धर्म-अध्यात्म वेदों का ज्ञान और समाज का पुराण वर्णित अन्ध विश्वासों का आचरण September 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सृष्टि की रचना करने के बाद से ईश्वर मनुष्यों को जन्म देता, पालन करता व उनकी सभी सुख सुविधा की व्यवस्थायें करता चला आ रहा है। हमारी यह सृष्टि लगभग 1 अरब 96 करोड़ वर्ष पूर्व ईश्वर के द्वारा अस्तित्व में आई है। सृष्टि को बनाकर ईश्वर ने वनस्पतियों व प्राणीजगत को बनाया और इसमें […] Read more » Featured अन्ध विश्वासों का आचरण वेदों का ज्ञान
धर्म-अध्यात्म दक्षिण भारत के संत (१६) त्यागराजा September 16, 2015 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल जिस व्यक्ति को भारत के शास्त्रीय संगीत में थोड़ी भी रुचि होगी उसे संगीतकार त्यागराज के बारे में अवश्य जानकारी होगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत को दो भागों में बांटा जाता है – उत्तरी और दक्षिणी । उत्तरी को हिंदुस्तानी संगीत कहते हैं और दक्षिणी को कर्नाटक संगीत कहा जाता है। कर्नाटक […] Read more » Featured त्यागराजा दक्षिण भारत के संत
धर्म-अध्यात्म ईश्वर व जीवात्मा के यथार्थ ज्ञान में आधुनिक विज्ञान भ्रमित है। September 13, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ईश्वर व जीवात्मा के यथार्थ ज्ञान में आधुनिक विज्ञान भ्रमित है। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने मनुष्य का जीवन जहां आसान व सुविधाओं से पूर्ण बनाया है वहां अनेक समस्यायें एवं सामाजिक विषमतायें आदि भी उत्पन्न हुई हैं। विज्ञान व ज्ञान से युक्त मनुष्यों से अपेक्षा की जाती है कि वह जिस बात को जितना जाने उतना कहें और जहां उनकी पहुंच […] Read more » Featured आधुनिक विज्ञान
धर्म-अध्यात्म सभी चार आश्रमों में श्रेष्ठ व ज्येष्ठ गृहस्थाश्रम September 11, 2015 / September 11, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वैदिक जीवन चार आश्रम और चार वर्णों पर केन्द्रित व्यवस्था व प्रणाली है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास यह चार आश्रम हैं और शूद्र, वैश्य, क्षत्रिय और ब्राह्मण यह चार वर्ण कहलाते हैं। जन्म के समय सभी बच्चे शूद्र पैदा होते हैं। गुरूकुल व विद्यालय में अध्ययन कर उनके जैसे गुण-कर्म-स्वभाव व योग्यता होती है […] Read more » Featured गृहस्थाश्रम सभी चार आश्रमों में श्रेष्ठ व ज्येष्ठ
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द और हिन्दी September 10, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment भारतवर्ष के इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने पराधीन भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए हिन्दी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण जानकर मन, वचन व कर्म से इसका प्रचार-प्रसार किया। उनके प्रयासों का ही परिणाम था कि हिन्दी शीघ्र लोकप्रिय हो गई। यह ज्ञातव्य है कि हिन्दी को स्वामी दयानन्द जी […] Read more » स्वामी दयानन्द स्वामी दयानन्द और हिन्दी हिन्दी
धर्म-अध्यात्म संसार में मनुष्यों के कर्तव्य संबंधी ज्ञान-विज्ञान का सर्वोत्तम ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश September 9, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment कबीर दास जी ने सत्य की महिमा को बताते हुए कहा है कि ‘सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप, जाके हृदय सांच है ताके हृदय आप’ वस्तुतः संसार में सत्य से बढ़कर कुछ नहीं है। ईश्वर, जीव व प्रकृति सत्य हैं अर्थात् इनका संसार में अस्तित्व है। बहुत से सम्प्रदायों व स्वयं को ज्ञानी […] Read more » Featured सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म देश के कर्णधार हमारे शिक्षक व शिष्य कैसे हों? September 9, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on देश के कर्णधार हमारे शिक्षक व शिष्य कैसे हों? शिक्षा देने व विद्यार्थियों को शिक्षित करने से अध्यापक को शिक्षक व शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिष्य कहा जाता है। आजकल हमारे शिक्षक बच्चों को अक्षर व संख्याओं का ज्ञान कराकर उन्हें मुख्यतः भाषा व लिपि से परिचित कराने के साथ गणना करना सिखाते हैं। आयु वृद्धि के साथ साथ बच्चा भाषा, कविता, […] Read more » देश के कर्णधार हमारे शिक्षक शिष्य कैसे हों
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, वेद, राजर्षि मनु व महर्षि दयानन्द सम्मत शासन प्रणाली September 8, 2015 / September 8, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने सप्रमाण घोषणा की थी कि वेद ईश्वरीय ज्ञान है एवं यही धर्म व सभी सत्य विद्याओं के आदि ग्रन्थ होने से सर्वप्राचीन एवं सर्वमान्य हैं। यदि ऐसा है तो फिर वेद में देश की राज्य व शासन व्यवस्था कैसी हो, इस पर भी विचार मिलने ही चाहियें। महर्षि दयानन्द […] Read more » Featured ईश्वर महर्षि दयानन्द सम्मत शासन प्रणाली राजर्षि मनु वेद
धर्म-अध्यात्म योगेश्वर श्री कृष्ण जन्म दिवस पर्व और शिक्षक दिवस September 7, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महत्व और उपादेयता मनमोहन कुमार आर्य, भारतीय धर्म व संस्कृति के गौरव योगेश्वर श्रीकृष्ण का आज जन्म दिवस है। हमें और हमारे देश को इस बात का गौरव है कि योगेश्वर श्रीकृष्ण, मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम और वेद, वैदिक धर्म और संस्कृति के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द आदि अनेक महापुरूषों के समान विश्व में ऐसे गौरवमय जीवन […] Read more » कृष्ण जन्म कृष्ण जन्म दिवस पर्व शिक्षक दिवस
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द की प्रमाणित जन्म तिथि September 7, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment महर्षि दयानन्द ने पहले पूना प्रवचन और बाद में थ्योसोफिकल सोसायटी के लिए अपना संक्षिप्त आत्मकथन लिखते हुए, इन दो अवसरों पर न तो अपने जन्म स्थान को ही पूरी तरह से सूचित किया और न हि जन्म के मास व तिथि का उल्लेख किया। अतः उनके सुविज्ञ अनुयायियों पर यह दायित्व आ गया कि […] Read more » महर्षि दयानन्द की प्रमाणित जन्म तिथि
धर्म-अध्यात्म आत्मकथा नहीं परमात्मकथा है यह September 7, 2015 by अविनाश वाचस्पति | Leave a Comment अविनाश वाचस्पति जिसे हम आत्मकथा कहते हैं दरअसल वह परमात्मकथा है। अंत में मा आता है यानी मां। अपने कंट्रोल में कुछ भी तो नहीं है। सब कुछ या तो मां के गर्भ में है अथवा परमात्मा के कंट्रोल में। इस कंट्रोल में रोल जरूर मां का है पर वह भी परमात्मा की मर्जी पर […] Read more » Featured
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार शोषणकारी व्यवस्था के विरुद्ध थे श्रीकृष्ण September 4, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः-5 सितंबर श्रीकृष्ण जन्माश्टमी के अवसर पर विषेश प्रमोद भार्गव कृष्ण बाल जीवन से ही जीवनपर्यंत समााजिक न्याय की स्थापना और असमानता को दूर करने की लड़ाई देव व राजसत्ता से लड़ते रहे। वे गरीब की चिंता करते हुए खेतीहर संस्कृति और दुग्ध क्रांति के माध्यम से ठेठ देशज अर्थ व्यवस्था की स्थापना और […] Read more » श्रीकृष्ण जन्माश्टमी