धर्म-अध्यात्म भारतीय चिंतन में ब्रह्म निरूपण January 13, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on भारतीय चिंतन में ब्रह्म निरूपण हृदयनारायण दीक्षित अस्तित्व सुरम्य है। रूपों रहस्यों से भरा-पूरा। यहां रूप के साथ रस, गंध, ध्वनि छन्द का वातायन है। जन्म मृत्यु की आंख मिचौनी है। ऐसा विराट अस्तित्व क्या अकारण है? प्रत्येक कार्य के पहले कारण होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण में कार्य कारण की महत्ता है। ‘श्वेताश्वतर उपनिषद्’ की शुरूवात सृष्टि के बारे में […] Read more » Indian भारतीय
धर्म-अध्यात्म मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में शरीयत आधारित इंडेक्स शुरु… January 10, 2011 / December 16, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | Leave a Comment सुरेश चिपलूनकर भारत में इस्लामिक बैंक की स्थापना के प्रयासों में मुँह की खाने के बाद, एक अन्य “सेकुलर” कोशिश के तहत मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में एक नया इंडेक्स शुरु किया गया है जिसे “मुम्बई शरीया-इंडेक्स” नाम दिया गया है। बताया गया है कि इस इंडेक्स में सिर्फ़ उन्हीं टॉप 50 कम्पनियों को शामिल किया गया […] Read more » Islam इस्लाम सूद
धर्म-अध्यात्म फतवा एक सलाह है, फरमान नहीं January 8, 2011 / December 16, 2011 by वसीम अकरम | Leave a Comment वसीम अकरम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित भारत में मुसलमानों के लिए शिक्षा की सबसे बडी संस्था दारुल ओलूम देवबंद ने मुसलमानों की जिंदगी से जुड़े सवालों पर जवाब देते हुए पिछले साल कई फतवे जारी किया और चरचा में रही. देवबंद ने इस साल 5 जनवरी को भी एक अहम फतवा जारी कर […] Read more » Islam इस्लाम फतवा सूद
धर्म-अध्यात्म संपत्ति का सदुपयोग January 6, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on संपत्ति का सदुपयोग चन्द्रशेखर त्रिपाठी आज का समाचार पत्र पढ़ा तो पता चला कि देश के मंदिरों में से एक, जहाँ रोज ही भीड़ बढ़ती जा रही है, शिरडी के साईं बाबा की संपत्ति अरबों में है. आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार मंदिर के पास 32 करोड़ रुपये मूल्य की ज्वेलरी है। मंदिर ट्रस्ट के पास 24.41 करोड़ से […] Read more » Property संपत्ति
धर्म-अध्यात्म सत्य की जन्मतिथि नहीं होती January 5, 2011 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हृदयनारायण दीक्षित सत्य सदा से है, सनातन है, चिरंतन है। गीता भारतीय अनुभूति का सत्यदर्शन है। पिछले सप्ताह (17 दिसम्बर) गीता जयंती के उल्लास थे। जयन्ती का मतलब जन्मतिथि नहीं होता। जयन्ती का जय सत्य की विजय है। तत्वबोध ही आनंदमगन विश्व की गारंटी है लेकिन विश्व तनावग्रस्त है। मनुष्य का वर्तमान ‘भविष्य तनाव’ में […] Read more » Birthdate सत्य
धर्म-अध्यात्म दुख का बोध और योगसिद्धि का आनंद January 5, 2011 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हृदयनारायण दीक्षित दुख और सुख सामान्य संसारी अनुभव हैं लेकिन ‘दुख की संरचना का बोध’ सौभाग्यशाली अनुभूति है। यही बोध कपिल को हुआ था, दुख बोध से ही विश्वविख्यात् सांख्यदर्शन उगा। महात्मा बुध्द का नाम बोधिसत्व से बुद्ध हुआ, दुख संरचना के गहन बोध की बुध्द कथा सारी दुनिया जानती है। ऋषि कणाद का परमाणुवाद […] Read more » Yogsiddhi योगसिद्धि
धर्म-अध्यात्म बीसवी शती में वेदों का प्रकटीकरण? December 26, 2010 / December 18, 2011 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on बीसवी शती में वेदों का प्रकटीकरण? डॉ. मधुसूदन मेरा एक मित्र भारत जा रहा था। उस के द्वारा मैंने एक ”छंदो दर्शन” नामक पुस्तक, यूं सोच कर, कि कविता के छंदों की पुस्तक होगी, जो भारतीय विद्या भवन ने प्रकाशित की थी, मंगाई। पर मेरे आश्चर्य का पार न रहा, जब मैं ने उसे खोला, तो, वह आधुनिक समय में प्रकट […] Read more » Ved ऋग्वेद वेद
धर्म-अध्यात्म हम कमज़ोर हैं क्या? December 26, 2010 / December 18, 2011 by डॉ. राजेश कपूर | 9 Comments on हम कमज़ोर हैं क्या? डॉ. राजेश कपूर कई बार सच हमारे सामने होता है पर हम उसे देख नहीं पाते. भारत पर इस्लामी आक्रमणों के बारे में कुछ ऐसा ही हुआ है. अपनी स्थापना के चन्द दशकों के भीतर इस्लाम ने सारे अरब, अफ्रीका, आधे यूरोप को जीत लिया. इतिहास में ऐसा जोश और किसी में नज़र नहीं आता. […] Read more » hindu इस्लाम हिंदू
धर्म-अध्यात्म ”वर्णसंकर हिन्दु ही नकार सकता है राम का अस्तित्व” December 26, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ”वर्णसंकर हिन्दु ही नकार सकता है राम का अस्तित्व” सनातन धर्म हिन्दु समाज के रग-रग में बसे भगवान राम के बारे में शायद ही कोई अभागा व्यक्ति होगा जो नही जानता होगा कि भगवान राम कौन थे? उनकी जन्मस्थली किस जगह पर हैं? जो व्यक्ति सनातन धर्म हिन्दु समाज से नहीं हैं अर्थात जो अन्य देश या धर्मों से जुड़े हैं वही व्यक्ति श्रीराम […] Read more » Shri Ram श्री राम
धर्म-अध्यात्म धार्मिक प्रसारण की साम्प्रदायिक रंगतें December 25, 2010 / December 18, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on धार्मिक प्रसारण की साम्प्रदायिक रंगतें जगदीश्वर चतुर्वेदी धर्म को जनमाध्यमों के जरिए प्रक्षेपित करने के साथ ही, धर्म अब निजी मसला नहीं रह जाता। यह अंधलोकवाद का अंग बनकर लोकवादी (मासकल्चर) संस्कृति की इकाई के तौर पर भूमिका अदा करने लगता है। जनसमाज में धर्म की शक्ल एक माल की हो जाती है। वह लोगों में बिक्रीयोग्य होता है और […] Read more » Sectarianism साम्प्रदायिकता
धर्म-अध्यात्म आस्था तत्व के बिना तो साहित्य रचना ही असंभव है December 25, 2010 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज जैन | Leave a Comment डॉं. मनोज जैन सारांश : भारतीय दर्शन में परमात्मा को समस्त क्लेशों की शान्ति का उपाय स्वीकार किया है, और आस्था तत्व से ऐसा ही प्रतीत होता है कि परमात्म तत्व के प्रति अगाध श्रध्दा। वास्तव में परमात्मा या प्रकृति दौनों ही तत्वों के प्रति आस्था व्यक्ति के तम, रज या सत गुण से प्रभावित […] Read more » Belief आस्था
धर्म-अध्यात्म जिंदा इस्लाम को किया तूने December 22, 2010 / December 18, 2011 by तनवीर जाफरी | 6 Comments on जिंदा इस्लाम को किया तूने तनवीर जाफ़री इस्लामी नववर्ष का पहला महीना अर्थात् मोहर्रम शुरु हो चुका है। माह-ए- मोहर्रम की 10वीं तारीख यानी रोज़-ए-आशूरा गत दिनों पूरे विश्व में शहीद-ए-करबला हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मनाया गया। हालांकि पूरी दुनिया नववर्ष का हर्षोल्लास के साथ स्वागत करती है। परंतु इसे इस्लाम धर्म का दुर्भाग्य ही […] Read more » Islam इस्लाम मुसलमान