कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म हनुमान जयंती:- पर सभी भक्तों के संकट हरते हनुमान जी November 1, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment आज की तारीख में राजधानी लखनऊ में लगने वाला बड़ा मंगल का मेला जहां गली गली में लोकप्रिय हो रहा है। वहीं यहीं का असर है कि यह मेला अब लखनऊ के सटे बाराबंकी में भी लगने लगा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने एक बार कहा भी था कि ,”श्री महावीर जी मन के समान वेग वाले हैं । अतः मेरी हार्दिक इच्छा है कि उनका दर्शन लोगों को गली -गली में हो। मुहल्ले -मुहल्लें में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करके लोगों को दिखलायी जायें। स्थान- स्थान पर अखाड़ें हों जहां उनकी मूर्तियां स्थापित हो जायें। Read more » Featured हनुमान जयंती
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द का बलिदान सत्य की विजय व असत्य की पराजय November 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment 30 अक्तूबर, 1883 दीपावली के दिन ऋषि दयानन्द ने अपने देह का भले ही त्याग कर दिया परन्तु उनकी आत्मा आज भी ईश्वर के सान्निध्य में रहकर ईश्वरीय आनन्द वा मोक्ष का अनुभव कर रही है। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, ऋग्वेदभाष्य, यजुर्वेदभाष्य,, संस्कारविधि, आर्याभिविनय और अपने अन्य ग्रन्थों के कारण आज भी वह अपने अनुयायियों के मध्य विद्यमान हैं और अपने ग्रन्थों व जीवन चरित तथा पत्रव्यवहार आदि के द्वारा उनका मार्गदर्शन करते हैं। उनके मानव सर्वहितकारी कार्यों से सारा संसार लाभान्वित हुआ है। Read more » ऋषि दयानन्द
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म अंकोरवाट मन्दिर: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक November 1, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment ख्मेर शास्त्रीय शैली से प्रभावित स्थापत्य वाले इस मंदिर का निर्माण कार्य सूर्यवर्मन द्वितीय ने प्रारम्भ किया परन्तु वे इसे पूर्ण नहीं कर सके। मंदिर का कार्य उनके भानजे एवं उत्तराधिकारी धरणीन्द्रवर्मन के शासनकाल में सम्पूर्ण हुआ। मिश्र एवं मेक्सिको के स्टेप पिरामिडों की तरह यह सीढ़ी पर उठता गया है। इसका मूल शिखर लगभग 64 मीटर ऊँचा है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी आठों शिखर 54 मीटर उँचे हैं। मंदिर साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी पत्थर की दिवार से घिरा हुआ था, उसके बाहर 30 मीटर खुली भूमि और फिर बाहर 190 मीटर चौडी खाई है। Read more » Featured अंकोरवाट मन्दिर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म हनुमान जयंती : सभी भक्तों के संकट हरते हनुमान जी October 31, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment आज की तारीख में राजधानी लखनऊ में लगने वाला बड़ा मंगल का मेला जहां गली गली में लोकप्रिय हो रहा है। वहीं यहीं का असर है कि यह मेला अब लखनऊ के सटे बाराबंकी में भी लगने लगा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने एक बार कहा भी था कि ,”श्री महावीर जी मन के समान वेग वाले हैं । अतः मेरी हार्दिक इच्छा है कि उनका दर्शन लोगों को गली -गली में हो। Read more » Featured हनुमान जयंती
धर्म-अध्यात्म वैदिक जीवन और यौगिक जीवन परस्पर पर्याय हैं October 30, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सत्य का मण्डन और असत्य का खण्डन भी योगी के लिए आवश्यक होता है। जो मनुष्य असत्य का खण्डन करने के स्थान पर अपनी लोकैषणा व अन्य अवगुणों के लिए दुष्टों व दुर्दान्तों के प्रति भी अहिंसा का पोषण करता है वह योगी व सच्चा मनुष्य नहीं कहा जा सकता। श्री राम, श्री कृष्ण व ऋषि दयानन्द, इन तीनों महापुरुषों का जीवन ही आदर्श जीवन था जिनका पूरा पूरा अनुकरण योगी को करना चाहिये। योगी के लिए योग दर्शन सहित वेद, उपनिषद, दर्शन व वेदानुकूल मनुस्मृति आदि ग्रन्थों का अध्ययन व उसके अनुरूप व्यवहार भी आवश्यक है। Read more » यौगिक जीवन वैदिक जीवन
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म बटेश्वर का धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक इतिहास October 28, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on बटेश्वर का धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक इतिहास बटेश्वर की गुझिया, खोटिया, बताशा और शकरपाला प्रसिद्ध हैं। मेले के अवसर पर यहाँ बहुत चहल-पहल रहती है। पशुमेला तीन चरणों में पूरा होता है। पहले चरण में ऊँट, घोड़े और गधों की बिक्री होती है, दूसरे चरण में गाय आदि अन्य पशुओं की तथा अंतिम चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मेला शुरू होने के एक सप्ताह पहले से ही पशु व्यापारी अपने पशु लेकर यहां पहुँचने लगते हैं। Read more » बटेश्वर बटेश्वर नाथ मंदिर
धर्म-अध्यात्म जानिए दीपावली के पूजन मुहूर्त वर्ष 2016 हेतु October 27, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment इस वर्ष 30 अक्टूबर 2016 को दीपावली का पर्व चित्रा और स्वाति नक्षत्र में , प्रीति योग कालीन प्रदोष, निशिथ काल एवं आंशिक काल के कारण महानिशीथ व्यापिनी अमावस्या युक्त होने से विशेष पुण्य दायक रहेगी । दीपावली पूजन में अमावस्या तिथि प्रदोष निशीथ एवं महानिशीथ काल तथा तुला का सूर्य और चंद्रमा विशेष महत्वपूर्ण […] Read more » Featured दीपावली दीपावली के पूजन मुहूर्त
धर्म-अध्यात्म जानिए धनतेरस 2016 के पूजन मुहूर्त को– October 27, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment इस दिन नये उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है। शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा की जाती है। सात धान्य गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है. सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रुप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है । इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्ध के रुप में श्वेत मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है. साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी का पूजन करने का विशेष महत्व है। Read more » Featured धनतेरस धनतेरस 2016 के पूजन मुहूर्त
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार विविधा स्वच्छता व प्रकाश की प्रतीक दीपावली October 27, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। लोग कई दिनों पहले से ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ कर देते हैं, और सब अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। दिवाली के आते ही घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ सुथरा कर सजाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि लक्ष्मी जी उसी घर में आती है यहाँ साफ-सफाई और स्वच्छता होती है। Read more » दीपावली स्वच्छता व प्रकाश की प्रतीक
कला-संस्कृति जन-जागरण धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार दीवाली उपहार है हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना October 27, 2016 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on दीवाली उपहार है हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना हिन्दुस्थानियों के एक बड़े व महान पर्व दीवाली के एन पूर्व पिछले सप्ताह एक हलचल कारी घटना हुई , जिसनें हिन्दुओं की दीवाली पूर्व ही दीवाली मनवा दी हुआ यह कि देश केउच्चतम न्यायालय ने यह जांच प्रारम्भ की कि हिंदुत्व भारतीय जीवन शैली का हिस्सा है या फिर धर्म है. तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा दायर […] Read more » Deepawali Depawali Diwali Featured दीवाली हिंदुत्व हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्रकृति के रूप में महालक्ष्मी October 25, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment समुद्र-मंथन से लक्ष्मी तो प्रकट हुईं, लेकिन उल्लू के प्रकट होने का विवरण नहीं है। कहते हैं कि जब लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में प्रतिष्ठा मिल गई, तो उनकी स्थान-स्थान पर पूजा होने लग गई। इस कारण उन्हें अलग वाहन की आवष्यकता अनुभव होने लगी। Read more » Featured महालक्ष्मी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का पर्व है दीपावली October 25, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment दीपावली का धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है. दीपावली पर खेतों में खड़ी खरीफ़ की फसल पकने लगती है, जिसे देखकर किसान फूला नहीं समाता. इस दिन व्यापारी अपना पुराना हिसाब-किताब निपटाकर नये बही-खाते तैयार करते हैं. Read more » Featured अंधेरे पर प्रकाश की जीत का पर्व है दीपावली