धर्म-अध्यात्म सूक्ष्म ईश्वर स्थूल न होने के कारण आंखों से दिखाई नहीं देता February 21, 2016 by मनमोहन आर्य | 5 Comments on सूक्ष्म ईश्वर स्थूल न होने के कारण आंखों से दिखाई नहीं देता मनमोहन कुमार आर्य संसार के अधिकांश लोग ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और बहुत से ऐसे भी है जो ईश्ष्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं रखते। आंखों से दिखाई न देने के कारण वह ईश्वर की सत्ता से इनकार कर देते हैं। इन भाइयों को यह नहीं पता की सूक्ष्म पदार्थ आंखों से […] Read more » सूक्ष्म ईश्वर स्थूल न होने के कारण आंखों से दिखाई नहीं देता
धर्म-अध्यात्म शख्सियत आर्यसमाज के गगन मण्डल में चमकते नक्षत्र पं. चमूपति February 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द आर्यसमाज के संस्थापक व निर्माता हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों की सत्य मान्यताओं, सिद्धान्तों व शिक्षाओं का जनसामान्य में प्रचार करने के लिए 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। वस्तुतः आर्यसमाज संसार से अविद्या का नाश करने तथा विद्या की वृद्धि करने का […] Read more » Acharya Pandit Chamupati Featured आर्यसमाज के गगन मण्डल में चमकते नक्षत्र पं. चमूपति
धर्म-अध्यात्म ‘अनादि अविनाशी जीवात्मा कर्मानुसार जन्म-मरण-जन्म के चक्र अर्थात् पुनर्जन्म में आबद्ध’ February 20, 2016 / February 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में जन्म लेता है, अधिकतर 100 वर्ष जीवित रहता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जिस संसार व पृथिवी पर हम रहते हैं उसे हमने व हमारे पूर्वजों ने बनाया नहीं है अपितु उन्हें यह सृष्टि बनी बनाई मिली थी। इस संसार को किसने बनाया, इसका शास्त्र व […] Read more » अनादि अविनाशी जन्म-मरण-जन्म के चक्र जीवात्मा पुनर्जन्म में आबद्ध’
धर्म-अध्यात्म ‘वेद में पशु हत्या निषेध, पशु रक्षा का विधान और मांसाहार’ February 20, 2016 / February 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य अनेक अज्ञानी व स्वार्थी लोग बिना प्रमाणों के प्राचीन आर्यों पर मांसाहार का मिथ्या आरोप लगाते हैं। वह स्वयं मांसाहार करते हैं अतः समझते हैं कि इस आरोप को लगाकार उनका मांसाहार करना उचित ठहरा दिया जायेगा और कम से कम वेदों के मानने वाले आर्य तो उनका विरोध नहीं कर सकेंगे। […] Read more » पशु रक्षा का विधान पशु हत्या मांसाहार वेद में पशु हत्या निषेध
धर्म-अध्यात्म आत्मा को भुला देने से विश्व में अशान्ति आदि समस्त समस्यायें February 18, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों द्वारा अपनी आत्मा व शरीर में भेद न करने व आत्मा व शरीर को एक मान लेने के कारण ही विश्व में अशान्ति व नाना प्रकार की समस्यायें हैं। इन सबका हल यही है कि संसार के सभी मनुष्य आत्मा के यथार्थ स्वरूप को जानें। इसके लिए यह आवश्यक है कि […] Read more » आत्मा को भुला देने से विश्व में अशान्ति आदि समस्त समस्यायें
धर्म-अध्यात्म गृहस्थ आश्रम पर महर्षि दयानन्द के कुछ ग्राह्य विचार February 18, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द सिद्ध योगी और बाल ब्रह्मचारी थे। उन्होंने समस्त वेदों एवं वैदिक साहित्य का तलस्पर्शी अध्ययन किया था और अपनी ऊहापोह व तर्कणा शक्ति से उसका मन्थन कर सत्य व असत्य विचारों व मान्यताओं को पृथक-पृथक किया था। देश हित में उन्होंने वेदों का उद्धार व समाज सुधार के अनेकानेक कार्य […] Read more » गृहस्थ आश्रम पर महर्षि दयानन्द के कुछ ग्राह्य विचार
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द का प्रो. मैक्समूलर पर चमत्कारिक प्रभाव February 15, 2016 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on महर्षि दयानन्द का प्रो. मैक्समूलर पर चमत्कारिक प्रभाव मनमोहन कुमार आर्य प्रोफेसर मैक्समूल जर्मनी में जन्में इंग्लैण्ड के निवासी और संस्कृत के जानकार विद्वान थे। अंग्रेजों ने भारत में अपने ब्रिटिश राज्य व ईसाईयत की गहरी जड़े जमाने के लिए उनका उपयोग किया था। उन्हें आर्थिक प्रलोभन व सहायता का प्रस्ताव किया गया था जब कि उन्हें इसकी अत्यन्त आवश्यकता थी। वह ईसाई […] Read more » महर्षि दयानन्द का प्रो. मैक्समूलर पर चमत्कारिक प्रभाव
धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ ईश्वर का अवतार होना सत्य वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है। February 13, 2016 / February 13, 2016 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on ईश्वर का अवतार होना सत्य वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है। मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद भारत में ज्ञान का लोप होने से अन्धकार फैला। ऐसे ही समय में वेद व वैदिक साहित्य से अनेक प्रसंगों में अज्ञान व कल्पनाओं का मिश्रण कर संस्कृत व काव्य रचने में प्रवीण विद्वानों ने पुराणों आदि ग्रन्थों की रचना की। ऐसे ही समय में, देश, काल व […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म पाप दूर करने का वैदिक साधन अघमर्षण के तीन मन्त्र व उनके अर्थ February 12, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जाग्रत अवस्था में कोई न कोई कर्म अवश्य करता है। यह कर्म दो प्रकार के होते हैं जिन्हें शुभ व अशुभ अथवा पुण्य व पाप कह सकते हैं। मनुष्य का जन्म ही पूर्वजन्मों के शुभ व अशुभ कर्मों के फलों के भोग के लिए हुआ है। शुभ व सत् कर्मों का […] Read more » ‘पाप दूर करने का वैदिक साधन अघमर्षण के तीन मन्त्र व उनके अर्थ’ ‘पाप दूर करने के तीन मन्त्र व उनके अर्थ’
धर्म-अध्यात्म पृथिवी पर श्रेष्ठ धर्म वैदिक धर्म और श्रेष्ठ संगठन आर्यसमाज February 10, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर, जीवात्मा और प्रकृति का अस्तित्व सत्य है। किसी भी विषय में सत्य केवल एक ही होता है। जिस प्रकार दो व दो को जोड़ने से चार होता है, कुछ कम व अधिक नहीं हो सकता इसी प्रकार ईश्वर, जीव, प्रकृति, सृष्टि, धर्म, समाज, मानवीय आचार व विचार आदि सिद्धान्त व मान्यतायें […] Read more » पृथिवी पर श्रेष्ठ धर्म वैदिक धर्म श्रेष्ठ संगठन आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का साक्षात्कार समाधि अवस्था में ही सम्भव February 9, 2016 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ईश्वर का साक्षात्कार समाधि अवस्था में ही सम्भव संसार के अधिकांश मत-सम्प्रदाय और लोग ईश्वर के अस्तित्व को मानते हैं और यह भी स्वीकार करते हैं कि इस संसार को उसी ने बनाया है। यह बात अलग है कि सृष्टि रचना के बारे में वेद मत के आचार्यों व अनुयायियों के अतिरिक्त अन्य मत के आचार्यों व अनुयायियों को वैसा यथार्थ ज्ञान […] Read more » ईश्वर का साक्षात्कार समाधि अवस्था में ही सम्भव
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म समाज धर्म और हिन्दू संस्कृति के विभिन्न रूप February 9, 2016 / February 10, 2016 by डा. संतोष राय | 1 Comment on धर्म और हिन्दू संस्कृति के विभिन्न रूप संतोष राय धर्म का अनुवाद जब से Religion हुआ है तब से यही प्रचलित हो गया है की धर्म का अर्थ एक पूजा पद्धति से है अथवा किसी सम्प्रदाय से है जिसका मैं पूर्ण रूप से खंडन करता हूँ । धर्म एक संस्कृत शब्द है और धर्म का अर्थ तो बहुत व्यापक है और […] Read more » Featured धर्म हिन्दू संस्कृति के विभिन्न रूप