धर्म-अध्यात्म कर्म की प्रेरणा देने वाले- योगेश्वर श्रीकृष्ण August 27, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पर्व है श्री कृष्णजन्माष्टमी। महाभारत युद्ध के दौरान श्रीमद्भवद्गीता के रचयिता श्रीकृष्ण। योगेश्वर श्रीकृष्ण के गीता के उपदेश अनादिकाल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते हैं। जन्माष्टमी का पर्व भारत मंे ही नहीं अपितु विदेशों में बसे भारतीय भी इस पर्व को पूरे भक्तिभाव व उल्लास के […] Read more » Featured Shri Krishna कर्म की प्रेरणा देने वाले गीता भविष्य पुराण योगेश्वर श्रीकृष्ण विष्णुरहस्यादि ग्रंथ स्कंद पुराण
धर्म-अध्यात्म वेदों में ईश्वर का स्वरुप, श्री कृष्ण और स्वामी दयानन्द August 26, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मानव धर्म, संस्कृत और सभ्यता का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर प्रदत्त चार वेदों के ज्ञान से हुआ है। संसार के सभी लोगों की धर्म, संस्कृति और सभ्यता वही है जो वेदों में वर्णित व समर्थित है। इसका प्रमुख आधार यह है कि वेद मनुष्यों की रचना न होकर साक्षात ईश्वर […] Read more » वेदों में ईश्वर का स्वरुप श्री कृष्ण और स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म योगेश्वर श्री कृष्ण के विषय में उनके समकालीन प्रमुख ऐतिहासिक पुरुषों की सम्मतियां August 25, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य कल 25 अगस्त, 2016 को श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव है। भारत के महान ऐतिहासिक पुरुषों में जो स्थान श्री राम चन्द्र जी और श्री कृष्ण जी को प्राप्त है वह अन्य किसी को नहीं है। इन महापुरुषों के जीवन के आदर्शों के कारण ही मध्यकाल में इन्हें अवतार तक की संज्ञा […] Read more » योगेश्वर श्री कृष्ण
धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत August 25, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार श्रावण माह की […] Read more » Featured श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत
धर्म-अध्यात्म परमात्मा मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ता August 24, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्य विद्वान अनूप सिंह जी ने 29 जून सन् 1994 को देहरादून में एक आर्यबन्धु श्री रामेश्वर प्रसाद आर्य के निवास पर एक पारिवारिक सत्संग में वैदिक प्रवचन करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये थे। इस आयोजन का संचालन करते हुए हमने उनके प्रवचन को यथाशक्ति नोट किया था। इस प्रवचन की […] Read more » परमात्मा परमात्मा मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ता
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म श्रीकृष्ण हैं भारतीय संस्कृति के महानायक August 24, 2016 / August 24, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग सभ्यता और संस्कृति की विकास यात्रा का एक नाम है श्रीकृष्ण। वे हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे हमें जितने करीब लगते हैं, उतना और कोई नहीं। वे ईश्वर हैं पर उससे भी […] Read more » Featured Shri krishan janmashtami जन्माष्टमी भारतीय संस्कृति के महानायक श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा अमरनाथ तीर्थ यात्रा पारंपरिक पूजा के साथ संपन्न August 23, 2016 / August 23, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी कैलाश पर्वत शिवजी का मुख्य समाधिस्थ होने का स्थान है और केदारनाथ विश्राम भवन है । हिमालय का कण-कण शिव-शंकर का ही स्थान है। केदारनाथ से आगे अमरनाथ है और उससे आगे है कैलाश पर्वत है । बाबा अमरनाथ को आजकल स्थानीय लोग के ‘बर्फानी बाबा’ कहते हैं। उन्हें बर्फानी बाबा इसलिए […] Read more » Amarnath tirth yatra Featured अमरनाथ तीर्थ यात्रा अमरनाथ यात्रा
धर्म-अध्यात्म संसार में किन व कौन सी मूल सत्ताओं का अस्तित्व हैं? August 22, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमें जो मानव शरीर मिला है उसमें पांच ज्ञान इन्द्रियां और पांच कर्म इन्द्रियां हैं। इनके अतिरिक्त शरीर के भीतर स्थित मन, बुद्धि, चित्त व अहंकार अन्तःकरण चतुष्टय कहलता है। यह सभी अपना अपना काम पूरी कुशलता से करते हैं। किसी को इनके होने व कार्य करने में कोई शंका व भ्रान्ति […] Read more » god is omnipresent मूल सत्ताओं का अस्तित्व
धर्म-अध्यात्म एक विस्मृत वैदिक ऋषि-भक्त शास्त्रार्थ महारथीः पं. गणपति शर्मा August 18, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य प्राचीनकाल में धर्मिक विषयों में भ्रान्ति दूर करने वा सत्यासत्य के निर्णयार्थ शास्त्रार्थ किया जाता था। सृष्टि के आरम्भ से यह मान्यता चली आ रही प्रतीत होती है कि वेद ईश्वरीय ज्ञान होने के कारण सम्पूर्णतया सत्य विचारों, मान्यताओं एवं सिद्धान्तों के ग्रन्थ हैं और वेदानुकूल सभी शास्त्रों की बातें भी स्वीकार्य, […] Read more » पं. गणपति शर्मा
धर्म-अध्यात्म वेदस्रोत से मानवीयमूल्य August 14, 2016 by शिवदेव आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य सुख शान्तिमय जीवन यात्रा तथा परमानन्द के लिए परमपिता परमेश्वर ने सृष्टि के प्रारम्भ में वेदज्ञान की ज्योति प्रदान की, जिसके आलोक में जीवन श्रेय एवं प्रेयमार्ग पर सुचारूतया संचारित होता है। वेद प्रतिपादित जीवनपद्धति ही नैतिकता का सर्वोच्च आदर्श है। इन उच्चतम जीवनमूल्यों का वैदिक वाङ्मय एवं परवत्र्ती भारतीय साहित्य में […] Read more » human values from vedas मानवीयमूल्य वेदस्रोत वेदस्रोत से मानवीयमूल्य
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का सदस्य बनने से जीवन की उन्नति व अनेकानेक लाभ August 10, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर इस सृष्टि का रचयिता व पालक है। मनुष्य व अन्य सभी प्राणियों को जन्म देने वाला भी वह ईश्वर ही है। मनुष्य का जन्म माता-पिता से एक शिशु के रूप में होता है। जन्म व उसके बाद लम्बी अवधि तक यह नवजात शिशु न बोल पाता है, न चल-फिर पाता है […] Read more » आर्यसमाज का सदस्य जीवन की उन्नति
धर्म-अध्यात्म आघुनिक काल में सभी मतों का अन्धविश्वास-ग्रस्त होना और उन्हें दूर करने में उदासीन होना महान आश्चर्य August 5, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों की समस्त जनसंख्या इस भूगोल के प्रायः सभी व अनेक भागों में बस्ती है। सारी जनसंख्या आस्तिक व नास्तिक दो मतों व विचारधाराओं में बटी हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो ईश्वर व जीवात्मा के अस्तित्व को न तो जानते हैं और मानते हैं। वह खुल कर कहते हैं कि […] Read more » सभी मतों का अन्धविश्वास-ग्रस्त