महत्व ?? August 11, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment जानिए कैसे करें शनि प्रदोष का व्रत और शनि प्रदोष पर क्या करें उपाय ?? हमारे सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास में कोई न कोई व्रत, त्यौहार अवश्य पड़ता है। दिनों के अनुसार देवताओं की पूजा होती है तो तिथियों के अनुसार भी व्रत उपवास रखे जाते हैं। हमारे सनातन हिन्दू धर्म में […] Read more » शनि प्रदोष
धर्म-अध्यात्म मृत्यु और हम August 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यह समस्त जड़ चेतन रूपी संसार सादि व सान्त अर्थात् उत्पत्ति धर्मा और प्रलय को प्राप्त होने वाला है। सभी जड़ पदार्थ सत, रज व तम गुणों वाली मूल प्रकृति के विकार हैं। मनुष्य व प्राणियों के शरीरों पर विचार करें, तो पाते हैं कि इसमें हमारे व अन्यों के शरीर तो […] Read more » Death मृत्यु मृत्यु और हम
धर्म-अध्यात्म ऋग्वेद के आठवें मण्डल का संस्कृत-हिन्दी भाष्य वा भाषानुवाद विषयक जानकारी August 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने अपने जीवन में वेद प्रचार को सबसे अधिक महत्व दिया। सभी मत व सम्प्रदायों के बीच यदि भविष्य में कभी एकता हो सकती है तो केवल वेद के आधार पर ही हो सकती है। वेद ज्ञान की उपस्थिति में किसी इतर मत की आवश्यकता ही नहीं रह जाती क्योंकि […] Read more » ऋग्वेद
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के ध्यान चिन्तन में मनुष्य का मन क्यों नहीं लगता? August 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेद, ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का अनुयायी सत्यार्थप्रकाश सहित ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों सहित वेद एवं वैदिक साहित्य का स्वाध्याय व अध्ययन करता है और ईश्वर के सच्चे स्वरूप से परिचित होता है। वह जानता है कि सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, पवित्र, न्यायकारी, पक्षपातरहित एकमात्र ईश्वर ही सबका माता, […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जानिए क्यों हैं महाकाल..कालों के काल.. August 10, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment धन्य-धन्य श्री महाकाल….. सनातन संस्कृति से ओत प्रोत हमारे देश भारत में भगाण शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग है जिसमे से एक उज्जैन के महाकाल भी है। महाकाल के दर्शन मात्र से ही बिगड़े काम बन जाते है, जो भी महाकाल के दर्शन करता है और श्रद्धा से महाकाल बाबा के सम्मुख अपना मस्तक झुकाता […] Read more » उज्जैन के अंगारेश्वर मंदिर महाकाल महाकालेश्वर मंदिर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्युषण पर्व 2017 August 10, 2017 / August 10, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment जैन धर्म में सभी पर्वों का राजा है “पर्युषण पर्व”— प्रिय पाठकों/मित्रों, पर्यूषण पर्व जैन धर्म का मुख्य पर्व है। श्वेतांबर इस पर्व को 8 दिन और दिगंबर संप्रदाय के जैन अनुयायी इसे दस दिन तक मनाते हैं। इस पर्व में जातक विभिन्न आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग जैसी साधना तप-जप […] Read more » पर्युषण
धर्म-अध्यात्म सभी हिन्दुओं और अन्य मतावलम्बियों के पूर्वज वैदिक धर्मी आर्य थे August 8, 2017 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on सभी हिन्दुओं और अन्य मतावलम्बियों के पूर्वज वैदिक धर्मी आर्य थे मनमोहन कुमार आर्य संसार का सबसे पुराना धर्म व संस्कृति कौन सी है? संसार में हिन्दू, पारसी, बौद्ध, जैन, ईसाई व मुस्लिम आदि मत व संस्कृतियां विद्यमान हैं परन्तु इनकी उत्पत्ति आज से अधिकतम तीन या चार हजार वर्ष पूर्व ही हुई है। ब्रह्माण्ड के इस पृथिवी गृह पर मानव सृष्टि की समय अब से […] Read more » आर्य वैदिक धर्मी आर्य