आर्थिकी जरूर पढ़ें धर्म-अध्यात्म घातिनी अर्थवृत्ति May 1, 2015 by राम सिंह यादव | Leave a Comment शनै: शनै: करके वक्त बीत चला है। 2014 की ईस्वी भी डूब चुकी है। चंद सफ़ेद पन्ने हैं जिन पर इतिहास छप चुका है. कुछ पन्ने फड़फड़ा कर चहक रहे हैं तो कुछ भीगे हुये दर्द और स्याह की खामोश दास्तानों से लिपटे हुये खामोश से पड़े हैं। हजारों सालों से सभ्यताओं की जो टूटी […] Read more » Featured
धर्म-अध्यात्म जन्मना जाति व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था और स्वामी श्रद्धानन्द May 1, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वामी श्रद्धानन्द महर्षि दयानन्द के अनुयायी, आर्य समाज के नेता, प्राचीन वैदिक शिक्षा गुरूकुल प्रणाली के पुनरुद्धारक, स्वतन्त्रता संग्राम के अजेय सेनानी, अखिल भारतीय हिन्दू शुद्धि सभा के प्रधान थे। हिन्दू जाति को संगठित एवं शक्तिशाली बनाने के लिए आपने एक पुस्तक ‘हिन्दू संगठन – क्यों और कैसे?’ का प्रणयन किया था। यह पुस्तक प्रथववार […] Read more » Featured जन्मना जाति व्यवस्था वर्ण व्यवस्था स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५९ (अंतिम कड़ी) May 1, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on यशोदानंदन-५९ (अंतिम कड़ी) उद्धव को अब प्रतीत हुआ – राधा की ऊंचाई तो आकाश से भी ऊंची है। “इधर देखो, उद्धव! राधा ने अचानक उद्धव का ध्यान खींचा। एक अश्वत्थ वृक्ष के नीचे, कालिन्दी के प्रवाह के कारण चिकनी हुई एक शिला पड़ी थी। “जिस दिन सभी ग्वाल-बाल श्रीकृष्ण के साथ मथुरा गए थे, उस दिन की पिछली […] Read more » Featured यशोदानंदन-५९
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५८ April 30, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- “राधा!” उद्धव के कंठ से अस्फुट स्वर निकला। “कौन, उद्धव?” राधा का प्रतिप्रश्न उद्धव जी ने सुना। गोपियों से बात करते-करते, उन्हें समझाते-बुझाते सूरज कब पश्चिम के क्षितिज पर पहुंच गया उद्धव जी को पता ही नहीं चला। राधा ने उद्धव जी के पास आने की आहट भी नहीं सुनी। उद्धव जी […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५८ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन, समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ? April 30, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन, समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ? –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द ने सन् 1863 में दण्डी स्वामी प्रज्ञाचक्षु गुरू विरजानन्द से अध्ययन पूरा कर कार्य क्षेत्र में पदार्पण किया था। उन दिनों में देश में अज्ञान, धार्मिक व सामाजिक अन्घविश्वास, कुरीतियां व अधर्म इतना अधिक बढ़ गया था कि इन बुराईयों से मुक्त होने का न तो किसी के पास कोई […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन वेद वेद प्रचार समाज सुधार समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ?
धर्म-अध्यात्म जाली दार टोपी नहीं को न, पर अजमेर शरीफ को चादर हां… April 29, 2015 / April 29, 2015 by मुकुल मिश्रा | 1 Comment on जाली दार टोपी नहीं को न, पर अजमेर शरीफ को चादर हां… -मुकुल मिश्रा- भारत के (राष्ट्रवादी) प्रधानमंत्री व सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनैतिक पार्टियो के “राजनीतिज्ञ कीटाणु” अजमेर उर्स के अवसर पर मोइनुद्दीन की मजार पर चादर जरुर चढ़ाते हैं और एक संदेश भेजते है, आम जनता के नाम “ख्वाजा साहब ने अवाम को अमन चैन और शान्ति का पैगाम दिया है, वे शान्ति के प्रतीक हैं, वे साम्प्रदायिक […] Read more » Featured अजमेर अजमेर शरीफ जाली दार टोपी नहीं को न पर अजमेर शरीफ को चादर हां
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५७ April 29, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment – विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण का लिखित संदेश उद्धव जी लेकर आये थे। उसे पाने के लिए सभी गोपियां अत्यन्त उद्विग्न थीं। किसी एक को लिखित संदेश देने पर छीनाझपटी की प्रबल संभावना देख उद्धव जी ने गोपियों के समक्ष संदेश पढ़ना ही उचित समझा। उन्हें आश्वस्त किया कि वे भगवान के शब्दों का ही […] Read more » Featured कृष्ण गोपी यशोदा यशोदानंदन-५७ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म विविधा पृथ्वी की आकर्षण शक्ति संबंधी कुछ शास्त्रीय प्रमाण April 29, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on पृथ्वी की आकर्षण शक्ति संबंधी कुछ शास्त्रीय प्रमाण –मनमोहन कुमार आर्य- गुरूत्वाकर्षण के नियम वा सिद्धान्त के बारे में क्या वैदिक साहित्य में कुछ उल्लेख मिलता है, यह प्रश्न वैदिक धर्म व संस्कृति के अनुयायियों व प्रशंसकों को उद्वेलित करता है। महर्षि दयानन्द ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका में आकर्षणानुकर्षण अध्याय में वेदों में विद्यमान मन्त्रों को प्रस्तुत कर इस विषय […] Read more » Featured आकर्षण शक्ति पृथ्वी पृथ्वी की आकर्षण शक्ति संबंधी कुछ शास्त्रीय प्रमाण शास्त्रीय प्रमाण
धर्म-अध्यात्म विविधा सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति April 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- ईश्वर ने मनुष्य को ऐसा प्राणी बनाया है जिसमें शक्ति वा ऊर्जा की प्राप्ति के लिए इसे भोजन की आवश्यकता पड़ती है। यदि इसे प्रातः व सायं दो समय कुछ अन्न अर्थात् रोटी, सब्जी, दाल, कुछ दुग्ध व फल आदि मिल जायें तो इसका जीवन निर्वाह हो जाता है। भोजन के बाद […] Read more » Featured ईश्वर महर्षि दयानंद वेद सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५६ April 28, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- उद्धव ने प्रत्यक्ष देखा कि श्रीकृष्ण के स्नेहपाश में बंधे नन्द बाबा और मातु यशोदा अपने पुत्र के असामान्य कार्यों का वर्णन करते-करते अत्यन्त व्याकुल हो गए और कुछ न बोल सके। दोनों का एक-एक पल श्रीकृष्ण के चिन्तन को समर्पित था। उनके अगाध वात्सल्य, प्रेम और स्नेह से उद्धव भी अभिभूत […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५६ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५५ April 27, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण ने वृन्दावनवासियों को सांत्वना देने के लिए अपने परम सखा उद्धव को गोकुल भेजने का निर्णय लिया। वे श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे। उद्धव जी वृष्णिवंश के एक श्रेष्ठ व्यक्ति थे। वे देवताओं के गुरु बृहस्पति के शिष्य थे। वे अत्यन्त बुद्धिमान तथा निर्णय लेने में सक्षम थे। उनकी तर्कशक्ति अनुपम थी। अपनी वाक्पटुता […] Read more » यशोदानंदन
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५४ April 27, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment तात वसुदेव और माता देवकी को साथ लेकर श्रीकृष्ण-बलराम विशिष्ट यादव सामन्तों के साथ महाराज उग्रसेन को मुक्त करने हेतु मुख्य कारागार की ओर चल पड़े। महाराज उग्रसेन और महारानी के पैर बेड़ियों से जकड़े हुए थे। यादवों ने अविलंब उनकी बेड़ियां खोलीं। अब वे स्वतंत्र थे। दोनों के नेत्र अश्रु-वर्षा कर रहे थे। पुत्र […] Read more » यशोदानंदन