Category: धर्म-अध्यात्म

धर्म-अध्यात्म

महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन, समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ?

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–मनमोहन कुमार आर्य–  महर्षि दयानन्द ने सन् 1863 में दण्डी स्वामी प्रज्ञाचक्षु गुरू विरजानन्द से अध्ययन पूरा कर कार्य क्षेत्र में पदार्पण किया था। उन दिनों में देश में अज्ञान, धार्मिक व सामाजिक अन्घविश्वास, कुरीतियां व अधर्म इतना अधिक बढ़ गया था कि इन बुराईयों से मुक्त होने का न तो किसी के पास कोई […]

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धर्म-अध्यात्म विविधा

पृथ्वी की आकर्षण शक्ति संबंधी कुछ शास्त्रीय प्रमाण

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–मनमोहन कुमार आर्य- गुरूत्वाकर्षण के नियम वा सिद्धान्त के बारे में क्या वैदिक साहित्य में कुछ उल्लेख मिलता है, यह प्रश्न वैदिक धर्म व संस्कृति के अनुयायियों व प्रशंसकों को उद्वेलित करता है। महर्षि दयानन्द ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका में आकर्षणानुकर्षण अध्याय में वेदों में विद्यमान मन्त्रों को प्रस्तुत कर इस विषय […]

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