धर्म-अध्यात्म ईश्वर के मुख्य गुण, कर्म व स्वभाव December 29, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) ने अपने सत्यार्थ प्रकाश आदि ग्रन्थों में ईश्वर के स्वरूप पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला है। इसके आधार पर हम ईश्वर के गुण, कर्म व स्वभाव को भी जान सकते हैं। यह हम सभी का आवश्यक कर्तव्य भी है, इसलिए कि जिस ईश्वर ने हमारे लिए इस […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल गौतमनगर दिल्ली में चतुर्वेद ब्रह्म पारायण यज्ञ एवं वार्षिकोत्सव सोत्साह सम्पन्न December 23, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment दिल्ली में चतुर्वेद ब्रह्म पारायण यज्ञमनमोहन कुमार आर्य गुरुकुल गौतमनगर दिल्ली देश का वैदिक संस्कृत शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र है जो विगत 83 वर्षों से अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य कर रहा है। यहां प्रत्येक वार्षिकोत्सव पर वेद पारायण यज्ञ किये जाते हैं। इस वर्ष यहां 37 वां चतुर्वेद ब्रह्म पारायण यज्ञ […] Read more » दिल्ली में चतुर्वेद ब्रह्म पारायण यज्ञ
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द जी ने वेद पढ़ने का सबको अधिकार दिलवायाः डा. महेश विद्यालंकार’ December 21, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य गुरुकुल गौतमनगर, दिल्ली आर्यों का तीर्थ स्थल है। प्रत्येक वर्ष दिसम्बर के महीने में यहां वार्षिकोत्सव आयोजित किया जाता है। अनेक वर्षों से यहां वार्षिकोत्सव के अवसर पर चतुर्वेद पारायण यज्ञों का अनुष्ठान भी किया जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह एक गुरुकुल है जहां वर्तमान में लगभग 150 […] Read more » डा. महेश विद्यालंकार
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म भगवान परशुराम का समतामूलक एवं क्रांतिकारी समाज सुधारक कार्य December 20, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on भगवान परशुराम का समतामूलक एवं क्रांतिकारी समाज सुधारक कार्य डा.राधेश्याम द्विवेदी हमारे धर्मग्रंथ, कथावाचक ब्राह्मण और दलित राजनीति की रोटी सेकने वाले नेतागण भारत के प्राचीन पराक्रमी महानायकों की संहारपूर्ण हिंसक घटनाओं के आख्यान खूब सुनाते हैं, लेकिन उनके समाज सुधार से जुड़े क्रांतिकारी कार्यों को नजरअंदाज कर जाते हैं। विष्णु के दशावतारों में से छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम के साथ […] Read more » Bhagwan Parshuram Featured भगवान परशुराम
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म महाभारत के महान योद्धा बर्बरीक ‘खाटू श्याम’ का शीशदान कथा December 17, 2016 / December 17, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment बर्बरीक एक यक्ष और महाभारत का महान योद्धा था, उनका पुनर्जन्म एक इंसान के रूप में हुआ था। वह गदाधारी भीमसेन का पोता, नाग कन्या अहिलावती और घटोत्कच का पुत्र था । बाल्यकाल से ही वह बहुत वीर और महान योद्धा था । उन्होंने युद्ध-कला अपनी माँ से सीखी। उनकी माँ ने यही सिखाया था कि हमेशा हारने वाले की तरफ से लड़ना और वह इसी सिद्धांत पर लड़ता भी रहा। Read more » खाटू श्याम बर्बरीक महान योद्धा बर्बरीक ‘खाटू श्याम’
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म ऐसे करें भगवान् शिव जी की आराधना —- December 16, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on ऐसे करें भगवान् शिव जी की आराधना —- ऐसे करें भगवान् शिव जी की आराधना —- ।। || ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं,वन्दे जगत्कारणम् lवन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं,वन्दे पशूनां पतिम् लाल वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं,वन्दे मुकुन्दप्रियम् lवन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं,वन्दे शिवंशंकरम।।। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कुछ छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है, ये उपाय […] Read more » भगवान् शिव जी की आराधना
धर्म-अध्यात्म पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय रचित मनुस्मृति के प्रकाशन का सुखद समाचार December 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज की पहचान सत्य व प्रामाणिक धार्मिक व इतर ग्रन्थों के अध्ययनशील लोगों के रूप में होती है। संसार में आज जितने भी मत व पन्थ प्रचलित है, शायद किसी के पास इतना साहित्य नहीं है जितना कि वैदिक सनातन धर्मी आर्यसमाज के पास। दूसरे मतों के अनुयायी अपने एक व कुछ […] Read more » मनुस्मृति के प्रकाशन का सुखद समाचार
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के यथार्थ स्वरूप को कौन जानता है? December 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment संसार में ईश्वर को मानने वाले और न मानने वाले दो श्रेणियों के लोग हैं। ईश्वर के अस्तित्व को न मानने वालों को नास्तिक कहते हैं। जो नास्तिक लोग हैं उनसे तो यह अपेक्षा की ही नहीं जा सकती है कि वह ईश्वर के सत्य स्वरूप जानते हैं। प्रश्न है कि जो ईश्वर को मानते हैं, क्या वह सब ईश्वर के सत्य स्वरूप को भी जानते हैं या नहीं? Read more » ईश्वर ईश्वर के यथार्थ स्वरूप ईश्वर के यथार्थ स्वरूप को कौन जानता है
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा शख्सियत वसिष्ठ के ब्रहम ज्ञान व बसावट से सम्बन्धित गाथा December 11, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी हर्षि वसिष्ठ का निवास स्थान से सम्बन्धित होने के कारण बस्ती और श्रावस्ती का नामकरण उनके नाम के शब्दों को समेटते हुए पड़ा है। दोनो स्थान आज दो रूप में देखे जा सकते हैं , परन्तु प्राचीन काल में ये एक ही इकाई रहे हैं।इसी क्रम में आज वशिष्ठ के विकास यात्रा के कुछ अनछुये पहलुओं एवं कुछ प्रमुख स्थलों की कहानी का Read more » Featured महर्षि वसिष्ठ
धर्म-अध्यात्म ईश्वर द्वारा जीवात्माओं को सुधार के अवसर देने की कोई सीमा नहीं December 11, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारा स्वभाव ऐसा है कि जो लोग हमसे जुड़े हैं वह सभी हमारे अनुकूल हों और हमारी अपेक्षाओं को पूरा करें। यदि कोई हमारे अनुकूल नहीं होता व अपेक्षायें पूरी नहीं करता तो प्रायः हम उससे दूरी बना लेते हैं। ऐसे ही कारणों से पति व पत्नी के संबंध तक टूट जाते […] Read more » ईश्वर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म नदियों में स्नान का धार्मिक औचीत्य और महर्षि दयानन्द December 6, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज एक आर्य मित्र से प्रातः गंगा स्नान की चर्चा चली तो हमने इस पर उनके साथ विचार किया और हमारे मन में जो जो विचार आये उसे अपने मित्रों से साझा करने का विचार भी आया। हमारी धर्म व संस्कृति संसार के सभी मतों व पन्थों में सबसे प्राचीन व वैज्ञानिक है। प्राचीन काल में परमात्मा ने मनुष्यों को कर्तव्यों व अकर्तव्यों का ज्ञान कराने के लिए चार आदि ऋषियों को चार वेदों का ज्ञान दिया था। Read more » नदियों में स्नान का धार्मिक औचीत्य
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न होता तो क्या यह संसार होता? December 5, 2016 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on ईश्वर न होता तो क्या यह संसार होता? मनमोहन कुमार आर्य हमारे इस संसार में जन्म लेने से पूर्व से ही यह संसार प्रायः इसी प्रकार व्यवस्थित रुप से चल रहा है। हमसे पूर्व हमारे माता-पिता, उससे पूर्व उनके माता-पिता और यही परम्परा सृष्टि के आरम्भ से चली आ रही है। इस परम्परा का आरम्भ कब व कैसे हुआ? इसका उत्तर है कि […] Read more » ईश्वर ईश्वर न होता तो क्या यह संसार होता?